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यूपी सरकार का कड़ा फैसला, ऑक्सीजन चोरी करने वालों पर लगेगा रासुका - कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना काल में कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़ा फैसला लिया है. ऑक्सीजन चोरी जैसे गंभीर मामलों में रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी
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Published : May 9, 2021, 9:04 AM IST

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर में कालाबाजारी चरम पर है. हालात यह है कि सूबे में कोरोना संक्रमित मरीजों के हिस्से की ऑक्सीजन लूटी जा रही हैं. लखनऊ, कानपुर, नोएडा, वाराणसी समेत कई बड़े महानगरों में निजी अस्पताल जरूरत से अधिक ऑक्सीजन लेकर दुरुपयोग कर रहे हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. ऑक्सीजन चोरी जैसे गंभीर मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

118 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि कालाबाजारी और गड़बड़ी की हर शिकायत पर कठोर कार्रवाई होगी. ऑक्सीजन की कालाबाजारी या ऑक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी जैसी शिकायतों को पूरी गंभीरता से लेकर जांच कर कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए गए हैं. अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी के मामलों में 51 मुकदमे दर्ज कर 118 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. यह अभियान जारी है. गंभीर मामलों में रासुका भी लगाया जाएगा.

निजी अस्पतालों की भूमिका संदेह के घेरे में
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 21 अप्रैल से कालाबाजारी के विरुद्ध कार्रवाई का सिलसिला जारी है. कई निजी अस्पतालों की भूमिका संदेह के घेरे में है. कई स्थानों पर ऑक्सीजन सिलेंडर की रीफिलिंग भी कई गुना अधिक मूल्य वसूलकर की जा रही है. डीजीपी का कहना है कि शनिवार को प्रदेश में 3858 दुकानों की चेकिंग कराई गई. पुलिस हर सूचना पर त्वरित कार्रवाई कर रही है. कालाबाजारी के हर गंभीर प्रकरण में आरोपितों के विरुद्ध रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं. बीते 24 घंटे में कालाबाजारी के तीन मुकदमे दर्ज कर तीन आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है.

यह भी पढ़ेंः-पश्चिम बंगाल : शुभेंदु अधिकारी बन सकते हैं भाजपा विधायक दल के नेता

ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि अब तक प्रदेश के 38 बड़े संस्थानों में ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट कराया जा चुका है. यह काम निरंतर चल रहा है. पूरा प्रयास है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो, जहां मरीज की संख्या के अनुपात से अधिक ऑक्सीजन ली जा रही है, उनकी जांच-पड़ताल कराई जा रही है.

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर में कालाबाजारी चरम पर है. हालात यह है कि सूबे में कोरोना संक्रमित मरीजों के हिस्से की ऑक्सीजन लूटी जा रही हैं. लखनऊ, कानपुर, नोएडा, वाराणसी समेत कई बड़े महानगरों में निजी अस्पताल जरूरत से अधिक ऑक्सीजन लेकर दुरुपयोग कर रहे हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. ऑक्सीजन चोरी जैसे गंभीर मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

118 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि कालाबाजारी और गड़बड़ी की हर शिकायत पर कठोर कार्रवाई होगी. ऑक्सीजन की कालाबाजारी या ऑक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी जैसी शिकायतों को पूरी गंभीरता से लेकर जांच कर कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए गए हैं. अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी के मामलों में 51 मुकदमे दर्ज कर 118 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. यह अभियान जारी है. गंभीर मामलों में रासुका भी लगाया जाएगा.

निजी अस्पतालों की भूमिका संदेह के घेरे में
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 21 अप्रैल से कालाबाजारी के विरुद्ध कार्रवाई का सिलसिला जारी है. कई निजी अस्पतालों की भूमिका संदेह के घेरे में है. कई स्थानों पर ऑक्सीजन सिलेंडर की रीफिलिंग भी कई गुना अधिक मूल्य वसूलकर की जा रही है. डीजीपी का कहना है कि शनिवार को प्रदेश में 3858 दुकानों की चेकिंग कराई गई. पुलिस हर सूचना पर त्वरित कार्रवाई कर रही है. कालाबाजारी के हर गंभीर प्रकरण में आरोपितों के विरुद्ध रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं. बीते 24 घंटे में कालाबाजारी के तीन मुकदमे दर्ज कर तीन आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है.

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ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि अब तक प्रदेश के 38 बड़े संस्थानों में ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट कराया जा चुका है. यह काम निरंतर चल रहा है. पूरा प्रयास है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो, जहां मरीज की संख्या के अनुपात से अधिक ऑक्सीजन ली जा रही है, उनकी जांच-पड़ताल कराई जा रही है.

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