लखनऊ: भरतनाट्यम नृत्यांगना और सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुधा चंद्रन सिर्फ पर्दे पर निगेटिव किरदार में रहती हैं, असल में वह शानदार व्यक्तित्व की घनी है. जिंदगी में काफी अवतार चढ़ाव देखने के बावजूद उनका मनोबल कभी नहीं टूटा बल्कि हमेशा संघर्ष किया और अपने सपनों को उड़ान दी. राजधानी लखनऊ शुक्रवार को अभिनेत्री अपने अपकमिंग धारावाहिक डोरी का प्रमोशन करने के लिए पहुंची. जहां पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. क्या उनकी रियल लाइफ में भी किसी कैलाश देवी ठकुराइन से पाला पड़ा है? इस पर मुस्कुराते हुए उन्होंने जवाब (Actress Sudha Chandran Exclusive Interview) दिया कि बिल्कुल पड़ा है लेकिन मेरा पाला 'विधि-विधान' से पड़ा है. अपनी जिंदगी में मैंने विधि विधान को तोड़ते हुए अपने सपनों को जिया है और उन्हें पूरा किया है.
छोटी सोच की छोटी उम्र से है लड़ाई: एक्ट्रेस सुधा चंद्रन (Actress Sudha Chandran in Lucknow) ने बातचीत के दौरान बताया कि डोरी धारावाहिक (Serial Dori promotion in Lucknow ) बहुत ही लोगों को खुद से जोड़ रहा है क्योंकि धारावाहिक की अच्छी स्टोरी है. इस धारावाहिक में कैलाशी देवी ठकुराइन का किरदार निभा रही है जो कि लखनऊ की काफी ज्यादा अमीर घराने की महिला है और बनारसी साड़ियों का बिजनेस करती है. इस धारावाहिक में कैलाश ठकुराइन का अलग ही उसूल है जिसमें वह हमेशा बोलती है कि लड़के घर का भविष्य होते हैं वंश को आगे बढ़ते हैं लेकिन लड़कियां वंश को आगे नहीं बढ़ा सकती हैं लेकिन डोरी पुरानी सोच से लड़ती है और बुनकर समाज में अपने पिता को सर्वश्रेष्ठ बुनकर का पुरस्कार भी दिलवाने की लड़ाई लड़नी है. इस धारावाहिक में छोटी सोच से छोटी उम्र की लड़ाई है.
एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी ने हटाने को कहा था लिम्फ, प्रधानमंत्री तक पहुंचा था अभिनेत्री का संदेश: उन्होंने (Actress Sudha Chandran Exclusive Interview) बताया कि कई दफा ऐसा हुआ है कि शूटिंग के लिए हमें अलग-अलग स्टेट और जिलों में जाने की आवश्यकता होती है. ऐसे में कई बार एयरपोर्ट्स पर मेरे साथ मुझे बहुत ही बुरी घटना हुई. इस सोच कर भी बहुत अंदर से दुखी होती हूं. जिस समय मुझे एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी ने आर्टिफिशियल लिम्फ हटाने के लिए कहा था. उस समय मैं बहुत इरिटेट और अपसेट हो गई थी. जिंदगी में अगर इतना सब कुछ हासिल करने के बाद भी इतना ह्यूमिलेट होना पड़ेगा तो वह मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी.
सबसे पहले मैं एयरपोर्ट से बाहर आई, फिर उसके बाद मैंने सेंट्रल गवर्नमेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक स्ट्रांग मैसेज पहुंचाना चाहती थी, जो मैंने पहुंचने की कोशिश की. मेरा संदेश उन तक पहुंची भी. उन्होंने बताया कि मुंबई टू हैदराबाद जा रही थी. 45 मिनट के भीतर ही हैदराबाद लैंड करते ही सीआईएसएफ के कई अधिकारी खड़े थे. एविगेशन के मंत्री का संदेश में अपॉलिजाइज आया. उन्होंने कहा कि कहते हैं कि भारत में कानून इतने कन्ज्यूरिंग है कि कोई भी डिसीजन नहीं होता है लेकिन सातवें दिन सुप्रीम कोर्ट ने यह डिसीजन लागू किया.
बिना किसी व्यक्ति के परमिशन के बिना कोई भी स्पेशली चैलेंज को आप हाथ नहीं लगा सकते हैं. जी हां इस केस में मैं सक्सेसफुल रही और आज भी मैं यही कहती हूं की नीचे के ऑफिशल्स को शायद इस बात को नजर अंदाज कर रहे हैं उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं इस जंग को पूरी तरह से जीत चुकी हूं आज भी कई बार ऐसा होता है लेकिन यह जरूर कह सकती हो कि पहले की तुलना में अब इस तरह की घटना एयरपोर्ट पर कम होती है. उन्होंने कहा कि अगर आप कोई रिवॉल्यूशन लाना चाहते हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि आप खुद आवाज़ उठाएं.