लखनऊ: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पांच सांसदों की औसतन संपत्ति में 2004 से 14 के बीच 510% की वृद्धि हुई है. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रथम स्थान पर हैं. अमेठी से सांसद राहुल गांधी की संपत्तियों में 2004 से 14 के बीच 1597 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव हैं, जिनकी संपत्तियों में 1283 फीसद इजाफा देखने को मिला है.
देश की चुनावी प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वे में देश के मतदाताओं के बारे में तमाम जानकारी सामने आई है. सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया है कि 35% मतदाता आज भी मुर्गा, दारू और पैसे पर मतदान कर करते हैं. वहीं 65% मतदाताओं का मानना है कि उपहार से वोट नहीं मिलता. इस प्रकार की चीजें मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर पाएंगी. एक तरफ मतदाताओं की यह स्थिति है वहीं दूसरी तरफ सांसदों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है. सांसद करोड़ पति से अरब पति होते जा रहे हैं.
प्रथम स्थान पर हैं अमेठी सांसद राहुल गांधी
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पांच सांसदों की औसतन संपत्ति में 2004 से 14 के बीच 510% की वृद्धि हुई है. इसमें कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी प्रथम स्थान पर हैं. अमेठी से सांसद राहुल गांधी की संपत्तियों में 2004 से 14 के बीच 1597 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव हैं, जिनकी संपत्तियों में 1283 फीसद इजाफा देखने को मिला है. तीसरे नंबर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी हैं, जिनकी संपत्ति में 984 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. गांधी परिवार की तीसरी सदस्य जो बीजेपी की पीलीभीत से सांसद मेनका संजय गांधी हैं. इनकी संपत्ति में 460 फीसद का इजाफा दर्ज हुआ है. भाजपा के दूसरे सांसद बृजभूषण शरण सिंह की संपत्ति में 72% का इजाफा हुआ है.
इन मांगों को मतादाताओं ने उठाया
एडीआर का दावा है कि यह सर्वेक्षण पूरे भारत के 534 लोकसभा क्षेत्रों में किया गया है. इसमें विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले 2,73,487 मतदाताओं ने भाग लिया है. इस सर्वेक्षण के तीन मुख्य बिंदु हैं. मतदाताओं की प्राथमिकता पर शासन के विशिष्ट मुद्दे, उन मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन का मूल्यांकन और मतदान को प्रभावित करने वाले कारक शामिल हैं. यह सर्वेक्षण लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अक्टूबर और दिसंबर 2018 के बीच किया गया था.
इस सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सबसे पहले लोगों ने नौकरी की मांग की है. दूसरे नंबर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधित और तीसरे नंबर पर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही साथ इन मुद्दों पर वोट देने की इच्छा जाहिर की है. वहीं ग्रामीण अंचल में खेती के लिए कर्ज और बिजली मांगते हुए लोग दिखे हैं. शहरी क्षेत्रों में रोजगार प्रथम स्थान पर है. दूसरे नंबर पर यातायात की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग उठी है.
विधानसभा में 70 फीसदी से अधिक माननीय करोड़पति
इस प्रकार से रोजगार, स्वास्थ्य, पीने का पानी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी समस्याएं शहरी क्षेत्रों से उभर कर सामने आई हैं. ग्रामीण अंचल में सिंचाई का पानी, किसानों को कर्जा, समर्थन मूल्य, सब्सिडी पर खाद बीज, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे अहम हैं. खास बात यह रही कि भ्रष्टाचार, आतंकवाद, अवैध खनन, सस्ता राशन जैसी चीजें आम जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं दिखी हैं. एडीआर के संजय सिंह ने बताया कि 2007, 2012 और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपराधियों का ग्राफ लगातार बढ़ा है. वहीं संपत्तियों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. इस वक्त विधानसभा में 70 फीसद से अधिक करोड़पति लोग हैं.