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UP ELECTION 2022: संगठन के विस्तार में जुटी आप, विपक्ष की कुर्सी पर होगी नजर

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) यूपी में अगले विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2022) को लेकर अपने संगठन को मजबूत बनाने की कवायद में जुटी है. आप प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बताया कि पार्टी गांव से लेकर प्रदेश तक अपने संगठन को मजबूत कर रही है. उसी कड़ी में कई साथियों को संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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Published : Jun 30, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 8:14 PM IST

लखनऊ: दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) अब उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ें गहरी करना चाहती है. बीते 5 सालों से प्रदेश के जिलों में आम आदमी पार्टी अपना संगठन खड़ा किया है. जिसे अब आप मजबूत करने में जुटी हुई है.

सोशल मीडिया से लेकर जमीन पर बीजेपी की सरकार को जन विरोधी मुद्दों पर घेरने का काम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे है. पार्टी के सांसद एवं प्रदेश प्रभारी संजय सिंह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए बनाए गए राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के प्रकरण को उजागर किया है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने का काम किया. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी राम के नाम पर किस तरह चंदे के पैसे को लूट रही है. इस मुद्दे पर भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं, दिल्ली मॉडल को अब आम आदमी पार्टी के द्वारा उत्तर प्रदेश में लागू करने का वादा किया जा रहा है.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक सियाराम पांडे और आप प्रवक्ता.

प्रदेश में संगठन को मजबूत कर रही पार्टी
आम आदमी पार्टी ने सभी जिलों में कमेटियां बना ली है. वहीं इन दिनों पार्टी संगठन निर्माण के काम में तेजी से लगी हुई है. उत्तर प्रदेश विचार 23 विधानसभाओं में कमेटियां गठित कर ली गई है. गांव से लेकर ब्लॉक तक कमेटी के सदस्य पूरी तरह से सक्रिय हैं. आम आदमी पार्टी के द्वारा लगातार यह प्रयास हो रहा है कि प्रदेश की जातिवादी राजनीति को तोड़ा जाए. प्रदेश में विकास और मुद्दों के आधार पर राजनीति हो.

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने सरकार की नाकामियों को गिनाते कहा कि योगी सरकार विकास का कोई काम नहीं कर रही है. यूपी का विपक्षी दल (सपा) भी सोया हुआ है. जिलों में उनकी कोई सक्रियता नहीं है. हम लोगों के मुद्दों को उठाकर विपक्ष की जगह भरने का प्रयास कर रहे हैं.

वैभव महेश्वरी ने बताया कि प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या शुरू हुई, राजनीति हो या कोरोना में उपकरणों की खरीद का मुद्दा, हाथरस कांड से लेकर इन दिनों अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा मंदिर के लिए जमीन खरीद में भारी भ्रष्टाचार के मुद्दों को पार्टी के द्वारा बखूबी उठाया गया.

पार्टी के सांसद संजय सिंह के द्वारा लगातार एक के बाद एक राम जन्मभूमि ट्रस्ट की महासचिव चंपत राय से लेकर बीजेपी पर चंदा चोरी का आरोप लगा रहे हैं. राम मंदिर देशवासियों का आस्था का एक बड़ा केंद्र है. ऐसे में जनता के आस्था के इस मंदिर में भ्रष्टाचार को लेकर वह भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. जिसके बाद अब सरकार की आंखों में भी संजय सिंह खटक रहे हैं. पहले भी जनविरोधी मुद्दों को उठाने के चलते दर्जन भर से ज्यादा मुकदमे उनपर दर्ज किए गए हैं.

अब 2022 के विधानसभा चुनाव में सरकार विरोधी मुद्दों को लेकर पार्टी पूरी तरह से हमलावर है और सपा की जगह खुद को विपक्ष की तरह पेश कर रही है. राजनीतिक विश्लेषक सियाराम पांडेय बताते हैं कि जिस तेजी से आम आदमी पार्टी उभर कर सामने आई है और जनता से जुड़े हुए मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है उसका फायदा निश्चित रूप से उसे मिलेगा. जो काम विपक्ष को करना चाहिए. वह इन दिनों आम आदमी पार्टी कर रही है. बसपा निष्क्रिय हो चुकी है तो सपा की सक्रियता जमीन पर दिखाई नहीं दे रही है. वहीं राम जन्म भूमि जमीन खरीद प्रकरण में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिस तरीके से संजय सिंह हमलावर हैं और सरकार बचाव की मुद्रा में है. इससे पार्टी को फायदा मिल सकता है.

