लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पंचायत चुनाव में आरक्षण को बदलने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए पंचायत आरक्षण प्रणाली बदलने का निर्णय किया था. संशोधन के जरिए कैबिनेट ने यह प्रस्ताव पास किया था.कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने यह प्रस्ताव रखा था. उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर पंचायती राज विभाग ने पत्रकार वार्ता में ACS मनोज कुमार ने प्रेस वार्ता कर बताया कि, इस बार पंचायत चुनावों में रोटेशन लागू किया जाएगा. इसके लिए पिछले पांच चुनावों का रिकॉर्ड देखा जाएगा. पत्रकार वार्ता में अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह ने कहा कि, जिला पंचायतों में 3051 वार्ड बनाए गए हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण नहीं होगा.
ACS मनोज कुमार ने दी जानकारी
ACS मनोज कुमार ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि SC, OBC, महिला के क्रम में आरक्षण होगा. उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि, जो पद पहले आरक्षित नहीं था, उन्हें वरीयता दी जाएगी. इसके लिए 20 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. इसके अलावा 2 से 8 मार्च तक आपत्ति दी जा सकेगी.
'पिछले 5 चुनावों का लिया जाएगा संज्ञान'
ACS मनोज कुमार ने बताया कि पिछले पांच चुनावों में पद किसके लिए आरक्षित था, उसका संज्ञान लिया जाएगा. अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 2015 में आरक्षण की जो स्थिति है वह 2021 में नहीं होगी.
उन्होंने बताया कि कोई भी ऐसा पद जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं किया गया है, वह शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसी तरह कोई ऐसा पद जो ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, वह ओबीसी के लिए आरक्षित होगा. इसी तरह महिला को भी देखा जाएगा. इसी क्रम में पदों का आरक्षण किया जाएगा.
'राज्य स्तर पर जारी की जाएगी अधिसूचना'
उन्होंने बताया कि 826 ब्लॉकों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा इसकी अधिसूचना राज्य स्तर पर जारी की जाएगी. साथ ही जिला पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी की जाएगी. ACS ने बताया कि 11 से लेकर 15 तारीख के बीच अनुसूचित जाति के लिए जिला पंचायत की 20% सीटें आरक्षित होंगी. जिलाधिकारी ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर आरक्षण प्रणाली तय करेंगे.
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जो पद शेड्यूल कास्ट या फिर शेड्यूल कास्ट महिला के लिए हैं वह अनारक्षित और ओबीसी हो सकते हैं.उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 2 जिला पंचायत ऐसी थीं जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं हुई और 7 ऐसी जिला पंचायत थी जो महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुई.