लखनऊ: ऑनर किलिंग के एक मामले (honor killing case) में विवाह के एक वर्ष बाद पति की हत्या करने के आरोपी आयुष पांडेय की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश पद्माकर मणि त्रिपाठी ने खारिज कर दी. अभियोजन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा व वादिनी की विशेष अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव का तर्क था कि इस घटना की रिपोर्ट मृतक सुमित मिश्रा की मां श्रीमती मनोरमा मिश्रा ने 17 जुलाई, 2021 को अलीगंज थाने में दर्ज कराई थी.
जिसमें उसने कहा था कि अभियुक्त आयुष पांडेय की बहन मानसी पांडे से उसके पुत्र ने प्रेम विवाह किया था. कहा गया कि मनसी के माता-पिता और भाई आयुष पांडेय नहीं चाहते थे कि मनसी की शादी मृतक सुमित मिश्रा से हो.
इसे भी पढ़ें - बाइक एवं साइकिल सवार में भिड़ंत, एक की मौत.. पढ़ें पूरी खबर
बहस के दौरान कहा गया कि जून 2021 में आरोपियों ने किसी तरह बहाने से मानसी पांडेय को अपने घर बुलाकर 7 जुलाई को मृतक और उसके घरवालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई. उसके बाद 16 जुलाई की रात में मौका पाकर गुप्ता होटल पर अभियुक्त आयुष पांडेय और उसके मित्र आदेश सिंह उर्फ जीतू ने मारपीट कर कट्टे के दम पर सुमित मिश्रा का अपहरण कर लिया.
इसके बाद उसे आदेश सिंह के दरवाजे पर ले जाकर बुरी तरह से मारकर मरणासन्न अवस्था में कर दिया. जिसकी अस्पताल में पहुंचने पर मृत्यु हो गई थी. कहा गया कि इस घटना में सुमित मिश्रा के साथी पंकज शर्मा को भी गंभीर चोटें आई थी. अदालत ने मामले को गंभीर बताते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप