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त्रिपुरा में हो रही घटनाओं पर AIMPLB नाराज, सरकार से की कार्रवाई की मांग

त्रिपुरा में इन दिनों मस्जिदों को तोड़े जाने और धर्म के आधार पर हो रही घटनाओं पर देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सख्त नाराजगी जताई है.

त्रिपुरा में हो रही घटनाओं पर AIMPLB नाराज
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Published : Nov 1, 2021, 5:40 PM IST

लखनऊः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के कार्यकारी महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Maulana Khalid Saifullah Rahmani) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आस्था के प्रतीक वस्तुओं और धार्मिक स्थलों का अपमान असहनीय, कानून विरोधी और भारत की सांस्कृतिक रिवाजों के खिलाफ है. ये समाज की शांति व्यवस्था को भी प्रभावित करता है. इससे देश की सामुदायिक एकता को ठेस पहुंचती है और घृणा की भावना उत्तन्न होती है.

इसलिए सरकार का कर्त्तव्य है कि त्रिपुरा में एकतरफा तौर पर मुसलमानों के साथ जो बर्बरता की गई है और अभी भी जारी है. पूरी शक्ति एवं न्याय के साथ उसे रोकें. दोषियों को सजा दें. उन्होंने कहा कि विशेषतः विश्व हिन्दू परिषद के एक जुलूस ने इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर पर अभद्र टिप्पणी की है. इसके साथ ही ह्रदयविदारक नारेबाजी की है. इसके खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश यादव गरीबों और किसानों की आवाज, 2012 का भी चुनाव नहीं लड़े लेकिन बने थे सीएम- फखरुल हसन

आपको बता दें कि त्रिपुरा से बीते कई दिनों में कट्टरवादी संगठनों द्वारा समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों पर हमले कि ख़बरें आ रही हैं. जिससे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भारत की छवि धूमिल हो रही है. वहीं इन घटनाओं पर लगाम लगाने और दोषियों पर सरकार से कार्रवाई की मांग कई राजनीतिक पार्टियों ने की है. देश में मुसलमानों कि सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सख्त बयान जारी करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- शिवपाल यादव बोले-सपा में सम्मान मिले तो गठबंधन या विलय को हैं तैयार, फैसला अखिलेश को करना है...

लखनऊः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के कार्यकारी महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Maulana Khalid Saifullah Rahmani) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आस्था के प्रतीक वस्तुओं और धार्मिक स्थलों का अपमान असहनीय, कानून विरोधी और भारत की सांस्कृतिक रिवाजों के खिलाफ है. ये समाज की शांति व्यवस्था को भी प्रभावित करता है. इससे देश की सामुदायिक एकता को ठेस पहुंचती है और घृणा की भावना उत्तन्न होती है.

इसलिए सरकार का कर्त्तव्य है कि त्रिपुरा में एकतरफा तौर पर मुसलमानों के साथ जो बर्बरता की गई है और अभी भी जारी है. पूरी शक्ति एवं न्याय के साथ उसे रोकें. दोषियों को सजा दें. उन्होंने कहा कि विशेषतः विश्व हिन्दू परिषद के एक जुलूस ने इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर पर अभद्र टिप्पणी की है. इसके साथ ही ह्रदयविदारक नारेबाजी की है. इसके खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए.

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