लखनऊ: मंगलवार से रमजान के महीने का पूरे देश में आगाज हो चुका है. वहीं सोमवार को चांद दिखने के बाद से मस्जिदों और इबादतगाहों में देर रात तक तरावीह की नमाज भी शुरू हो गई. रमजान के महीने में रोजेदार पूरे महीने रोजा रखता है, जिसमें बिना कुछ खाये और बिना कुछ पिये रोजेदार को दिन की रोशनी में रहना होता है. इसके लिए सूरज निकलने से पहले तक रोजेदार फज्र की नमाज से पहले सेहरी कर लेता है.
क्यों रखते हैं मुसलमान रोजा
- इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान में से एक है रोजा रखना.
- रोजा रखना मुसलमानों पर फर्ज है.
- रोजे की हालत में रोजेदार परहेजगार होता है यानी वह दुनिया की कई चीजों से दूर रहता है.
- भूख और प्यास की हालत में रहकर उसको गरीबी का एहसास होता है और गरीबों की मदद की फिक्र होती है.
- हर बुरे काम से रोजेदार दूर रहता है.