लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से जुट गए हैं. इस बार बाहरी राजनीतिक दल भी पूरी सक्रियता से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं. एआईएमआईएम भी बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में दम दिखाने को तैयार है. पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( asaduddin owaisi) तीन दिन के दौरे पर यूपी (uttar pradesh) पहुंचे हैं और इस दौरान वे कई जिलों का दौरा करेंगे. इससे यूपी की सियासत में गर्मी आना तय है. ओवैसी के यूपी दौरे को लेकर अभी से राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है. इसी क्रम में मंगलवार को पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी ओवैसी की मौजूदगी में AIMIM का दामन थाम लिया. ओवैसी ने अपनी क्रांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर, अखिलेश अपनी सरकार के वक्त योगी आदित्यनाथ पर केस चला देते तो योगी कुछ नहीं कर पाते, लेकिन सच्चाई ये है कि कोई नहीं चाहता मुसलमान आगे बढ़ें और वो प्रदेश को लीडरशिप दें.
यूपी में अपने तीन दिवसीय दौरे से पहले राजधानी लखनऊ पहुचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बड़ा सियासी दांव चला है. ओवैसी ने पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद (Former Bahubali MP Atiq Ahmed) और उनकी पत्नी को मंगलवार को राजधानी लखनऊ में जॉइन कराकर सियासी खेमों में हलचल पैदा कर दी. मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि आज भाई अतीक अहमद के परिवार के लोग हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं. अतीक पर कई लोग आरोप लगाते है, लेकिन बीजेपी के 116 एमपी (MP) और विधायकों पर मुकदमे हैं. ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने कहा कि मुजफ्फरनर दंगों में जिन नेताओं का नाम आया था, उनके केस वापस ले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रज्ञा और सेंगर जैसे नेता लोकप्रिय हो जाते हैं, लेकिन मुख्तार और अतीक अहमद का नाम आता है तो वह बाहुबली कहलाते हैं
100 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
असदुद्दीन ओवैसी ने एलान किया कि वह यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मोहन भागवत के सवाल पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि भागवत कई तरह की बात करते हैं. संघी लोग इतिहास में कमजोर है, उन्हें नहीं पता इस्लाम कहां से आया. भागवत ही कहते हैं कि सबका DNA एक है और बाद में कहते हैं कि आक्रमणकारी है विरोध करिए.
ओवैसी ने कहा कि हम यूपी की जनता के बीच जाएंगे और लोगों से बात करेंगे. सपा और बीएसपी को दिक्कत इस बात की है कि यूपी में 19 प्रतिशत मुस्लिम हैं, लेकिन हिस्सेदारी की बात ये लोग नहीं करते. ओवैसी ने अपनी क्रांफ्रेंस में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर, अखिलेश अपनी सरकार के वक्त योगी आदित्यनाथ पर केस चला देते तो योगी कुछ नहीं कर पाते, लेकिन सच्चाई ये है कि कोई नहीं चाहता मुसलमान आगे बढ़ें और वो प्रदेश को लीडरशिप दें. उन्होंने कहा कि पार्टियां चाहती हैं कि देश का 19 फीसदी मुसलमान इनकी गुलामी, लेकिन हिस्सेदारी न मांगे. ओवैसी का आरोप है कि मुस्लिम ड्रॉपआउट को बढ़ाया और जेलों में अंडर ट्रायल मुस्लिम की संख्या ज्यादा है. सपा, बसपा मुस्लिम लीडरशिप नहीं चाहते हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम मुसलमानों के अलावा सभी वर्ग के लोगों को पार्टी में जोड़ रहे हैं. मुस्लिम किसी पार्टी के गुलाम नहीं हैं. 60 सालों से इन पार्टियों को जिताते आ रहे हैं, लेकिन अब हम लड़ेंगे और हम जीतेंगे. 2019 लोकसभा चुनाव में डेटा के अनुसार मुस्लिम ने सपा और बीएसपी को झोली भर भर के वोट किया.
असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हकीकत यह है कि भारतीय टैक्सपेयर के 35 हजार करोड़ हमने अफगानिस्तान के विकास के लिए दिए हैं. हमने उनकी पार्लियामेंट बनाई, लेकिन अब वहां तालिबान आ चुका है और बीते सालों में 16 हजार अफगान को भारत में नौकरी दी. हमने पार्लियामेंट में ज्वाइंट कमेटी में सवाल किया कि भारत तालिबान को आतंकवादी मानते हैं या नहीं, या फिर उन्हें आतंकी लिस्ट में डालेंगे. अफगानिस्तान में जो बदलाव हुआ है वह भारत के लिए सही नहीं है. भारत में रिलीजन के नाम पर जो हो रहा है वह सही नहीं है. मैं फिर से मोदी सरकार से सवाल करता हूं क्या वह इस बयान को चैलेंज करेंगे.
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी अयोध्या से अपने दौरे का आगाज करेंगे. यहां पर रुदौली कस्बे में वे 7 सितंबर को वंचित शोषित समाज के सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके बाद 8 सितंबर को उनका सुलतानपुर का कार्यक्रम है. आखिरी दिन 9 सितंबर को असदुद्दीन ओवैसी बाराबंकी जाएंगे. इन तीन जगहों के दौरे से ओवैसी जहां अपनी पार्टी की जमीन तैयार करेंगे, वहीं दूसरी पार्टियों के लिए टेंशन पैदा करेंगे.
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उत्तर प्रदेश में जब असदुद्दीन ओवैसी आए थे तो भारतीय जनता पार्टी से रूठ कर जनभागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन करने वाले ओमप्रकाश राजभर से उनकी मुलाकात हुई थी. इसके बाद आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर से भी ओवैसी मिले थे. हाल ही में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में भी तीनों नेताओं की मुलाकात हुई थी. जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले तीनों पार्टियां मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में ताल ठोक सकती हैं.