ETV Bharat / state

यूपी में हवाएं हो रही हैं जहरीली, वायु प्रदूषण रोकने को एक्शन प्लान फेल

उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं प्रदूषण को रोकने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नाकाम दिख रहा है. पढ़ें ये खास रिपोर्ट.

यूपी में लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण.
author img

By

Published : Nov 1, 2019, 2:49 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाख दावों के बावजूद एक्शन प्लान धरातल पर नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश और राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. अधिकारी सिर्फ बयानों तक सीमित रह गए हैं. धरातल तक एक्शन प्लान नजर नहीं आ रहा है.

यूपी में लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दावे फेल
दीपावली के बाद से राजधानी लखनऊ सहित एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है. लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं यूपी के अन्य शहरों की स्थिति और भी खतरनाक है. सबसे खतरनाक स्थिति गाजियाबाद और अन्य शहरों की है, जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 753 से 767 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दावे फेल हो रहे हैं. धरातल पर वायु प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण कार्यों में ग्रीन पर्दे लगाना, उन्हें ढंकने का काम, पानी का छिड़काव, कूड़ा जलाना और पराली जलाने पर रोक के उपाय एक्शन प्लान के मुताबिक नजर नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता चला जा रहा है.

नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि एक्शन प्लान के अनुसार नगर निगम काम कर रहा है. हमारा प्रयास है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए. हम पेड़ों में पानी से छिड़काव और नाइट स्वीपिंग मशीनों से सफाई करा रहे हैं. कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है और अन्य तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके.

दावे हवा हवाई, खुलेआम हो रहे निर्माण कार्य, न ग्रीन पर्दे और न पानी का छिड़काव
अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद निर्माणाधीन इमारतों या अन्य जो निर्माणाधीन साइट से वहां पर एक्शन प्लान फेल होता हुआ नजर आ रहा है लखनऊ के कई इलाकों में जो निर्माण के कार्य हो रहे हैं उन्हें ग्रीन पदों से ढका नहीं गया बालू मौरंग व मिट्टी में पानी का छिड़काव नहीं हो रहा और खुलेआम सड़कों के किनारे निर्माण कार्य हो रहे हैं जिससे धूल के कण हवा में मिल रहे हैं और हवा जहरीली हो रही है.

पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण का कहना है कि एयर पोलूशन कम करने के लिए हम लोग लगातार काम कर रहे हैं. जो निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन है उन पर ग्रीन पर्दे डालने की व्यवस्था की जा रही है. उन्हें चिन्हित करने का भी काम हो रहा है, जिससे जो धूल-मिट्टी है वह हवा में ना मिलने पाए. कई इलाकों में हम कूड़ा जलाने पर भी रोक लगा रहे हैं. हर स्तर पर वायु प्रदूषण कम करने के लिए काम किया जा रहा है, जो लोग वायु प्रदूषण कर रहे हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है.

वायु प्रदूषण का स्तर
वायु प्रदूषण कम होने के बजाए लगातार बढ़ रहा है. लखनऊ में वायु प्रदूषण पिछले कुछ दिनों में लगातार बढ़ी है. बागपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स 694, गाजियाबाद में 753, हापुड़ में 767, मुरादाबाद में 379, गौतमबुद्धनगर में 658, बुलंदशहर में 483 की स्थिति बनी हुई है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाख दावों के बावजूद एक्शन प्लान धरातल पर नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश और राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. अधिकारी सिर्फ बयानों तक सीमित रह गए हैं. धरातल तक एक्शन प्लान नजर नहीं आ रहा है.

यूपी में लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दावे फेल
दीपावली के बाद से राजधानी लखनऊ सहित एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है. लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं यूपी के अन्य शहरों की स्थिति और भी खतरनाक है. सबसे खतरनाक स्थिति गाजियाबाद और अन्य शहरों की है, जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 753 से 767 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दावे फेल हो रहे हैं. धरातल पर वायु प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण कार्यों में ग्रीन पर्दे लगाना, उन्हें ढंकने का काम, पानी का छिड़काव, कूड़ा जलाना और पराली जलाने पर रोक के उपाय एक्शन प्लान के मुताबिक नजर नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता चला जा रहा है.

नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि एक्शन प्लान के अनुसार नगर निगम काम कर रहा है. हमारा प्रयास है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए. हम पेड़ों में पानी से छिड़काव और नाइट स्वीपिंग मशीनों से सफाई करा रहे हैं. कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है और अन्य तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके.

दावे हवा हवाई, खुलेआम हो रहे निर्माण कार्य, न ग्रीन पर्दे और न पानी का छिड़काव
अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद निर्माणाधीन इमारतों या अन्य जो निर्माणाधीन साइट से वहां पर एक्शन प्लान फेल होता हुआ नजर आ रहा है लखनऊ के कई इलाकों में जो निर्माण के कार्य हो रहे हैं उन्हें ग्रीन पदों से ढका नहीं गया बालू मौरंग व मिट्टी में पानी का छिड़काव नहीं हो रहा और खुलेआम सड़कों के किनारे निर्माण कार्य हो रहे हैं जिससे धूल के कण हवा में मिल रहे हैं और हवा जहरीली हो रही है.

पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण का कहना है कि एयर पोलूशन कम करने के लिए हम लोग लगातार काम कर रहे हैं. जो निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन है उन पर ग्रीन पर्दे डालने की व्यवस्था की जा रही है. उन्हें चिन्हित करने का भी काम हो रहा है, जिससे जो धूल-मिट्टी है वह हवा में ना मिलने पाए. कई इलाकों में हम कूड़ा जलाने पर भी रोक लगा रहे हैं. हर स्तर पर वायु प्रदूषण कम करने के लिए काम किया जा रहा है, जो लोग वायु प्रदूषण कर रहे हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है.

वायु प्रदूषण का स्तर
वायु प्रदूषण कम होने के बजाए लगातार बढ़ रहा है. लखनऊ में वायु प्रदूषण पिछले कुछ दिनों में लगातार बढ़ी है. बागपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स 694, गाजियाबाद में 753, हापुड़ में 767, मुरादाबाद में 379, गौतमबुद्धनगर में 658, बुलंदशहर में 483 की स्थिति बनी हुई है.

Intro:एंकर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ सहित यूपी के तमाम शहरों में हवाएं जेरी ली हो चुकी हैं उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाख दावों के बावजूद एक्शन प्लान धरातल तक उत्तर नहीं पा रहा यही कारण है कि हवाओं में ज़हर घोल रहा है लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं बावजूद उसके वायु प्रदूषण कम करने के प्रयास कम ही साबित हो रहे हैं अधिकारी सिर्फ बयानों तक सीमित रह गए हैं धरातल तक एक्शन प्लान नजर नहीं आ रहा है




Body:वीओ
दीपावली के बाद से राजधानी लखनऊ सहित एनसीआर के शहरों में इसे काफी भयानक हो चुकी है और वायु प्रदूषण लखनऊ में 350 का आंकड़ा पार कर चुका है वहीं यूपी के अन्य शहरों की स्थिति और भी खतरनाक है जिनमें सबसे खतरनाक स्थिति गाजियाबाद और जैसे शहरों की है जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 753 767 जैसी हो चुका है। लेकिन धरातल पर वायु प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण कार्यों में ग्रीन पर्दे लगाकर उन्हें ढकने का काम पानी का छिड़काव कूड़ा जलाने व पराली जलाने पर रोक के उपाय एक्शन प्लान के मुताबिक नजर नहीं आ रहे और यह है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता चला जा रहा है।

बाईट 1
डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त
एक्शन प्लान के अनुसार नगर निगम काम कर रहा है हमारा प्रयास है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए हम पेड़ों में पानी से छिड़काव और नाइट स्वीपिंग मशीनों से सफाई करा रहे हैं कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है और अन्य तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं जिससे वह प्रदूषण को कम किया जा सके।
दावे हवा हवाई, खुलेआम हो रहे निर्माण कार्य, ग्रीन पर्दे न पानी का छिड़काव
अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद निर्माणाधीन इमारतों या अन्य जो निर्माणाधीन साइट से वहां पर एक्शन प्लान फेल होता हुआ नजर आ रहा है लखनऊ के कई इलाकों में जो निर्माण के कार्य हो रहे हैं उन्हें ग्रीन पदों से ढका नहीं गया बालू मौरंग व मिट्टी में पानी का छिड़काव नहीं हो रहा और खुलेआम सड़कों के किनारे निर्माण कार्य हो रहे हैं जिससे धूल के कण हवा में मिल रहे हैं और हवा जहरीली हो रही है।

बाईट 2,
पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता
एयर पोलूशन कम करने के लिए हम लोग लगातार काम कर रहे हैं जो निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन है उन पर ग्रीन पर्दे डालने की व्यवस्था की जा रही है उन्हें चिन्हित करने का भी काम हो रहा है जिससे जो धूल मिट्टी है वह हवा में ना मिलने पाए कई इलाकों में हम कूड़ा जलाने पर भी रोक लगा रहे हैं और हर स्तर पर वायु प्रदूषण कम करने के लिए काम किया जा रहा है जो लोग वायु प्रदूषण कर रहे हैं उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है।



Conclusion:वायु प्रदूषण कम होने के बजाय लगातार बढ़ रही है लखनऊ में वायु प्रदूषण पिछले कुछ दिनों में लगातार बढ़ी है और यह 352 तक जा पहुंची है अगर हम दूसरे शहरों की बात करें तो बागपत में 694 गाजियाबाद में 753 हापुड़ में 767 मुरादाबाद में 379 गौतमबुद्धनगर में 658 बुलंदशहर में 483 बागपत में 694 की स्थिति बनी हुई है।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.