लखनऊ: जिले में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसे लेकर मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार भी लगाई गई. इसके बावजूद इसे रोकने को लेकर तैयार किए गए एक्शन प्लान पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं और सिर्फ कागजों पर काम हो रहा है.
खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं. धूल, मिट्टी हवा में मिल रही है जिससे तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े जारी हुए जिसमें लखनऊ की स्थिति काफी खतरनाक रही. वायु प्रदूषण का स्तर 293 के खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा है.
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इस समय न तो पेड़ पौधों में पानी का छिड़काव हो रहा है और न ही अन्य दूसरे तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास नगर निगम मुख्यालय के आसपास सहित तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पर खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं और धूल मिट्टी उड़ रही है. इससे समझा जा सकता है कि लखनऊ में किस प्रकार से प्रशासन की आंख के सामने काम हो रहा है.
हम लोग वायु प्रदूषण कम करने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. कूड़ा जलाए जाने पर रोक लगाई गई है और काफी जुर्माना भी वसूला गया है. जो अन्य विभाग हैं उनकी तरफ से भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे वायु प्रदूषण न हो.
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त