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सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों हड़पने वाला शाइन सिटी का अकाउंटेंट गिरफ्तार

राजधानी लखनऊ की पुलिस ने सैकड़ों निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक हड़पने वाली शाइन सिटी कंपनी के अकाउंटेंट को गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Oct 2, 2021, 10:38 PM IST

शाइन सिटी.
शाइन सिटी.

लखनऊ: प्रदेश भर में सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़पने वाली शाइन सिटी कंपनी के जालसाज पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. मुखबिर की सूचना पर ठाकुरगंज पुलिस ने टाउनशिप बनाने का दावा कर सैकड़ों निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक हड़पने वाली शाइन सिटी के अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है. आरोपी बुलाकी अड्डा निवासी मो. शकील के खिलाफ धोखाधड़ी के दस से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.


शाइन सिटी के निदेशक राशिद और आसिफ नसीम ने करोड़ों रुपये हड़पे हैं. अकाउंटेंट होने के कारण मो. शकील को ठगी की साजिश के बारे में जानकारी थी. इसके बाद भी वह कम्पनी से जुड़ा रहा. इतना ही नहीं मो. शकील ने कई लोगों से कम्पनी में निवेश भी कराया था. जिसके बदले उसे कमीशन मिला था. शाइन सिटी घोटाले की जांच अब ईओडब्ल्यू कर रही है. पुलिस का कहना है कि इसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनाई गई थी. आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन के विवेचक निरीक्षक प्रवीण सिंह की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया था.

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक 60 हजार करोड़ ठगने वाली शाइन सिटी कंपनी के एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम के साथ ही कंपनी के 40 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों साथ ही दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी जैसे राज्यों में धोखाधड़ी के 4000 मामले दर्ज हो चुके हैं. सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 केस दर्ज हैं. देश में शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है. लखनऊ पुलिस ने दोनों भाइयों पर पर 50-50 हजार और वाराणसी पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. इसके अलावा ईडी ने भी दोनों महाठग भाइयों समेत शाइन सिटी कंपनी के छह अफसरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

इसे भी पढ़ें-100 करोड़ ठगने वाले शाइन सिटी की जगुआर टीम के प्रेसीडेंट और दो मैनेजरों को STF ने दबोचा

बता दें कि महाठग राशिद नसीम के पास एक इंच भी जमीन नहीं थी. लेकिन लखनऊ से सटे कई इलाकों में करोड़ों रुपये के जमीन का मालिक बनकर कंप्यूटर पर रियल स्टेट का प्रोजेक्ट बनाकर बेच रहा था. राशिद ने पूरे प्रदेश और फिर देश के कई राज्यों में नेटवर्क फैलाया. एजेंटों के जरिए उसने लोगों से निवेश में मुनाफा, प्लॉट और मकान देने के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपया इकट्ठा किया और फरार हो गया.

लखनऊ: प्रदेश भर में सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़पने वाली शाइन सिटी कंपनी के जालसाज पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. मुखबिर की सूचना पर ठाकुरगंज पुलिस ने टाउनशिप बनाने का दावा कर सैकड़ों निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक हड़पने वाली शाइन सिटी के अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है. आरोपी बुलाकी अड्डा निवासी मो. शकील के खिलाफ धोखाधड़ी के दस से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.


शाइन सिटी के निदेशक राशिद और आसिफ नसीम ने करोड़ों रुपये हड़पे हैं. अकाउंटेंट होने के कारण मो. शकील को ठगी की साजिश के बारे में जानकारी थी. इसके बाद भी वह कम्पनी से जुड़ा रहा. इतना ही नहीं मो. शकील ने कई लोगों से कम्पनी में निवेश भी कराया था. जिसके बदले उसे कमीशन मिला था. शाइन सिटी घोटाले की जांच अब ईओडब्ल्यू कर रही है. पुलिस का कहना है कि इसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनाई गई थी. आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन के विवेचक निरीक्षक प्रवीण सिंह की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया था.

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक 60 हजार करोड़ ठगने वाली शाइन सिटी कंपनी के एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम के साथ ही कंपनी के 40 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों साथ ही दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी जैसे राज्यों में धोखाधड़ी के 4000 मामले दर्ज हो चुके हैं. सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 केस दर्ज हैं. देश में शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है. लखनऊ पुलिस ने दोनों भाइयों पर पर 50-50 हजार और वाराणसी पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. इसके अलावा ईडी ने भी दोनों महाठग भाइयों समेत शाइन सिटी कंपनी के छह अफसरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

इसे भी पढ़ें-100 करोड़ ठगने वाले शाइन सिटी की जगुआर टीम के प्रेसीडेंट और दो मैनेजरों को STF ने दबोचा

बता दें कि महाठग राशिद नसीम के पास एक इंच भी जमीन नहीं थी. लेकिन लखनऊ से सटे कई इलाकों में करोड़ों रुपये के जमीन का मालिक बनकर कंप्यूटर पर रियल स्टेट का प्रोजेक्ट बनाकर बेच रहा था. राशिद ने पूरे प्रदेश और फिर देश के कई राज्यों में नेटवर्क फैलाया. एजेंटों के जरिए उसने लोगों से निवेश में मुनाफा, प्लॉट और मकान देने के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपया इकट्ठा किया और फरार हो गया.

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