कमजोर विपक्ष का मिल रहा है पार्टी को फायदा
उत्तर प्रदेश में जिस तेजी से आम आदमी पार्टी का विकास हुआ है. वह एक कमजोर विपक्ष होने का पूरा फायदा उठा रही है. क्योंकि प्रदेश में इन दिनों बसपा निष्क्रिय हो चुकी है जो केवल सोशल मीडिया के ट्विटर तक ही सीमित है. सपा की सक्रियता कुछ खास नहीं दिखाई दे रही है जिन जनता से जुड़े हुए मुद्दे को मुख्य विपक्षी दल होने के नाते सपा को उठाना चाहिए. वह इन दिनों एक कार्यालय तक ही सीमित है. जमीन पर किसी भी तरीके का कोई प्रदर्शन नहीं है. जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी जनता से जुड़े हुए मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है और जनता का भी पार्टी को बड़ा समर्थन हासिल हो रहा है. जो विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है.

दिल्ली मॉडल से आप को उत्तर प्रदेश से उम्मीद
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में अब पहचान की मोहताज नहीं रही. जिस तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी का संगठन खड़ा हो चुका है. वहीं दिल्ली में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पानी और बेहतर सरकारी शिक्षा के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के चुनाव में मजबूती से उतरने जा रही है. अभी तक आम आदमी पार्टी को शहरी वोटर्स वाली पार्टी कहा जाता था, लेकिन जिस तेजी से गांव में पार्टी की मजबूत पकड़ हो रही है. उससे अब भाजपा और सपा घबराने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वैभव महेश्वरी बताते हैं कि अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीद में भ्रष्टाचार जिस तेजी से हुआ है और भाजपा इस मुद्दे पर जांच की बजाय खुद आम आदमी पार्टी को हिंदू विरोधी बता रही है. वहीं इस मुद्दे को आम आदमी पार्टी एक हिंदू होने के नाते मजबूती से जनता के बीच ले जाने का काम कर रही है. जिससे कि भाजपा के चाल चरित्र चेहरे को जनता समझ सके.

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बताया कि अब पार्टी केवल शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि ग्रामीण इलाकों में पार्टी का मजबूत संगठन हो चुका है. पार्टी ने 87 से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीत आए हैं तो वही 350 से ज्यादा ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए हैं जो इस बात का सबूत है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आम आदमी पार्टी का संगठन खड़ा हो चुका है. पार्टी पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सदस्यों को विधानसभा चुनाव में मौका देने पर विचार कर रही है. 8 जुलाई से 1 महीने के भीतर पार्टी प्रदेश में एक करोड़ लोगों से जुड़ने की योजना बनाई है.


इसे भी पढे़ं- विपक्षी दलों के लोगों पर भी दर्ज मुकदमे हों वापस: सभाजीत सिंह

लखनऊ: दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) अब उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ें गहरी करना चाहती है. बीते 5 सालों से प्रदेश के जिलों में आम आदमी पार्टी अपना संगठन खड़ा किया है. जिसे अब आप मजबूत करने में जुटी हुई है.

सोशल मीडिया से लेकर जमीन पर बीजेपी की सरकार को जन विरोधी मुद्दों पर घेरने का काम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे है. पार्टी के सांसद एवं प्रदेश प्रभारी संजय सिंह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए बनाए गए राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के प्रकरण को उजागर किया है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने का काम किया. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी राम के नाम पर किस तरह चंदे के पैसे को लूट रही है. इस मुद्दे पर भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं, दिल्ली मॉडल को अब आम आदमी पार्टी के द्वारा उत्तर प्रदेश में लागू करने का वादा किया जा रहा है.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक सियाराम पांडे और आप प्रवक्ता.

प्रदेश में संगठन को मजबूत कर रही पार्टी
आम आदमी पार्टी ने सभी जिलों में कमेटियां बना ली है. वहीं इन दिनों पार्टी संगठन निर्माण के काम में तेजी से लगी हुई है. उत्तर प्रदेश विचार 23 विधानसभाओं में कमेटियां गठित कर ली गई है. गांव से लेकर ब्लॉक तक कमेटी के सदस्य पूरी तरह से सक्रिय हैं. आम आदमी पार्टी के द्वारा लगातार यह प्रयास हो रहा है कि प्रदेश की जातिवादी राजनीति को तोड़ा जाए. प्रदेश में विकास और मुद्दों के आधार पर राजनीति हो.

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने सरकार की नाकामियों को गिनाते कहा कि योगी सरकार विकास का कोई काम नहीं कर रही है. यूपी का विपक्षी दल (सपा) भी सोया हुआ है. जिलों में उनकी कोई सक्रियता नहीं है. हम लोगों के मुद्दों को उठाकर विपक्ष की जगह भरने का प्रयास कर रहे हैं.

