लखनऊः नमक घोटाला मामले में निरुद्ध मुल्जिम सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज संदीप गुप्ता ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त का अपराध प्रथम दृष्टया गंभीर प्रकृति का है. कोर्ट ने आगे कहा कि अभियुक्त की संलिप्तता के मद्देनजर जमानत का आधार प्रर्याप्त नहीं है.
छह करोड़ की ठगी का आरोप
सरकारी वकील प्रभा वैश्य के मुताबिक मोंटी पर इस मामले के अन्य मुल्जिमों के साथ मिलकर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में छह करोड़ छह लाख की ठगी का आरोप है. 11 अगस्त 2020 को इस मामले की एफआईआर नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी.
संगीन धाराओं में दर्ज हुआ था केस
वादी ने सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर के अलावा फर्जी अधिकारी व संयुक्त सचिव के तौर पर अपनी पहचान बताने वाले एनके कन्नौजिया उर्फ आशीष राय, फर्जी अधिकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राघव, वित विभाग के एसके अग्निहोत्री, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य के खिलाफ तहरीर दी थी. उनकी तहरीर पर मुल्जिमों को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.