लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत कर्मचारी की लापरवाही के चलते मौत हो गई. इसके चलते अब लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख की मुआवजे की मांग की है. वहीं इन मांगों को पूरा करने के लिए 15 नवंबर तक का समय भी दिया गया है. मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. आरोप है कि हॉस्पिटल ब्लॉक में एक्स-रे टेक्निशियन के पद पर अनुराग सिंह कार्यरत थे. उनका 6 अक्टूबर को ड्यूटी पर आते समय एक्सीडेंट हुआ था. इसमें उनके पैर की हड्डी टूट गई थी. वहीं जब 13 अक्टूबर को उन्हें कमजोरी और बुखार की शिकायत हुई, तो संस्थान ने इमरजेंसी में इलाज के लिए लाया गया, लेकिन बेड खाली न होने की बात कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया गया. जबकि इमरजेंसी में बेड खाली था. इस लापरवाही के चलते उनकी मौत हो गई.
कर्मचारी संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी
लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष डीडी त्रिपाठी ने एक विज्ञप्ति जारी कर संस्थान में एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत अनुराग सिंह की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख के मुआवजे की मांग की है. वहीं उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों द्वारा मरीज को बेड खाली न होने की बात कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया था. यदि डॉक्टरों ने अनुराग सिंह को भर्ती कर लिया होता और ठीक से इलाज हो जाता है तो उनकी मृत्यु न होती. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों के साथ यह सब हो रहा है तो आम जनमानस के साथ क्या-क्या होता होगा. उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एक माह का समय दिया है. अगर 15 नवंबर तक मांगे पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन भी करेंगे.