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NRC और CAA प्रदर्शन: प्रशासन ने शुरू की नुकसान की भरपाई, बकायदारों की दुकानें सील

बीते साल राजधानी लखनऊ में सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई प्रशासन ने शुरू कर दी है. नुकसान की भरपाई न करने पर प्रशासन ने राजधानी में कई दुकानें सील कर दीं.

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सीएए प्रदर्शन में हुए नुकसान की भरपाई शुरु
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Published : Jul 1, 2020, 3:27 AM IST

लखनऊ: बीते साल प्रदेश की राजधानी में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरु कर दी है. इसके चलते प्रशासन ने मंगलवार को कुछ दुकानें सील कर दीं. प्रशासन ने इससे पहले दुकानदारों को नुकसान की भरपाई के संबंध में नोटिस दिया था. इसके बाद भी नुकसान की भरपाई न होने पर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

जिला प्रशासन ने की कार्रवाई
19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस पर राजधानी के जिला प्रशासन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. तहसीलदार शंभू शरण ने अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती के कोर्ट से रिकवरी नोटिस पर यह कार्रवाई की.

फैशन सेंटर को किया सील
तहसीलदार शंभू शरण ने तहसील सदर की टीम के साथ मिलकर पक्का पुल के पास एनवाई फैशन सेंटर को सील किया. शंभू शरण ने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई के पूर्व बकाएदार धर्मवीर सिंह पुत्र कृपाल सिंह को नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में कहा गया था कि आपको बकाया धनराशि चुकाने के लिए एक निश्चित समय दिया जा रहा है. समय से पहले बकाया की राशि को हर हाल में जमा की जाए, अन्यथा प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा.

बकाया की राशि जमा न करने पर हुई कार्रवाई
तहसीलदार ने बताया कि धर्मवीर सिंह ने समय की अवधि पूर्ण होने पर भी बकाया की राशि जमा नहीं की. इस वजह से मंगलवार को सदर तहसील की टीम ने उनके प्रतिष्ठान को सील कर दिया है. वहीं इसके अलावा प्रशासन ने बांसमंडी स्थित बकायेदार माहेनूर चौधरी पुत्र दद्दू चौधरी की भी दुकान को सील किया गया है.

योगी आदित्यनाथ ने दिए थे निर्देश
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान को हिंसक प्रदर्शन के आरोपियों से वसूलने के निर्देश दिए थे. योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को आदेश देते हुए कहा था कि समय रहते सभी आरोपियों से वसूली की जाए.

लॉकडाउन में रोक दी गई थी वसूली
देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हिंसक प्रदर्शन में शामिल आरोपियों से करीब 1 करोड़ 41 लाख की वसूली की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया था. लॉकडाउन बीतने के बाद अब जिला प्रशासन ने एक बार फिर इन आरोपियों से वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है.

इन इलाकों में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को काफी हिंसा भड़की थी. इस दौरान राजधानी के पुराने इलाके खदरा, कैसरबाग, ठाकुरगंज, परिवर्तन चौक में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई थीं. इस पूरे प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ था.

चिन्हित किए गए थे 53 आरोपी
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के नेतृत्व में अपर जिलाधिकारी की टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 53 आरोपियों को चिन्हित किया था. इनसे करीब एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भी जारी किया गया था. सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया को लॉकडाउन के दौरान रोक दिया गया था. बता दें कि नुकसान की भरपाई अप्रैल के पहले हफ्ते तक होनी थी, उसके बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू की जानी थी.

यह भी जानें
जिलाधिकारी के मुताबिक खदरा इलाके के 13 प्रदर्शनकारियों को चिन्हित किया गया था. इनको करीब 21 लाख 76 हजार की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए थे. वहीं परिवर्तन चौक इलाके में ऐसे 24 लोगों को चिन्हित किया गया था, जिनसे करीब 69 लाख 65 हजार की वसूली होनी थी. इसी तरीके से ठाकुरगंज इलाके में 10 आरोपियों से करीब 45 लाख 85 हजार रुपये की वसूली के नोटिस जारी किए गए थे. वहीं कैसरबाग की बात करें तो यहां 6 आरोपियों से 1 लाख 75 हजार वसूलने थे.

