लखनऊ: माघी पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को मनकामेश्वर उपवन पर आदि मां गोमती की भव्य आरती का आयोजन किया गया. गोमती नदी किनारे बने मनकामेश्वर मठ की महंत दिव्या गिरी के साथ 10 पुजारियों ने 11 वेदियों से मां गोमती की पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर मनकामेश्वर मठ पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था. उपवन मां गोमती के जयकारों से गूंज रहा था.
नमोस्तुते मां गोमती एवं मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने मुख्य मंच से मां गोमती की महाआरती की. माघी पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र आरती कर भगवान चंद्र देव का आशीर्वाद लिया गया. इस अवसर पर पंडित शिवानंद और पंडित शिव राम अवस्थी के आचार्य में सभी बेटियों पर एक ही वेशभूषा में सभी पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ मां गोमती की आरती और पूजा-अर्चना की.
इस अवसर पर मनकामेश्वर उपवन घाट का दृश्य दूधिया रोशनी से सराबोर दिखाई दे रहा था. माघी पूर्णिमा पर आयोजित इस कार्यक्रम में घाट को शीत ऋतु के पुष्पों और दीपकों से सजाया गया था. कार्यक्रम की शुरुआत में शाम 4 बजे मनकामेश्वर उपवन घाट पर महंत दिव्या गिरी ने संत रविदास एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण किया. इसके साथ ही श्रद्धालुओं को संत रविदास और छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन की व्याख्या की गई.
माघी पूर्णिमा के अवसर पर नदियों की स्वच्छता एवं जल संरक्षण के लक्ष्य को लेकर आदि मां गोमती की भव्य आरती का आयोजन किया जाता रहा है. महाआरती के साथ-साथ लोगों को मां गोमती की साफ-सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने का आह्वान भी किया जाता रहा है.
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