लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कौशल विकास मिशन में लापरवाही बरतने वाली संस्थाओं की अब खैर नहीं है. प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने ऐसी सभी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की घोषणा की है. इनकी संख्या 24 बताई जा रही है. यह निष्क्रिय संस्थाएं हैं. कपिल देव अग्रवाल ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन अलीगंज में कार्यों के संबंध में प्रेसवार्ता की. इस अवसर पर मिशन डायरेक्टर आन्द्रा वामसी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि कुल 38 संस्थाओं को फ्लैक्सी प्राइवेट पार्टनर के तौर पर जोड़ा गया था. इसमें अभी तक की जानकारी के मुताबिक, 14 सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि कई बड़ी संस्थाएं लगातार कौशल विकास मिशन से जुड़ने के लिए तैयार खड़ी हैं. निष्क्रिय संस्थाओं को हटाकर उन्हें जोड़ा जाएगा.
कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि अभी तक कौशल विकास मिशन की तरफ से युवाओं को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट दिलाने के लिए अनुदान दिया जाता था. अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जा रही है. इसके बिना संबंधित संस्थाओं को भुगतान नहीं किया जाएगा. यह व्यवस्था लागू होने के बाद प्रशिक्षुओं की संख्या गिरी है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मिशन में गुणवत्ता पर जोर है. प्रधानमंत्री का इस पर पूरा ध्यान है. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अब माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के साथ भी कार्रवाई की शुरुआत की जा रही है. माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ अनुबंद किया गया है. इसके तहत कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों को अभी कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा. ताकि पढ़ाई के साथ ही बच्चे भी प्रशिक्षित हो सकें.
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