लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) की कार्यशालाएं स्पेयर पार्ट्स के अभाव से जूझ रही हैं. इसी का नतीजा है कि जुगाड़ से ही बसों को रिपेयर कर संचालन के लिए सड़क पर उतारा जा रहा है. यही बसें यात्रियों की जान के दुश्मन भी बन रही हैं. बसों की मरम्मत में बरती जा रही लापरवाही के कारण एक दिन पहले एक और दुर्घटना होते-होते टल गई. इस घटना को अधिकारी दो दिनों तक दबाए रहे.
मामला कैसरबाग डिपो का है, जहां रविवार को कैसरबाग बस स्टैंड से हरदोई जा रही बस का शाफ्ट संडीला के पास टूट गया. शाफ्ट टूटकर बस के दोनों पहियों के बीच फंस गया, जिससे बस अनियंत्रित होकर पलटते-पलटते बच गई.
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कैसरबाग डिपो के कर्मचारियों के अनुसार बस रविवार को हरदोई जा रही थी. इस बीच संडीला और बालामऊ के बीच बस का धुरा टूट गया, जिस समय बस का धुरा टूटा उस समय रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे थी.
इससे पहले की तेज रफ्तार में बस अनियंत्रित होकर पलटती, बस चालक से सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया. बस में सवार सभी 45 यात्री बीच रास्ते नें उतार दिए गए. काफी देर तक बसें नहीं मिलने पर यात्रियों ने हंगामा किया. कैसरबाग डिपो की दूसरी बस से यात्रियों को हरदोई के लिए रवाना किया गया.
ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है जब इस तरह से बसों के पार्ट्स अलग हो रहे हैं. इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन अधिकारी गंभीरता दिखाने के बजाय मामले को रफा-दफा कर ऐसी बसों को यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने के लिए रूट पर भेज रहे हैं.
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