लखनऊ : यूपी में प्रतिभा की कमी नहीं है. आद्या शर्मा एक पार्श्व गायिका हैं. हाल ही में उन्हें विराट फिल्म के एक गाने के लिए सिने अवार्ड भी मिला है. 22 तारीख को प्रभु श्रीराम अयोध्या में विराजमान होने वाले हैं. ऐसे में राजधानी के बुद्धेश्वर मंदिर के पास रहने वाली आद्या ने प्रभु श्रीराम के लिए दो गीत गुनगुनाए हैं. बचपन से ही आद्या का संगीत के प्रति रुझान रहा है. सारेगामापा लिटिल चैंप में भी वह अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं, वहीं विरक्त फिल्म के एक गीत को आद्या ने अपनी आवाज दी है.
लता मंगेशकर को मानती हैं आदर्श : आद्या शर्मा ने बताया कि सुरों की कोकिला लता मंगेशकर को आदर्श मानती हूं. उन्हीं से प्रेरित हूं. उनकी आवाज मुझे बहुत अच्छी लगती है. उनको गायन क्षेत्र का भगवान कहा जाता है. उनके गाने बहुत पुराने होने के बाद भी आज सुने जाते हैं, इसलिए मुझे वह पसंद हैं. वर्तमान दौर के गायकों में श्रेया घोषाल, अरिजीत सिंह जिनके गाने आज पूरी दुनिया में सुने जाते हैं और अरिजीत सिंह के तो लगभग सभी फैन हैं. श्रेया घोषाल की आवाज बहुत प्यारी है और कहीं न कहीं लता मंगेशकर उनकी भी आदर्श हैं.
गायिकी में बनाना है भविष्य : आद्या ने कहा कि बचपन से तो सिंगर बनने का सोचा है, साथ में पढ़ाई भी कर रहे हैं. स्कूल व कॉलेज के कार्यक्रम में जब गाना शुरू किया तो लगा इसमें भी करियर बना सकते हैं. मैं सिंगिंग में काम करना चाहूंगी. इसमें अपना भविष्य बनाना चाहती हूं, इसके लिए मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं.
घरवालों का है पूरा सहयोग : आद्या ने कहा कि बचपन से ही मुझे गायन में रुचि थी. सबसे पहले गिटार बजाना सीखा, फिर उसके बाद वहां गुरुजी ने कहा कि गिटार को रख दो सिंगिंग में हाथ आजमाओ. मेरी आवाज की तारीफ की जाती थी. इसी तरह से सिंगिंग में करियर शुरू किया. इसके लिए मेरे घर से पूरा सहयोग मिलता है. मेरे पिता मेरे साथ हर कदम पर रहते हैं. बिना उनके सहयोग के शायद इस करियर में प्रवेश करना मुश्किल था. लेकिन, जब पिता का साथ है, घर परिवार साथ है तो मुश्किल डगर भी आसान लगने लगती है. अब तो इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने का ही सोचा है.
आद्या को सिंगिंग का क्रेज : आद्या शर्मा के पिता संजय शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि बचपन से ही आद्या को सिंगिंग का क्रेज था और उसके अंदर प्रतिभा भी थी. गिटार सिखाने वाले अध्यापक ने उसे गिटार छोड़कर गायन के लिए कहा तब से हर जगह इसे गायन के लिए प्रेरित किया जाने लगा. स्कूल व कॉलेज में थी तो हर कार्यक्रम भाग लेने लगी और हर जगह विजेता बनीं. लखनऊ में होने वाले लखनऊ महोत्सव एवं अन्य महोत्सव में भी भाग लेने लगी और वहां पर भी विजेता हुई. इसके अलावा विरक्त फिल्म में भी आद्या ने एक गीत में अपनी आवाज दी. जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. अब तो यही मकसद है कि बेटी गायन में आगे बढ़े. साए की तरह मैं उसके साथ खड़ा रहता हूं. मैं खुद उसे हर जगह लेकर जाता हूं. सारे.गा.मा.पा. लिटिल चैंप में भी आद्या तीसरे राउंड तक पहुंची थीं. उसका करियर आगे बढ़ रहा है. बेटी के अंदर प्रतिभा है तो उसे आगे तक लेकर जाने का सोचा है.
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