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आडवाणी, जोशी और कल्याण सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से CBI कोर्ट में दर्ज कराएंगे बयान

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के बयान ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज कराए जाएंगे.

लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी
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Published : Jun 18, 2020, 1:39 AM IST

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया के तहत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के बयान ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज कराए जाएंगे.

कोरोना वायरस के चलते सीबीआई कोर्ट में आने में होने वाली समस्या, सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम अन्य तरह की अव्यवस्थाओं से बचने के लिए सीबीआई कोर्ट में ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाबरी विध्वंस मामले में बयान दर्ज कराने की मांग की गई है. इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र यादव की तरफ से इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग और एनआईसी को पत्र लिखा गया है.

जज की तरफ से लिखा गया पत्र
जज सुरेंद्र यादव की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के बयान दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन माध्यम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सीबीआई कोर्ट में व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए, जिससे बाबरी विध्वंस के केस में सीबीआई कोर्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो सके.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की हुई थी मांग
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता और सीबीआई कोर्ट में पैरवी करने वाले केके मिश्रा ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि उनकी तरफ से कोर्ट से यह मांग की गई है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह से सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत जो सीबीआई कोर्ट में सवाल पूछे जाने हैं, उसकी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत कराई जाए, जिससे कोरोना वायरस के समय आने जाने होने वाली समस्या से बचा जा सकता है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी परेशानी नहीं होगी. ऐसी स्थिति में यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.

अभियुक्त का उपस्थित होना अनिवार्य होता है
इसके बाद कोर्ट की तरफ से शासन और एनआईसी को पत्र लिखकर यह व्यवस्था कोर्ट के अंदर सुनिश्चित कराई जाए. अगली तारीख लगाकर इन लोगों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी कराई जा सके. सबसे खास बात यह है कि किसी भी मुकदमे में आरोपी या अभियुक्त से सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत जब साक्ष्य को लेकर सवाल जवाब और सुनवाई होती है तो अभियुक्त को न्यायालय के सामने खुद उपस्थित होना अनिवार्य होता है.

कोर्ट आने में हैं असमर्थ
ऐसी स्थिति में बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट के सामने पिछले कुछ दिनों में बीजेपी विश्व हिंदू परिषद के तमाम बड़े नेता, जो इस मामले में अभियुक्त हैं, उन लोगों ने अपने बयान कोर्ट उपस्थित होकर दर्ज कराए, लेकिन अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह कोर्ट में आने में असमर्थ हैं.

सुनवाई की तारीख की जाएगी निर्धारित
ऐसी स्थिति में सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत कोर्ट में उपस्थित होने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इन लोगों के बयान दर्ज होंगे और कोर्ट की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होगी. यह अपने आप में एक अनोखा मामला होगा और यह पहली बार ऐसा होगा जब कोर्ट में उपस्थिति के बजाय ऑनलाइन माध्यम से किसी अभियुक्त से सवाल जवाब किया जाएगा. शासन की तरफ से सीबीआई की विशेष कोर्ट में ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबंधित कैमरे कंप्यूटर की व्यवस्था हो जाने के बाद कोर्ट की तरफ से सुनवाई की तारीख निर्धारित की जाएगी.

ये भी पढ़ें- कोविड-19 के इलाज में क्लिनिकल ट्रायल के लिए CSIR-CDRI को मिली मंजूरी

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया के तहत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के बयान ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज कराए जाएंगे.

कोरोना वायरस के चलते सीबीआई कोर्ट में आने में होने वाली समस्या, सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम अन्य तरह की अव्यवस्थाओं से बचने के लिए सीबीआई कोर्ट में ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाबरी विध्वंस मामले में बयान दर्ज कराने की मांग की गई है. इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र यादव की तरफ से इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग और एनआईसी को पत्र लिखा गया है.

जज की तरफ से लिखा गया पत्र
जज सुरेंद्र यादव की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के बयान दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन माध्यम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सीबीआई कोर्ट में व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए, जिससे बाबरी विध्वंस के केस में सीबीआई कोर्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो सके.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की हुई थी मांग
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता और सीबीआई कोर्ट में पैरवी करने वाले केके मिश्रा ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि उनकी तरफ से कोर्ट से यह मांग की गई है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह से सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत जो सीबीआई कोर्ट में सवाल पूछे जाने हैं, उसकी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत कराई जाए, जिससे कोरोना वायरस के समय आने जाने होने वाली समस्या से बचा जा सकता है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी परेशानी नहीं होगी. ऐसी स्थिति में यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.

अभियुक्त का उपस्थित होना अनिवार्य होता है
इसके बाद कोर्ट की तरफ से शासन और एनआईसी को पत्र लिखकर यह व्यवस्था कोर्ट के अंदर सुनिश्चित कराई जाए. अगली तारीख लगाकर इन लोगों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी कराई जा सके. सबसे खास बात यह है कि किसी भी मुकदमे में आरोपी या अभियुक्त से सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत जब साक्ष्य को लेकर सवाल जवाब और सुनवाई होती है तो अभियुक्त को न्यायालय के सामने खुद उपस्थित होना अनिवार्य होता है.

कोर्ट आने में हैं असमर्थ
ऐसी स्थिति में बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट के सामने पिछले कुछ दिनों में बीजेपी विश्व हिंदू परिषद के तमाम बड़े नेता, जो इस मामले में अभियुक्त हैं, उन लोगों ने अपने बयान कोर्ट उपस्थित होकर दर्ज कराए, लेकिन अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह कोर्ट में आने में असमर्थ हैं.

सुनवाई की तारीख की जाएगी निर्धारित
ऐसी स्थिति में सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत कोर्ट में उपस्थित होने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इन लोगों के बयान दर्ज होंगे और कोर्ट की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होगी. यह अपने आप में एक अनोखा मामला होगा और यह पहली बार ऐसा होगा जब कोर्ट में उपस्थिति के बजाय ऑनलाइन माध्यम से किसी अभियुक्त से सवाल जवाब किया जाएगा. शासन की तरफ से सीबीआई की विशेष कोर्ट में ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबंधित कैमरे कंप्यूटर की व्यवस्था हो जाने के बाद कोर्ट की तरफ से सुनवाई की तारीख निर्धारित की जाएगी.

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