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राजधानी लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण, दावे हवा हवाई एक्शन प्लान हो रहे फेल

यूपी की राजधानी लखनऊ में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इसे लेकर SC ने मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार भी लगाई. इसके बावजूद इसे रोकने को लेकर तैयार किए गए एक्शन प्लान पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं.

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राजधानी लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण
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Published : Dec 11, 2019, 6:52 AM IST

लखनऊ: जिले में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसे लेकर मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार भी लगाई गई. इसके बावजूद इसे रोकने को लेकर तैयार किए गए एक्शन प्लान पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं और सिर्फ कागजों पर काम हो रहा है.

राजधानी लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण.

खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं. धूल, मिट्टी हवा में मिल रही है जिससे तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े जारी हुए जिसमें लखनऊ की स्थिति काफी खतरनाक रही. वायु प्रदूषण का स्तर 293 के खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा है.

यह भी पढ़ें: यमुना निर्मल करने का बना प्लान, 1174 करोड़ का बजट मिला, ...मगर धरातल पर सब शून्य

इस समय न तो पेड़ पौधों में पानी का छिड़काव हो रहा है और न ही अन्य दूसरे तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास नगर निगम मुख्यालय के आसपास सहित तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पर खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं और धूल मिट्टी उड़ रही है. इससे समझा जा सकता है कि लखनऊ में किस प्रकार से प्रशासन की आंख के सामने काम हो रहा है.

हम लोग वायु प्रदूषण कम करने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. कूड़ा जलाए जाने पर रोक लगाई गई है और काफी जुर्माना भी वसूला गया है. जो अन्य विभाग हैं उनकी तरफ से भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे वायु प्रदूषण न हो.
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

लखनऊ: जिले में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसे लेकर मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार भी लगाई गई. इसके बावजूद इसे रोकने को लेकर तैयार किए गए एक्शन प्लान पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं और सिर्फ कागजों पर काम हो रहा है.

राजधानी लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण.

खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं. धूल, मिट्टी हवा में मिल रही है जिससे तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े जारी हुए जिसमें लखनऊ की स्थिति काफी खतरनाक रही. वायु प्रदूषण का स्तर 293 के खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा है.

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इस समय न तो पेड़ पौधों में पानी का छिड़काव हो रहा है और न ही अन्य दूसरे तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास नगर निगम मुख्यालय के आसपास सहित तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पर खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं और धूल मिट्टी उड़ रही है. इससे समझा जा सकता है कि लखनऊ में किस प्रकार से प्रशासन की आंख के सामने काम हो रहा है.

हम लोग वायु प्रदूषण कम करने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. कूड़ा जलाए जाने पर रोक लगाई गई है और काफी जुर्माना भी वसूला गया है. जो अन्य विभाग हैं उनकी तरफ से भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे वायु प्रदूषण न हो.
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Intro:एंकर
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है बल्कि मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार भी लगाई जा रही है बावजूद इसे रोकने को लेकर तैयार किए गए एक्शन प्लान पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। लखनऊ में सिर्फ कागजों पर काम हो रहा है। धरातल पर खुलेआम न सिर्फ निर्माण कार्य हो रहे हैं और धूल मिट्टी हवा में मिल रही है जिससे तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।



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राजधानी लखनऊ में पिछले कुछ दिनों में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है और मंगलवार को जब एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े जारी हुए तो लखनऊ की स्थिति काफी खतरनाक रही और वायु प्रदूषण का स्तर 293 के खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है और सरकार और प्रशासन इसे रोकने में फेल साबित हो रहे हैं।
इस समय ना तो पेड़ पौधों में पानी का छिड़काव हो रहा है और ना ही अन्य दूसरे तरह के उपाय किए जा रहे हैं जबकि तमाम इलाकों में खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं और उन्हें हरे पदों से ढकने का अधिकार नहीं हो रहा जिससे धूल मिट्टी को उड़ने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री आवास नगर निगम मुख्यालय के आसपास सहित तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पर खुलेआम निर्माण कार्य हो रहे हैं और धूल मिट्टी उड़ रही है इससे समझा जा सकता है कि लखनऊ में किस प्रकार से प्रशासन की आंख के सामने काम हो रहा है।


बाईट, डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त
हम लोग वायु प्रदूषण कम करने को लेकर प्रयास कर रहे हैं कूड़ा जलाए जाने पर रोक लगाई गई है और काफी जुर्माना भी वसूला गया है वायु प्रदूषण बढ़ने का कारण धूल मिट्टी का बना रहता है इस पर भी हम लोग प्रयास कर रहे हैं और जो अन्य विभाग हैं उनकी की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं जिससे वायु प्रदूषण ना हो।



Conclusion:सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लगातार वायु प्रदूषण कम करने को लेकर फटकार लगाई जा रही है मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से लगातार दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि वायु प्रदूषण कम करने के गंभीरता से प्रयास किए जाएं औद्योगिक इकाई ना चले निर्माण कार्य पर जाएं और जहां कहीं भी बहुत जरूरी हो निर्माण कार्य कराया जाना उन्हें ग्रीन पर्दे ढककर कराया जाए लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है।


धीरज त्रिपाठी 9453099555

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