लखनऊ: राजधानी में पिछले वर्ष पेट्रोल और डीजल में मिलावट और चोरी के मामले काफी संख्या में आए. इसके मद्देनजर राज्य सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई. इसमें करीब डेढ़ दर्जन पेट्रोल पंपों को सील किया गया. वहीं, बड़े पैमाने पर जुर्माना लगाने की भी कार्रवाई पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ की गई थी. ऐसे में पिछले वर्षों की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में चोरी और मिलावट के मामलों में काफी कमी आई है. इससे जनता को पेट्रोल और डीजल लेने में समस्याओं का सामना कम करना पड़ रहा है.
केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल में मिलावट और चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं. इसी का परिणाम है कि जनता को राहत मिल रही है. पेट्रोल पंप पर कार्रवाई के साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम में तमाम नए तरह के प्रयास शुरू किए गए हैं, जिससे पेट्रोल पंप में ऑपरेटिंग मशीन में काफी नए तरह के बदलाव भी किए गए हैं. इससे अब चोरी और मिलावट के मामलों में कमी नजर आ रही है.
डिस्पेंशर यूनिट में चिप लगाकर होती थी चोरी
राजधानी में ही अकेले करीब डेढ़ दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों में चोरी और मिलावट के मामले सामने आए थे. 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पेट्रोल पंप में पेट्रोल-डीजल की चोरी करने की लगातार मिल रही शिकायतें और जनता को राहत दिलाने के उद्देश्य पेट्रोल पंप की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स लगाई गई थी. राजधानी में डेढ़ दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों में डिस्पेंसर यूनिट में टेंपरिंग करके चिप लगाकर पेट्रोल-डीजल की चोरी की जाती थी.
डेढ़ दर्जन पेट्रोल पंपों को किया गया था सील
लखनऊ में रिमोट के माध्यम से पेट्रोल पंप में ऑपरेटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ करते हुए यह बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा था. इसे रोकने को लेकर एसटीएफ ने जांच की तो बड़ा मामला सामने आया. इसके बाद लखनऊ के ड़ेढ दर्जन पेट्रोल पंपों को सील कर दिया गया था. उसके बाद से लेकर अब तक काफी बदलाव आए हैं. अब इस प्रकार की घटनाएं बहुत ही कम सामने आ रही हैं.
लगातार निरीक्षण से रुक रही चोरी
बांट माप विभाग व जिला पूर्ति विभाग के स्तर पर पेट्रोल पंप कंपनियों के सहयोग से लगातार जॉइंट निरीक्षण और सत्यापन का काम हो रहा है, जिससे चोरी और मिलावट के मामले कम सामने आ रहे हैं. ऐसे में स्वाभाविक रूप से जनता को राहत मिल रही है. इसके अलावा पेट्रोल पंपों में निरीक्षण और सत्यापन का काम भी जारी है, जिससे ऐसी घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके.
जुर्माना लगाकर और सत्यापन कर रोकी जाती है चोरी
विधिक माप विज्ञान के सहायक नियंत्रक कुमार नीरज सिंह ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि पेट्रोल पंप पर दो प्रकार की कार्रवाई होती है. विभाग के स्तर पर सत्यापन और निरीक्षण की कार्रवाई लगातार होती है. विभागीय अधिकारियों के साथ ही पेट्रोल पंप कंपनियों के स्तर पर और पंप ऑपरेटिंग मशीन निर्माता कंपनियों के टेक्निकल अधिकारी ज्वाइंट इंस्पेक्शन करते हैं. जहां जो भी समस्याएं होती हैं, उस आधार पर कार्रवाई की जाती है. विभाग के स्तर पर सत्यापन के साथ ही प्रवर्तन की कार्रवाई की जाती है, जिसमें जुर्माना वसूलने का भी काम होता है. इस प्रकार सत्यापन और जुर्माने की कार्रवाई करते हुए घटनाओं को रोकने का प्रयास किया जाता है.
अब तक ये हुई हैं कार्रवाई
सहायक नियंत्रक कुमार नीरज सिंह के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2019-20 में लखनऊ मंडल में 3044 निरीक्षण किए गए थे. इनमें 138 मामलों में अनियमितता मिली थी. इन मामलों में 11 लाख 51 हजार रुपये का समन शुल्क यानी जुर्माना वसूला था. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2274 निरीक्षण किए गए थे. 56 मामलों में अनियमितता प्रकाश में आई थी, जिसमें दो लाख 88 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया था.
कई स्तर पर किए गए हैं बदलाव
सहायक नियंत्रक कुमार नीरज सिंह ने बताया कि पहले और बाद के मामलों को देखते हुए अब अच्छा ट्रेंड देखने को मिल रहा है. विभागीय स्तर पर जिस प्रकार से कार्रवाई हो रही है, उससे अब पेट्रोल पंपों में डीजल-पेट्रोल की चोरी के मामलों में कमी आ रही है. उन्होंने बताया कि हापुड़ में एक घटना सामने में आई थी, जिसमें प्रोएक्टिव अप्रोच के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक टेंपरिंग का मामला पकड़ा गया था. इसके बाद से पेट्रोल पंप मशीनों में स्ट्रक्चरल व सॉफ्टवेयर के स्तर पर तमाम तरह के बदलाव किए गए, जिससे अब मिलावट और चोरी की घटनाओं में कमी आ रही है.
चोरी और मिलावट पर यहां करें शिकायत
पेट्रोल पंप पर डीजल-पेट्रोल की चोरी और मिलावट आदि की शिकायत करने के लिए राज्य उपभोक्ता फोरम ने एक हेल्पलाइन जारी की है. इसके माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं की शिकायत की जा सकती है. राज्य उपभोक्ता फोरम ने 1800 1800 300 टोलफ्री नंबर की व्यवस्था की है.
पेट्रोल पंप को सील करने की होती है कार्रवाई
पेट्रोलियम कंपनियों और बांट माप विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की चोरी और मिलावट मिलने पर पेट्रोल पंप को सील करने और जुर्माना वसूलने की कार्रवाई होती है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने ऐसे मामलों को देखते हुए तमाम तरह की कार्रवाई और प्रावधान किए हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य उपभोक्ता फोरम को पेट्रोल पंप का लाइसेंस हमेशा के लिए निरस्त करने के अधिकार दिए हैं. इसको लेकर कंजूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 को भी लागू किया गया है. राज्य उपभोक्ता फोरम में पेट्रोल और डीजल में चोरी और मिलावट की शिकायतें की जा सकती हैं. इसके बाद बांट माप विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के स्तर पर जॉइंट इंस्पेक्शन करके आगे की कार्रवाई की जाती है.