लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के आरोपी दीपक कबीर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि योगी सरकार लोगों को बदनाम करने में सफल रही लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद बाकी है. उन्होंने आगे कहा कि हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश मिलने के बाद योगी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना यह साबित करता है कि उसकी मंशा अपने ही नागरिकों को लेकर ठीक नहीं है. योगी सरकार की याचिका पर विचार करते हुए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के आरोपियों के पोस्टर मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यों वाली पीठ को सौंपा है.
आरोप साबित होने से पहले लगा दिए पोस्टर
दीपक कबीर ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया है अदालत में वह कोई सुबूत पेश नहीं कर सकी, लिहाजा कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. कोर्ट में मामला विचाराधीन है. पुलिस को अभी यह साबित करना है कि दंगा भड़काने में उनकी भूमिका रही है. इससे पहले ही लखनऊ जिला प्रशासन ने दंगा भड़काने के आरोप में उन्हें दोषी मानते हुए जुर्माने का नोटिस भेज दिया और चौराहों पर पोस्टर भी लगा दिए.
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सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिलने की उम्मीद
उनका कहना है कि शहर में पोस्टर लगाए जाने के बाद से उन जैसे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोग उन्हें दंगाई समझ रहे हैं जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है. पोस्टर लगाए जाने के बाद हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त बीत गया है. ऐसे में उन लोगों की जितनी बदनामी होनी थी वह हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट से अब उनकी बदनामी को वापस नहीं लाया जा सकता लेकिन इंसाफ मिलने की उम्मीद बाकी है.
सीएम योगी से अपील
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करना चाहूंगा कि वह अपने ऊपर लगाए गए मुकदमों को ध्यान में रखकर विचार करें. जो पुलिस उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लगा सकती है. वही उत्तर प्रदेश की पुलिस दूसरे नागरिकों पर भी फर्जी मुकदमे लगा कर सरकार की कृपा पात्र बनने की कोशिश कर रही है.