लखनऊ: एलडीए अपनी विभिन्न योजनाओं में रिक्त भूखंडों का ब्यौरा तैयार कर रहा है. उन भूखंडों का भी ब्यौरा तैयार किया जा रहा है, जिनका आवंटन होने के बाद अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई गई है. इनमें से कई ने पंजीकरण शुल्क जमा करने के बाद अभी तक भुगतान भी नहीं किया है. ऐसे में जहां एक ओर एलडीए की संपत्ति फंसी है, वहीं राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. गोमती नगर, जानकीपुरम, कानपुर रोड योजना में ऐसे सैकड़ों प्लाट रिक्त पड़े हैं. जांच के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
खाली पड़े भूखंड दूसरों के लिए बन रहें मुसीबत
प्राधिकरण की योजनाओं में निवेश करने के बाद खाली पड़े भूखंड व फ्लैट दूसरे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. गोमती नगर, जानकीपुरम, इंदिरा नगर में लंबे समय से खाली पड़े प्लाट अब डंपिंग ग्राउंड बन चुके हैं. वहीं कई प्लाटों में अवैध तरीके से झुग्गियां बस गईं हैं. कई स्थानों पर खाली प्लाटों पर अवैध डेयरियां चल रही हैं, जिनका गोबर नालों में बहाया जा रहा है. हालांकि एनजीटी की सख्ती के बाद एलडीए ने बीते साल ऐसे भूखंडों को चिहिन्त किया था लेकिन इस पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब एलडीए सचिव पवन गंगवार ने सभी योजना सहायकों से खाली प्लाटों की ब्यौरा मांगा है.
निवेश के लिए खरीदकर छोड़ दिए हैं भूखंड
जानकारी के अनुसार निवेश करने के लिहाज से लोगों ने जगह-जगह प्लाट खरीदकर लिए. इनकी चहारदीवारी न होने से किसी में नालियों का गंदा पानी जा रहा है, तो कोई कूड़ा घर बन गया है. ऐसे में खाली पड़े प्लाट आसपास रह रहे लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं. गोमती नगर और गोमती विस्तार में लोगों ने जमीन को खरीदकर ऐसे ही छोड़ दिया.
भूखंड मालिकों पर जुर्माने की कार्रवाई
नगर निगम ने भी ऐसे प्लाट मालिकों पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे प्लाट मालिकों की पड़ताल शुरू कर उन्हें नोटिस भेजी जाएगी. गंदगी के लिए उनके खिलाफ चालान काटा जाएगा. आस पास के लोग खाली पड़े प्लाट को ही कूड़ाघर बना दिया.
कैरियर डेंटल कालेज पर चलेगा बुलडोजर
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण कैरियर डेंटल कॉलेज के खिलाफ बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है. कॉलेज प्रबंधन को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी जल्द ही कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. सरकारी जमीन पर बने इस काॅलेज पर जल्द की प्रशासन का बुलडोजर चलेगा. इस संबंध में कॉलेज ने हाईकोर्ट से स्टे लेने की कोशिश की, लेकिन हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के कमिश्नर कोर्ट में अपील करने की बात कही थी. कमिश्नर कोर्ट से काॅलेज को राहत नहीं मिली.