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बिकरु कांड: प्रशासनिक और राजस्व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए बिकरु कांड मामले में अब गृह विभाग ने राजस्व कर्मियों पर कार्रवाई की सिफारिस की है. बता दें कि आठ पुलिसकर्मियों की मौत के बाद इस पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही है. इस मामले में एसआईटी ने पहले ही 80 से ज्यादा अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.

विकास दुबे
विकास दुबे
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Published : Nov 17, 2020, 10:23 AM IST

लखनऊ: कानपुर के बिकरु कांड को लेकर एसआईटी ने अपनी 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ राजस्व अधिकारियों की विकास दुबे से सांठ-गांठ का खुलासा किया था. रिपोर्ट में विकास दुबे को मदद पहुंचाने वाले अधिकारी पुलिस के ही नहीं बल्कि प्रशासन के भी थे. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 80 से ज्यादा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में गृह विभाग ने बिकरु कांड में 19 प्रशासनिक अफसरों और 8 राजस्व कर्मियों के खिलाफ संबंधित विभाग को कार्रवाई करने के लिए सिफारिश की है. विकास दुबे को जमीनों पर अवैध कब्जे से लेकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने में इन अधिकारियों की भूमिका रही है. इनमें अपर जिला अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सिटी मजिस्ट्रेट और राजस्व निरीक्षक भी शामिल हैं.

बिकरु कांड में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी

कानपुर के बिकरु कांड में एसआईटी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री की ओर से मुरादाबाद में पीएसी में डीआईजी पद पर कार्यरत अनंत देव को निलंबित कर दिया है. वहीं अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग की ओर से एसआईटी जांच में दोषी पाए गए 19 प्रशासनिक अधिकारियों और 8 राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों से सिफारिश की गई है. सिफारिश में जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी है उनमें में अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक शामिल हैं.

अवैध तरीके से सम्पत्ति जुटाने में सहयोगी रहे ये अधिकारी

कानपुर के बिकरु का रहने वाला विकास दुबे अपराधी होने के साथ-साथ अरबों रुपये की चल और अचल संपत्ति का मालिक भी बन गया था. कानपुर में कई करोड़ों रुपये की जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किया था. प्रशासन के अधिकारियों से उसकी सांठ-गांठ के चलते ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. न ही इन जमीनों को प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्व के अधिकारियों ने मुक्त कराने की कोशिश की. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन और राजस्व के अधिकारियों को दोषी ठहराया है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है. अब इन दोषी प्रशासन और राजस्व के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग की ओर से सिफारिश की गई है.

शस्त्र लाइसेंस देने को लेकर ताक पर थे नियम

दो जुलाई को कानपुर के बिकरु में विकास दुबे ने सीओ देवेंद्र मिश्र के समेत आठ पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग करके बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी. वहीं इस घटना के बाद विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया. इसके बाद एसआईटी का गठन हुआ. अब 3 सदस्यीय एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में विकास दुबे पर दर्ज मुकदमे और गैंगस्टर होने के बावजूद भी उसे किस तरह शस्त्र लाइसेंस मिलते गए, इस पर भी सवाल खड़े किए हैं.

इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर के बिकरु कांड में दोषी पाए गए अधिकारियों पर किसी भी तरीके की कोई रियायत देने को तैयार नहीं है. इसलिए अब गृह विभाग जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश संबंधित विभागों को भेज दी है.

लखनऊ: कानपुर के बिकरु कांड को लेकर एसआईटी ने अपनी 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ राजस्व अधिकारियों की विकास दुबे से सांठ-गांठ का खुलासा किया था. रिपोर्ट में विकास दुबे को मदद पहुंचाने वाले अधिकारी पुलिस के ही नहीं बल्कि प्रशासन के भी थे. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 80 से ज्यादा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में गृह विभाग ने बिकरु कांड में 19 प्रशासनिक अफसरों और 8 राजस्व कर्मियों के खिलाफ संबंधित विभाग को कार्रवाई करने के लिए सिफारिश की है. विकास दुबे को जमीनों पर अवैध कब्जे से लेकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने में इन अधिकारियों की भूमिका रही है. इनमें अपर जिला अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सिटी मजिस्ट्रेट और राजस्व निरीक्षक भी शामिल हैं.

बिकरु कांड में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी

कानपुर के बिकरु कांड में एसआईटी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री की ओर से मुरादाबाद में पीएसी में डीआईजी पद पर कार्यरत अनंत देव को निलंबित कर दिया है. वहीं अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग की ओर से एसआईटी जांच में दोषी पाए गए 19 प्रशासनिक अधिकारियों और 8 राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों से सिफारिश की गई है. सिफारिश में जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी है उनमें में अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक शामिल हैं.

अवैध तरीके से सम्पत्ति जुटाने में सहयोगी रहे ये अधिकारी

कानपुर के बिकरु का रहने वाला विकास दुबे अपराधी होने के साथ-साथ अरबों रुपये की चल और अचल संपत्ति का मालिक भी बन गया था. कानपुर में कई करोड़ों रुपये की जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किया था. प्रशासन के अधिकारियों से उसकी सांठ-गांठ के चलते ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. न ही इन जमीनों को प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्व के अधिकारियों ने मुक्त कराने की कोशिश की. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन और राजस्व के अधिकारियों को दोषी ठहराया है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है. अब इन दोषी प्रशासन और राजस्व के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग की ओर से सिफारिश की गई है.

शस्त्र लाइसेंस देने को लेकर ताक पर थे नियम

दो जुलाई को कानपुर के बिकरु में विकास दुबे ने सीओ देवेंद्र मिश्र के समेत आठ पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग करके बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी. वहीं इस घटना के बाद विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया. इसके बाद एसआईटी का गठन हुआ. अब 3 सदस्यीय एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में विकास दुबे पर दर्ज मुकदमे और गैंगस्टर होने के बावजूद भी उसे किस तरह शस्त्र लाइसेंस मिलते गए, इस पर भी सवाल खड़े किए हैं.

इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर के बिकरु कांड में दोषी पाए गए अधिकारियों पर किसी भी तरीके की कोई रियायत देने को तैयार नहीं है. इसलिए अब गृह विभाग जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश संबंधित विभागों को भेज दी है.

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