लखनऊ: लॉकडाउन में लगातार शासन और प्रशासन लोगों तक मदद पहुंचाने में लगा हुआ है. ऐसे में राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील में शासन ने करीब ढाई हजार लोगों को चिन्हित किया है, जिन तक राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी.
प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसला लेते हुए प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया है, जहां डोर टू डोर लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो प्रशासन ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है, जिनकी दैनिक आमदनी बंद हो गई है और उन्हें परिवार के पालन-पोषण में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मोहनलालगंज उपजिलाधिकारी पल्लवी मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से टीम बनाकर ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो दिहाड़ी मजदूर हैं या फेरीवाले, जिनकी आमदनी लॉकडाउन के बाद पूरी तरह से बंद हो गई है. ऐसे करीब ढाई हजार लोग अब तक चिन्हित किए जा चुके हैं और उन तक लगातार राशन पहुंचाया जा रहा है.
एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने बताया कि एक बार में 1 हफ्ते का राशन उन तक पहुंचा दिया जाता है. वहीं वो इस पर भी नजर बनाए रखे हुए हैं कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहें. वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनको पहले राशन मिलता था, लेकिन किसी कारण उनका नाम राशन कार्ड से कट गया है. ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया गया है और उन तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.
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मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत दो ब्लॉक और तीन नगर पंचायत आती है, जिनमें करीब 33 क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं. वहीं दो प्राइवेट जगहों को प्रशासन द्वारा क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जिसमें एक टेक्निकल कॉलेज और दूसरा राधा स्वामी सत्संग व्यास. क्वारंटाइन सेंटर्स में रुकने वाले लोगों के लिए कम्युनिटी किचन के द्वारा भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी.