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कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की मौत - एनआई एक्ट

राजधानी लखनऊ में कोर्ट रूम में एनआई एक्ट के एक मुकदमे की पैरवी के दौरान अधिवक्ता विजय कुमार सिंह की मौत हो गई. अधिवक्ता की मौत पर बार ने आरोप लगाया कि जाम की वजह से अधिवक्ता को चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल सकी, जिससे उनकी मौत हो गई.

कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की मौत
कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की मौत
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Published : Mar 19, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊ: शुक्रवार को कोर्ट रूम में एनआई एक्ट के एक मुकदमे की पैरवी के दौरान एक अधिवक्ता की मौत हो गई. दरअसल, अधिवक्ता विजय कुमार सिंह को सुनवाई के दौरान ही अचानक चक्कर आ गया और वह गिर पड़े. सेंट्रल बार एसोसिएशन का कहना है कि कैसरबाग स्थित अदालत परिसर के चारों तरफ ट्रैफिक जाम होने के कारण उन्हें तत्काल चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई.

बार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया है. बार की ओर से मृतक अधिवक्ता के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है. साथ ही उनके पुत्र को सरकारी नौकरी देने की मांग भी मुख्यमंत्री से की गई है. बार की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के मुताबिक शुक्रवार को वकील विजय कुमार सिंह अदालत में एक मुकदमा की पैरवी कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें:- धनंजय सिंह ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पूछताछ न किये जाने की बात उठाई

अचानक चक्कर आने से वह बेहोश होकर गिर पड़े, लेकिन दुर्भाग्यवश सिविल कोर्ट परिसर में उपचार की कोई मूलभुत सुविधा नहीं होने व परिसर के चारों तरफ जाम होने की वजह से उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टर का कहना था कि थोड़ा और पहले लाया गया होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. बार का कहना है कि मृतक अधिवक्ता अपनी मां, पत्नी व बच्चों के भरे पूरे परिवार में जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन थे.

लखनऊ: शुक्रवार को कोर्ट रूम में एनआई एक्ट के एक मुकदमे की पैरवी के दौरान एक अधिवक्ता की मौत हो गई. दरअसल, अधिवक्ता विजय कुमार सिंह को सुनवाई के दौरान ही अचानक चक्कर आ गया और वह गिर पड़े. सेंट्रल बार एसोसिएशन का कहना है कि कैसरबाग स्थित अदालत परिसर के चारों तरफ ट्रैफिक जाम होने के कारण उन्हें तत्काल चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई.

बार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया है. बार की ओर से मृतक अधिवक्ता के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है. साथ ही उनके पुत्र को सरकारी नौकरी देने की मांग भी मुख्यमंत्री से की गई है. बार की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के मुताबिक शुक्रवार को वकील विजय कुमार सिंह अदालत में एक मुकदमा की पैरवी कर रहे थे.

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अचानक चक्कर आने से वह बेहोश होकर गिर पड़े, लेकिन दुर्भाग्यवश सिविल कोर्ट परिसर में उपचार की कोई मूलभुत सुविधा नहीं होने व परिसर के चारों तरफ जाम होने की वजह से उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टर का कहना था कि थोड़ा और पहले लाया गया होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. बार का कहना है कि मृतक अधिवक्ता अपनी मां, पत्नी व बच्चों के भरे पूरे परिवार में जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन थे.

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