लखनऊः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक पर अनियमितता के आरोप लगे हैं. एकेटीयू प्रशासन ने इन आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्र ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है.
विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों राजभवन की ओर से प्रो. पीके मिश्रा के खिलाफ जांच के लिए बनाई गई कमेटी से जोड़कर देखा जा रहा है. मौजूदा कुलपति ने प्रोफेसर पाठक के करीबियों आईईटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक अनुराग त्रिपाठी को अनियमितता के आरोप में हटा दिया था. इसके बाद इन दिनों लोगों ने प्रोफेसर पीके मिश्रा की शिकायत राजभवन में की थी. जिसके बाद कुलाधिपति ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाया था.
मौजूदा समय में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक पर परीक्षा संबंधित कामों में कमीशनबाजी और अनियमितता के आरोप में पहले से ही एसटीएफ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके बाद शासन ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. यहां पर इस मामले की जांच चल रही है. अब वहीं, एकेटीयू प्रशासन ने 21 नवंबर 2022 को विश्वविद्यालय आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को प्रेषित एक शिकायती पत्र की जांच के लिए 4 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है. विश्वविद्यालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. इसमें सदस्य के तौर पर सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश संजय, आरईसी सोनभद्र के निदेशक जीएस तोमर व सहायक कुलसचिव रंजीत सिंह प्रस्तुता अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है.
इन मामलों होगी जांचः एकेटीयू के कुलपति प्रो. मिश्रा की ओर से बनाई गई कमेटी प्रोफेसर विनय पाठक पर लगे 14 गंभीर आरोपों की जांच करेगी. इस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले सभी सूचनाओं के साथ ही कार्य परिषद व वित्त समिति के किए गए सभी निर्णयों की जांच शामिल है. इसके अलावा गठित की गई कमेटी विश्वविद्यालयों में हुए सभी भर्तियों की जांच, ई-कंसोर्सियम की जांचस पीएनबी हाउसिंग में 700 करोड़ रुपए और 1000 करोड़ रुपए का गलत निवेश, परीक्षा के गोपनीय कार्यों में 100 करोड़ का गलत निवेश, डीडीक्यूआईपी मैं 300 करोड़ का फर्जी भुगतान, गोल्ड बॉन्ड में निवेश, प्लेगेरिज्म फर्जी पीएचडी, फर्जी पेपर, फर्जी विनियमितीकरण, आगरा और एकेटीयू की कार्यपरिषद में नामित प्रक्रिया की जांच, डॉक्टर विनीत कंसल और डॉ. अनुराग त्रिपाठी की प्रोफेसर पद पर फर्जी नियुक्ति, फर्जी बायोडाटा तैयार करना तथा निर्माण कार्यों का फर्जी तरीके से भुगतान करना जैसे गंभीर अनियमितता की जांच कर कुलपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.
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