लखनऊ : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद 'इंडिया' गठबंधन की आगामी रणनीति और चुनाव लड़ने की दिशा निर्धारित होगी. तीन राज्यों में भाजपा ने सरकार बनाकर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 'इंडिया' गठबंधन की सियासी राह को मुश्किल बनाने का काम किया है. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव परिणाम के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अपने नए सियासी समीकरण बनाते हुए लोकसभा चुनाव की कार्य योजना तय करने का काम करेंगे. 'इंडिया' गठबंधन से अलग होकर अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सपा का एक भी प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाया. ऐसे में अब आये इन परिणाम के बाद आगे की कार्य योजना न सिर्फ 'इंडिया' गठबंधन की स्तर पर तय की जाएगी, बल्कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी सियासी राह को किस प्रकार से आगे बढ़ाना है इस पर मंथन करेंगे.
तमाम विषयों पर होगी बातचीत : तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 'इंडिया' गठबंधन अपनी चुनावी रणनीति और मुद्दे को लेकर किस प्रकार से जनता के बीच जाएंगे, कौन-कौन से सहयोगी दल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस की हार के बाद 'इंडिया' गठबंधन के साथ बने रहेंगे, इस पर भी संशय बरकरार है. 'इंडिया' गठबंधन से अलग होकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में चार दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सपा और कांग्रेस के बीच दूरियां भी बढ़ गई थीं. अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी को ही निशाने पर लिया था. सूत्रों के मुताबिक, अब किस प्रकार से आगे लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी सियासी रणनीति बनानी है, कौन-कौन से मुद्दे लेकर जनता के बीच जाना है, सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या होगा? ऐसे तमाम विषयों पर बातचीत होगी.
कांग्रेस ने 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी दलों की बुलाई बैठक : सूत्रों का कहना है कि 6 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस ने 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जानी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित तमाम अन्य नेताओं को दिल्ली में 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में बुलाया गया है, जिसमें आगामी कार्य योजना पर चर्चा होगी. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है. ऐसे में सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या होगा? कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल व अन्य दलों को 'इंडिया' गठबंधन के अंतर्गत कितनी सीट दी जाएगी. समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 65 सीटों की डिमांड 'इंडिया' गठबंधन से पिछले दिनों की थी. गठबंधन न होने की स्थिति में सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी अखिलेश यादव ने किया था. ऐसे में अब जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आ चुके हैं और 'इंडिया' गठबंधन को सफलता नहीं मिली है, इन परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी अखिलेश यादव के साथ किस स्थिति में बात करेगी. यह भी देखने वाली बात होगी. वहीं कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि सहयोगी दल उनके साथ लगातार बने हुए हैं. बातचीत भी चल रही है. जल्द ही इस बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा. कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना, बेरोजगारी, महंगाई सहित अलग-अलग राज्यों के मुद्दों के हिसाब से 'इंडिया' गठबंधन का स्वरूप तय करेगी और जनता के बीच जाने का काम करेगी.
बातचीत के आधार पर तैयार की जाएगी रणनीति : समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि ''इंडिया' गठबंधन के स्तर पर जो भी बातचीत होगी उसी आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही कांग्रेस पार्टी को तय करना है कि उसकी लड़ाई समाजवादी पार्टी से है या भारतीय जनता पार्टी से. जब समान विचारधारा के राजनीतिक दल एक साथ आते हैं तो कुछ कुर्बानी भी देनी होती है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी है, ऐसी स्थिति में अब जब 'इंडिया' गठबंधन के अंतर्गत सीट शेयरिंग की बात होगी तो हम उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी हैं. हमारे यहां सबसे ज्यादा जनाधार है, सबसे बड़ा संगठन है तो हम उसी अनुरूप सीटों की डिमांड कर रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 65 सीटों की डिमांड की है जो बातचीत होगी उसके आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी.'