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राम भक्तों के चंदे में चोरी करने की नीयत से खरीदी गई जमीन : संजय सिंह

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Published : Jun 17, 2021, 10:06 PM IST

आप नेता संजय सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉफ्रेंस कर राम मंदिर जमीन खरीद को लेकर राम जन्म भूमि ट्रस्ट पर कई आरोप लगाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये जमीन राम भक्तों के चंदे में चोरी करने की नीयत से ही खरीदी गई है. इस जमीन को खरीदने के बाद अयोध्या के बीजेपी मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने अपने भतीजे के नाम पर 1.9 करोड़ की जमीन खरीदी है.

आप नेता संजय सिंह
आप नेता संजय सिंह

लखनऊ : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि रवि तिवारी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी के साले हैं. राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने उसी दिन बगल स्थित 10370 वर्ग मीटर जमीन 8 करोड़ में ही खरीदी थी, जिससे यह तय हो जाता है कि चंपत राय को जमीन के मूल्य की जानकारी थी. इस सौदे में भी ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं.

उतने ही पैसे में खरीदी जा सकती थी 26000 वर्ग मीटर जमीन

गुरुवार को यहां जारी बयान में संजय सिंह ने कहा कि अगर 8 करोड़ में 10370 वर्ग मीटर जमीन के रेट को सही मान लें तो भी 18.50 करोड़ रुपये में करीब 26000 वर्ग मीटर जमीन खरीदी जा सकती थी, जबकि साढ़े अट्ठारह करोड़ में सिर्फ 12080 वर्ग मीटर जमीन ही खरीदी गई. उन्होंने दोहराया कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट, भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद जिस एग्रीमेंट का बार-बार जिक्र कर रहे थे वह 18 मार्च को कैंसिल हो गया था, उसमें रवी मोहन तिवारी का नाम नहीं था तो बैनामे में उसका नाम क्यों शामिल कराया गया.

'घोटाले के कारण नहीं बन पा रहा मंदिर'

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है, भाजपा और राम जन्म भूमि ट्रस्ट के लोगों ने प्रभु श्री राम मंदिर के पैसे को खा लिया है. गरीबों ने अपना पेट काटकर प्रभु श्री राम की मंदिर के लिए चंदा दिया, उस चंदे के पैसे के एक-एक रुपए का सदुपयोग होना चाहिए.

आहत हैं शंकराचार्य और संत

संजय सिंह ने कहा कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में हुए जमीन के घोटाले को लेकर जगदगुरू शंकराचार्य जी, स्वामी स्वरूपानंद जी, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी, सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े, स्वामी अवमुक्तेश्वानंद का बयान आया कि वो भी इस भ्रष्टाचार की घटना से आहत हैं, क्या ये सब प्रभू श्री राम के खिलाफ हैं.

इसे भी पढ़ें- परमहंस दास का बड़ा आरोप: कांग्रेस व आप ने दिया 100 करोड़ का ऑफर, कहा- राम मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ बोलो

मेयर के भतीजे के पास कहां से आए एक करोड़ 90 लाख

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने 7 जून को भतीजे दीप नारायण उपाध्याय के नाम पर महेंद्र नाथ मिश्रा से 1.90 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी. इसके आय के स्रोतों की जांच होनी चाहिए. सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के खातों की जांच होनी चाहिए कि उनके खाते में जो 17 करोड़ गए तो वह कहां गए.

'आयकर विभाग को क्यों नहीं दी जानकारी'

संजय सिंह ने कहा - "उत्तर प्रदेश में 50 लाख रुपये से ज्यादा की कोई खरीद अगर रजिस्ट्री विभाग में होती है तो इनकम टैक्स विभाग को इसकी सूचना दी जाती है, जबकि 18.50 करोड़, 8 करोड़ और दो करोड़ की जमीन खरीदने के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ? प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है."

इसे भी पढ़ें- अयोध्या जमीन विवाद : कांग्रेस की मांग, जज की निगरानी में हो मामले की जांच


'राम भक्तों से माफी मांगे भाजपा नेता'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि 'देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है. भाजपा के नेताओं को देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के लोग चिट्टी लिखकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. उस चिट्ठी में लिख रहे हैं कि उक्त जमीन का पूर्व में विक्रेता गणों ने एग्रीमेंट किया था. यह झूठा पत्र क्यों लिख रहे हैं, राम भक्तों को गुमराह क्यों कर रहे हैं. प्रभु श्री राम का मंदिर तेजी से बनना चाहिए, लेकिन इन चंदा चोरों को जेल में भेजकर बनना चाहिए.'

सुल्तान अंसारी हैं भाजपा और विहिप के नेता!

संजय सिंह ने कहा कि कहा कि भारतीय जनता पार्टी 1952 में जनसंघ से बनी. 70 साल पुरानी पार्टी भारतीय जनता पार्टी, राम जन्म भूमि ट्रस्ट और विश्व हिन्दू परिषद के लोग सवालों के जवाब देने के बजाए कहते हैं कि हमारे नेता प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी हैं, उनसे सवाल कीजिए.

इसे भी पढ़ें- ट्रस्ट पर मंदिरों को खरीदकर तोड़ने का आरोप, कानूनी कार्रवाई करेंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

लखनऊ : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि रवि तिवारी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी के साले हैं. राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने उसी दिन बगल स्थित 10370 वर्ग मीटर जमीन 8 करोड़ में ही खरीदी थी, जिससे यह तय हो जाता है कि चंपत राय को जमीन के मूल्य की जानकारी थी. इस सौदे में भी ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं.

उतने ही पैसे में खरीदी जा सकती थी 26000 वर्ग मीटर जमीन

गुरुवार को यहां जारी बयान में संजय सिंह ने कहा कि अगर 8 करोड़ में 10370 वर्ग मीटर जमीन के रेट को सही मान लें तो भी 18.50 करोड़ रुपये में करीब 26000 वर्ग मीटर जमीन खरीदी जा सकती थी, जबकि साढ़े अट्ठारह करोड़ में सिर्फ 12080 वर्ग मीटर जमीन ही खरीदी गई. उन्होंने दोहराया कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट, भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद जिस एग्रीमेंट का बार-बार जिक्र कर रहे थे वह 18 मार्च को कैंसिल हो गया था, उसमें रवी मोहन तिवारी का नाम नहीं था तो बैनामे में उसका नाम क्यों शामिल कराया गया.

'घोटाले के कारण नहीं बन पा रहा मंदिर'

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है, भाजपा और राम जन्म भूमि ट्रस्ट के लोगों ने प्रभु श्री राम मंदिर के पैसे को खा लिया है. गरीबों ने अपना पेट काटकर प्रभु श्री राम की मंदिर के लिए चंदा दिया, उस चंदे के पैसे के एक-एक रुपए का सदुपयोग होना चाहिए.

आहत हैं शंकराचार्य और संत

संजय सिंह ने कहा कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में हुए जमीन के घोटाले को लेकर जगदगुरू शंकराचार्य जी, स्वामी स्वरूपानंद जी, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी, सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े, स्वामी अवमुक्तेश्वानंद का बयान आया कि वो भी इस भ्रष्टाचार की घटना से आहत हैं, क्या ये सब प्रभू श्री राम के खिलाफ हैं.

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मेयर के भतीजे के पास कहां से आए एक करोड़ 90 लाख

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने 7 जून को भतीजे दीप नारायण उपाध्याय के नाम पर महेंद्र नाथ मिश्रा से 1.90 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी. इसके आय के स्रोतों की जांच होनी चाहिए. सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के खातों की जांच होनी चाहिए कि उनके खाते में जो 17 करोड़ गए तो वह कहां गए.

'आयकर विभाग को क्यों नहीं दी जानकारी'

संजय सिंह ने कहा - "उत्तर प्रदेश में 50 लाख रुपये से ज्यादा की कोई खरीद अगर रजिस्ट्री विभाग में होती है तो इनकम टैक्स विभाग को इसकी सूचना दी जाती है, जबकि 18.50 करोड़, 8 करोड़ और दो करोड़ की जमीन खरीदने के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ? प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है."

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'राम भक्तों से माफी मांगे भाजपा नेता'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि 'देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है. भाजपा के नेताओं को देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के लोग चिट्टी लिखकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. उस चिट्ठी में लिख रहे हैं कि उक्त जमीन का पूर्व में विक्रेता गणों ने एग्रीमेंट किया था. यह झूठा पत्र क्यों लिख रहे हैं, राम भक्तों को गुमराह क्यों कर रहे हैं. प्रभु श्री राम का मंदिर तेजी से बनना चाहिए, लेकिन इन चंदा चोरों को जेल में भेजकर बनना चाहिए.'

सुल्तान अंसारी हैं भाजपा और विहिप के नेता!

संजय सिंह ने कहा कि कहा कि भारतीय जनता पार्टी 1952 में जनसंघ से बनी. 70 साल पुरानी पार्टी भारतीय जनता पार्टी, राम जन्म भूमि ट्रस्ट और विश्व हिन्दू परिषद के लोग सवालों के जवाब देने के बजाए कहते हैं कि हमारे नेता प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी हैं, उनसे सवाल कीजिए.

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