लखनऊ : अब गंभीर मरीजों को शहर के बड़े अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब हर जिले में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) शुरू होने जा रहा है. मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल में निर्मित सीसीबी में वेंटीलेटर युक्त आईसीयू के साथ ही जांच की सुविधा के लिए अत्याधुनिक पैथोलॉजी की भी सुविधा होगी. 74 जिलों में नवनिर्मित क्रिटिकल केयर ब्लॉक मूर्त रूप लेने लगे हैं. जिले की आबादी के आधार के अनुसार, 22 जिला अस्पताल और 22 मेडिकल कॉलेजों में 50 शैय्या के सीसीबी, 30 जिला अस्पतालों में 100 बेड के सीसीबी बनाए जा रहे हैं. मरीजों की क्षमता के आधार पर सीसीबी में 10 से 20 वेंटीलेटर लगाए जाएंगे. इन सीसीबी में वेंटीलेटर युक्त आईसीयू के साथ ही अत्याधुनिक पैथोलॉजी होगी.
नेशनल हेल्थ मिशन को भेजी गई डिमांड : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.दीपा त्यागी का कहना है कि 'केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार, क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक बनाए जा रहे हैं. इन अस्पतालों में आईसीयू, सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम, मानव संसाधन और उपकरण आदि संसाधनों के लिए नेशनल हेल्थ मिशन को डिमांड भेजी गई है. निर्माण कार्य से लेकर उपकरण खरीद व मानव संसाधन के पद सृजन आदि का एक साथ कार्य प्रगति पर है. प्रयास है कि बहुत जल्द ही सीसीबी शुरू किए जाएं.'
गंभीर मरीजों के बेहतर इलाज की कवायद : उन्होंने कहा कि 'मौजूदा सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों के बेहतर इलाज के लिए कई अस्पतालों में वेंटीलेटर यूनिट स्थापित की जा रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 221 वेंटीलेटर के अलावा आटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनालाइजर, आटो बायोकैमिस्ट्री एनालाइजर के साथ ही इलेक्ट्रोलाइट एनालाइजर, ईएसआर एनालाइजर, ऑटोमेटेड यूरिन एनालाइजर की मांग नेशनल हेल्थ मिशन को भेजी है, एनएचएम ने उक्त मांग की खरीद भी शुरू कर दी है.'
मरीज को होगी काफी सहूलियत : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि 'सीसीबी के स्थापित होने के बाद मरीज को काफी सहूलियत होगी. प्रदेश भर से मरीज राजधानी लखनऊ में इलाज करने के लिए आते हैं. ऐसे में लखनऊ के सभी अस्पतालों में सीसीबी हो जाने के बाद मरीज को अन्य जगह रेफर करने की स्थिति नहीं उत्पन्न होगी.'