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लखनऊ: कोरोना मुक्त छात्र ने दान किया प्लाज्मा - प्लाज्मा

यूपी के केजीएमयू में शनिवार को कोरोना से मुक्त हुए एक छात्र ने प्लाज्मा दान किया. चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने छात्र का आभार प्रकट किया. केजीएमयू में शनिवार को सातवां प्लाज्मा दान किया गया.

लखनऊ समाचार.
छात्र ने दान किया प्लाज्मा.
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Published : May 24, 2020, 4:22 PM IST

लखनऊ: कोरोना से जंग जीत चुके एक 21 वर्षीय छात्र ने शनिवार को केजीएमयू में प्लाज्मा दान किया. दान किये गये प्लाज्मा से प्राप्त एंटीबॉडी की मदद से दूसरे मरीजों का इलाज किया जा सकेगा.

केजीएमयू में कोरोना के संक्रमण से मुक्त हुए एक छात्र ने प्लाज्मा दान किया. चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने छात्र का आभार प्रकट किया. साथ ही कोरोना से जंग में भविष्य का योद्धा बताया. कुलपति ने कहा कि दानकर्ता एक प्रेरणा स्रोत के रूप में पहचाने जाएंगे. कुलपति ने संक्रमित मरीजों की सहायता के लिए आगे आने के लिए कोरोना योद्धाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. केजीएमयू में शनिवार को कोरोना से जंग जीत चुके सातवें मरीज ने प्लाज्मा दान किया.

इस प्रक्रिया में दानकर्ता का ब्लड प्लाज्मा में प्लाज्माफेरेसिस मशीन में डाला जाता है. केवल वही ब्लड प्रयोग में लाया जाता है, जिसमें कोरोना से लड़ने के एंटीबॉडी होती है. एक आम इंसान के शरीर में 5 से 6 लीटर रक्त होता है. इस प्रक्रिया में मात्र 400 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा ही लिया जाता है. रक्त का विशेष भाग क्लास प्लाज्माफेरेसीस मशीन द्वारा शुद्ध करके पुनः दानकर्ता के शरीर में पहुंचा दिया जाता है.

लखनऊ: कोरोना से जंग जीत चुके एक 21 वर्षीय छात्र ने शनिवार को केजीएमयू में प्लाज्मा दान किया. दान किये गये प्लाज्मा से प्राप्त एंटीबॉडी की मदद से दूसरे मरीजों का इलाज किया जा सकेगा.

केजीएमयू में कोरोना के संक्रमण से मुक्त हुए एक छात्र ने प्लाज्मा दान किया. चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने छात्र का आभार प्रकट किया. साथ ही कोरोना से जंग में भविष्य का योद्धा बताया. कुलपति ने कहा कि दानकर्ता एक प्रेरणा स्रोत के रूप में पहचाने जाएंगे. कुलपति ने संक्रमित मरीजों की सहायता के लिए आगे आने के लिए कोरोना योद्धाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. केजीएमयू में शनिवार को कोरोना से जंग जीत चुके सातवें मरीज ने प्लाज्मा दान किया.

इस प्रक्रिया में दानकर्ता का ब्लड प्लाज्मा में प्लाज्माफेरेसिस मशीन में डाला जाता है. केवल वही ब्लड प्रयोग में लाया जाता है, जिसमें कोरोना से लड़ने के एंटीबॉडी होती है. एक आम इंसान के शरीर में 5 से 6 लीटर रक्त होता है. इस प्रक्रिया में मात्र 400 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा ही लिया जाता है. रक्त का विशेष भाग क्लास प्लाज्माफेरेसीस मशीन द्वारा शुद्ध करके पुनः दानकर्ता के शरीर में पहुंचा दिया जाता है.

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