नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुका है. बीजेपी महागठबंधन के आगे हारकर सत्ता से बाहर हो गई. लेकिन इसके अलावा इस चुनाव की एक और बड़ी बात यह है कि 26 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं.
35 हजार वोट पर सिमटी 'आप'
बता दें कि झारखंड में आम आदमी पार्टी ने 26 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इस विधानसभा चुनाव में झारखंड में नोटा को 2,03,123 वोट मिले हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के सभी 26 उम्मीदवारों का कुल वोट मिलाकर केवल 35,175 है.
'केंद्रीय नेतृत्व की नहीं थी भूमिका'
पार्टी के इस प्रदर्शन को लेकर जब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं थी. वहां का चुनाव पूरी तरह से राज्य की इकाई ने लड़ा था और केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से कोई वहां प्रचार के लिए भी नहीं गया था.
'झारखंड परिणाम से दिल्ली को न आंकें'
संजय सिंह का यह भी कहना था कि वहां पर चुनाव लड़ने से लेकर चुनाव लड़ने के तरीके और रणनीति सबकी जिम्मेदारी वहां की स्थानीय इकाई की थी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की स्थानीय झारखंड इकाई की जो सांगठनिक क्षमता थी, उसके बलबूते उन्होंने चुनाव लड़ा. अपनी तरफ से अच्छे प्रयास किए और इस नतीजे से दिल्ली को नहीं आंका जाना चाहिए.
गौरतलब है कि इससे पहले इस साल जितने राज्यों में चुनाव हुए, सब जगह कुछ न कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी जगह पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा. वह राज्य चाहे राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, महाराष्ट्र हो या हरियाणा, इन सभी राज्यों में पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.