वैभव महेश्वरी ने बताया कि प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या शुरू हुई, राजनीति हो या कोरोना में उपकरणों की खरीद का मुद्दा, हाथरस कांड से लेकर इन दिनों अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा मंदिर के लिए जमीन खरीद में भारी भ्रष्टाचार के मुद्दों को पार्टी के द्वारा बखूबी उठाया गया.

पार्टी के सांसद संजय सिंह के द्वारा लगातार एक के बाद एक राम जन्मभूमि ट्रस्ट की महासचिव चंपत राय से लेकर बीजेपी पर चंदा चोरी का आरोप लगा रहे हैं. राम मंदिर देशवासियों का आस्था का एक बड़ा केंद्र है. ऐसे में जनता के आस्था के इस मंदिर में भ्रष्टाचार को लेकर वह भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. जिसके बाद अब सरकार की आंखों में भी संजय सिंह खटक रहे हैं. पहले भी जनविरोधी मुद्दों को उठाने के चलते दर्जन भर से ज्यादा मुकदमे उनपर दर्ज किए गए हैं.

अब 2022 के विधानसभा चुनाव में सरकार विरोधी मुद्दों को लेकर पार्टी पूरी तरह से हमलावर है और सपा की जगह खुद को विपक्ष की तरह पेश कर रही है. राजनीतिक विश्लेषक सियाराम पांडेय बताते हैं कि जिस तेजी से आम आदमी पार्टी उभर कर सामने आई है और जनता से जुड़े हुए मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है उसका फायदा निश्चित रूप से उसे मिलेगा. जो काम विपक्ष को करना चाहिए. वह इन दिनों आम आदमी पार्टी कर रही है. बसपा निष्क्रिय हो चुकी है तो सपा की सक्रियता जमीन पर दिखाई नहीं दे रही है. वहीं राम जन्म भूमि जमीन खरीद प्रकरण में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिस तरीके से संजय सिंह हमलावर हैं और सरकार बचाव की मुद्रा में है. इससे पार्टी को फायदा मिल सकता है.

कमजोर विपक्ष का मिल रहा है पार्टी को फायदा
उत्तर प्रदेश में जिस तेजी से आम आदमी पार्टी का विकास हुआ है. वह एक कमजोर विपक्ष होने का पूरा फायदा उठा रही है. क्योंकि प्रदेश में इन दिनों बसपा निष्क्रिय हो चुकी है जो केवल सोशल मीडिया के ट्विटर तक ही सीमित है. सपा की सक्रियता कुछ खास नहीं दिखाई दे रही है जिन जनता से जुड़े हुए मुद्दे को मुख्य विपक्षी दल होने के नाते सपा को उठाना चाहिए. वह इन दिनों एक कार्यालय तक ही सीमित है. जमीन पर किसी भी तरीके का कोई प्रदर्शन नहीं है. जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी जनता से जुड़े हुए मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है और जनता का भी पार्टी को बड़ा समर्थन हासिल हो रहा है. जो विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है.

दिल्ली मॉडल से आप को उत्तर प्रदेश से उम्मीद
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में अब पहचान की मोहताज नहीं रही. जिस तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी का संगठन खड़ा हो चुका है. वहीं दिल्ली में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पानी और बेहतर सरकारी शिक्षा के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के चुनाव में मजबूती से उतरने जा रही है. अभी तक आम आदमी पार्टी को शहरी वोटर्स वाली पार्टी कहा जाता था, लेकिन जिस तेजी से गांव में पार्टी की मजबूत पकड़ हो रही है. उससे अब भाजपा और सपा घबराने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वैभव महेश्वरी बताते हैं कि अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीद में भ्रष्टाचार जिस तेजी से हुआ है और भाजपा इस मुद्दे पर जांच की बजाय खुद आम आदमी पार्टी को हिंदू विरोधी बता रही है. वहीं इस मुद्दे को आम आदमी पार्टी एक हिंदू होने के नाते मजबूती से जनता के बीच ले जाने का काम कर रही है. जिससे कि भाजपा के चाल चरित्र चेहरे को जनता समझ सके.

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बताया कि अब पार्टी केवल शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि ग्रामीण इलाकों में पार्टी का मजबूत संगठन हो चुका है. पार्टी ने 87 से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीत आए हैं तो वही 350 से ज्यादा ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए हैं जो इस बात का सबूत है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आम आदमी पार्टी का संगठन खड़ा हो चुका है. पार्टी पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सदस्यों को विधानसभा चुनाव में मौका देने पर विचार कर रही है. 8 जुलाई से 1 महीने के भीतर पार्टी प्रदेश में एक करोड़ लोगों से जुड़ने की योजना बनाई है.


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Last Updated : Jun 30, 2021, 8:14 PM IST
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