होर्डिंग लगाने पर हुआ था विवाद
जिला प्रशासन कठोर कदम उठाते हुए पूरे शहर में इन आरोपियों के पोस्टर और होर्डिंग लगवाए थे. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था. विवाद उठने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार से पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे. जिस पर योगी सरकार ने एतराज जताया था और सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.

लखनऊ: बीते साल प्रदेश की राजधानी में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरु कर दी है. इसके चलते प्रशासन ने मंगलवार को कुछ दुकानें सील कर दीं. प्रशासन ने इससे पहले दुकानदारों को नुकसान की भरपाई के संबंध में नोटिस दिया था. इसके बाद भी नुकसान की भरपाई न होने पर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

जिला प्रशासन ने की कार्रवाई
19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस पर राजधानी के जिला प्रशासन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. तहसीलदार शंभू शरण ने अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती के कोर्ट से रिकवरी नोटिस पर यह कार्रवाई की.

फैशन सेंटर को किया सील
तहसीलदार शंभू शरण ने तहसील सदर की टीम के साथ मिलकर पक्का पुल के पास एनवाई फैशन सेंटर को सील किया. शंभू शरण ने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई के पूर्व बकाएदार धर्मवीर सिंह पुत्र कृपाल सिंह को नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में कहा गया था कि आपको बकाया धनराशि चुकाने के लिए एक निश्चित समय दिया जा रहा है. समय से पहले बकाया की राशि को हर हाल में जमा की जाए, अन्यथा प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा.

बकाया की राशि जमा न करने पर हुई कार्रवाई
तहसीलदार ने बताया कि धर्मवीर सिंह ने समय की अवधि पूर्ण होने पर भी बकाया की राशि जमा नहीं की. इस वजह से मंगलवार को सदर तहसील की टीम ने उनके प्रतिष्ठान को सील कर दिया है. वहीं इसके अलावा प्रशासन ने बांसमंडी स्थित बकायेदार माहेनूर चौधरी पुत्र दद्दू चौधरी की भी दुकान को सील किया गया है.

योगी आदित्यनाथ ने दिए थे निर्देश
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान को हिंसक प्रदर्शन के आरोपियों से वसूलने के निर्देश दिए थे. योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को आदेश देते हुए कहा था कि समय रहते सभी आरोपियों से वसूली की जाए.

लॉकडाउन में रोक दी गई थी वसूली
देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हिंसक प्रदर्शन में शामिल आरोपियों से करीब 1 करोड़ 41 लाख की वसूली की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया था. लॉकडाउन बीतने के बाद अब जिला प्रशासन ने एक बार फिर इन आरोपियों से वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है.

इन इलाकों में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को काफी हिंसा भड़की थी. इस दौरान राजधानी के पुराने इलाके खदरा, कैसरबाग, ठाकुरगंज, परिवर्तन चौक में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई थीं. इस पूरे प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ था.

चिन्हित किए गए थे 53 आरोपी
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के नेतृत्व में अपर जिलाधिकारी की टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 53 आरोपियों को चिन्हित किया था. इनसे करीब एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भी जारी किया गया था. सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया को लॉकडाउन के दौरान रोक दिया गया था. बता दें कि नुकसान की भरपाई अप्रैल के पहले हफ्ते तक होनी थी, उसके बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू की जानी थी.

यह भी जानें
जिलाधिकारी के मुताबिक खदरा इलाके के 13 प्रदर्शनकारियों को चिन्हित किया गया था. इनको करीब 21 लाख 76 हजार की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए थे. वहीं परिवर्तन चौक इलाके में ऐसे 24 लोगों को चिन्हित किया गया था, जिनसे करीब 69 लाख 65 हजार की वसूली होनी थी. इसी तरीके से ठाकुरगंज इलाके में 10 आरोपियों से करीब 45 लाख 85 हजार रुपये की वसूली के नोटिस जारी किए गए थे. वहीं कैसरबाग की बात करें तो यहां 6 आरोपियों से 1 लाख 75 हजार वसूलने थे.

होर्डिंग लगाने पर हुआ था विवाद
जिला प्रशासन कठोर कदम उठाते हुए पूरे शहर में इन आरोपियों के पोस्टर और होर्डिंग लगवाए थे. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था. विवाद उठने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार से पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे. जिस पर योगी सरकार ने एतराज जताया था और सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.

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