लखनऊ : राजधानी लखनऊ में एक ही परिवार के छह सदस्यों से 45 लाख रुपए की ठगी (45 lakh fraud case) का मामला सामने आया है. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में पीड़ित ग्रुप के एमडी, जनरल मैनेजर, मैनेजर, दो कर्मचारी व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने बताया कि लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर आवासीय योजना चलाने वाले एक ही परिवार के दंपती सहित छह लोगों से 45.37 लाख रुपये ले लिए और पांच साल के बाद भी प्लॉट नहीं दिया.
मिला जानकारी के अनुसार, पीड़ित परिवार गाजीपुर जिले के सैदपुर स्थित ग्राम हसनपुर में रहता है. पीड़ित सच्चिदानंद एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. पीड़ित का आरोप है कि वर्ष 2012 से 2019 तक वह ऑस्ट्रेलिया में प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं. पत्नी लखनऊ में कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी में रहती हैं. जुलाई वर्ष 2014 में सच्चिदानंद लखनऊ आए थे. इस दौरान इन्होंने वसुंधरा ग्रुप का विज्ञापन देखा. विज्ञापन में कंपनी ने गोसाईगंज स्थित शेखनापुर गांव में ऑर्चिड वैली के नाम से एक आवासीय योजना की जानकारी दे रखी थी. पीड़ित का आरोप है कि योजना के बारे में जानकारी के लिए नंबर पर संपर्क किया तो कर्मचारी पूजा ने दफ्तर पर बुलाया, जिसके बाद सच्चिदानंद, पत्नी व करीबी रिश्तेदारों के साथ अशोक मार्ग स्थित वसुंधरा ग्रुप के ऑफिस गए. जहां उनकी मुलाकात एमडी सुधीर सिंह व अन्य से हुई. जिसके बाद पीड़ित की बड़ी बहन डॉ. कालिंदी देवी, भांजे अनूप कुमार, पत्नी की बड़ी बहन इंदु कुमारी व मित्र रूपेश ने भी योजना में निवेश की इच्छा जताई. सभी ने 10-10 हजार रुपये एडवांस जमा किए. सितंबर 2014 से नवंबर 2017 के बीच सभी ने 45.37 लाख रुपये का भुगतान कर दिया.
पीड़ित का आरोप है कि निवेश के बाद जनवरी 2018 में उस जगह का निरीक्षण किया तो कोई काम नहीं मिला. संपर्क करने पर एमडी ने दिसंबर 2019 तक की समय सीमा बताई. वर्ष 2017 में कंपनी ने अपना ठिकाना विभूतिखंड स्थित एल्डिको कॉरपोरेट चेंबर में बना लिया. लगातार टालमटोल पर पीड़ितों ने विभूतिखंड थाने में शिकायत की है. थाना प्रभारी विभूतिखंड राम सिंह ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है. मामले की जांच की जा रही है.
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