लखनऊ: चोरी की ट्रकों के फर्जी कागज बनाने और फर्जी चेसिस व इंजन प्लेट बनाकर ट्रक बेचने वाले गिरोह के सरगना की जमानत अर्जी खारिज हो गई है. गिरोह के सरगना अखिलेश सिंह की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश वरुण ने खारिज किया है. कोर्ट ने अभियुक्त के अपराध को प्रथम दृष्टया गंभीर करार दिया है.
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कोर्ट में सरकारी वकील एमके सिंह ने तर्क दिया कि मामले के वादी सब इंस्पेक्टर शिवेन्द्र सिंह सेंगर ने 6 अक्टूबर 2021 को लखनऊ काकोरी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि एसटीएफ के अधिकारियों से सूचना मिली थी कि एक गिरोह ट्रकों के रजिस्ट्रेशन में हेराफेरी कर रहा है, जिस पर वादी को मुखबिर ने सूचित किया कि भवानीखेड़ा के पास कुछ लोग विभिन्न प्रान्तों से ट्रकों को लाकर उन पर इंजन नम्बर और चेसिस नंबर की पट्टी लगा देते हैं. इसके साथ ही फर्जी कागजात भी तैयार करते हैं.
इस पर वादी ने अपनी टीम के साथ दबिश देकर आरोपी सुभाष चन्द्र को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एल्युमुनियम की इंजन, चेसिस नंबर, प्लेट व अन्य चीजें बरामद हुई है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि सभी ट्रक चोरी की हैं. जिसके फर्जी कागज तैयार करके, फर्जी नम्बर व चेसिस नम्बर तैयार करके ट्रकों को अच्छे दामों पर बेच दिया जाता है.
इतना ही नहीं इंश्योरेंस कर इन पर क्लेम भी लिया जाता है. गिरफ्तार सह अभियुक्त ने बताया था कि इस पूरे गिरोह का सरगना अखिलेश है जो पुलिस को देखकर भाग गया. हालांकि बाद में वह गिरफ्तार कर लिया गया था.
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