ETV Bharat / state

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन का लोकसभा अध्यक्ष ने किया उद्घाटन - लखनऊ ताजा समाचार

राजधानी लखनऊ में लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने यूपी विधान सभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया. उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष, राम गोविंद चौधरी भी उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे.

etv bharat
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन का उदघाटन.
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 12:30 PM IST

लखनऊ: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा के मुख्य कक्ष में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया. विधानसभा पीठ के मंच पर लोकसभा अध्यक्ष के साथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मौजूद रहे. वहीं यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, राम गोविंद चौधरी भी उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे.

इन विषयों पर होगी चर्चा

  • बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना.
  • जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना.
  • उपसभापति, राज्य सभा, हरिवंश पहले विषय पर चर्चा के दौरान मुख्य भाषण देंगे.
  • केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दूसरे विषय पर मुख्य भाषण देंगे.

जहां तक पहले विषय अर्थात ‘बजट प्रस्तावों की समीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना’ का संबंध है. विधानमंडलों द्वारा बजट प्रस्तावों की जांच किए जाने की जरूरत पर समय-समय पर बल दिया गया है. बजट सरकार का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक नीति का साधन होता है और इसमें सरकार की प्राथमिकताओं का व्यापक ब्यौरा होता है. जनता के प्रतिनिधि निकाय होने के नाते देश के विधानमंडल यह सुनिश्चित करने के लिए सही मायने में संवैधानिक संस्थाएं हैं कि बजट में देश की जरूरतों और लोगों की अपेक्षाओं तथा उपलब्ध संसाधनों के बीच सही तालमेल हो.

इसके अलावा, बजट प्रक्रिया में प्रभावी विधायी भागीदारी से रक्षोपाय सुनिश्चित होते हैं जो पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए जरूरी हैं और जन सेवाएं अच्छे ढंग से उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करते हैं. विधानमंडल बजट से जुड़े निर्णयों में संतुलित मत और सुझाव देने में भी मदद करते हैं और इस प्रकार कठिन बजट प्रक्रिया के संबंध में व्यापक सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं.

सम्मेलन में जिस दूसरे विषय अर्थात ‘जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना' पर विचार किया जाना है, वह भी आज के समय में बहुत प्रासंगिक है. ऐसा महसूस किया गया है कि जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पहली बार जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों, परिपाटियों, आचरण और परम्पराओं से परिचित कराने के लिए विधायी जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है.

पारित किए जाने वाले कानूनों के बारे में ब्रीफिंग सत्र विधायी कार्यों की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. निरंतर बदल रही लोक नीति के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने की जनप्रतिनिधियों की योग्यता बहुत हद तक आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी की उपलब्धता पर निर्भर करती है. जानकार और सशक्त जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्रों की जरूरतों और लोगों की इच्छाओं से अधिक परिचित होते हैं और विधानमंडलों में ये मामले उठाकर इनका समाधान कर सकते हैं.

लखनऊ: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा के मुख्य कक्ष में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया. विधानसभा पीठ के मंच पर लोकसभा अध्यक्ष के साथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मौजूद रहे. वहीं यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, राम गोविंद चौधरी भी उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे.

इन विषयों पर होगी चर्चा

  • बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना.
  • जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना.
  • उपसभापति, राज्य सभा, हरिवंश पहले विषय पर चर्चा के दौरान मुख्य भाषण देंगे.
  • केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दूसरे विषय पर मुख्य भाषण देंगे.

जहां तक पहले विषय अर्थात ‘बजट प्रस्तावों की समीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना’ का संबंध है. विधानमंडलों द्वारा बजट प्रस्तावों की जांच किए जाने की जरूरत पर समय-समय पर बल दिया गया है. बजट सरकार का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक नीति का साधन होता है और इसमें सरकार की प्राथमिकताओं का व्यापक ब्यौरा होता है. जनता के प्रतिनिधि निकाय होने के नाते देश के विधानमंडल यह सुनिश्चित करने के लिए सही मायने में संवैधानिक संस्थाएं हैं कि बजट में देश की जरूरतों और लोगों की अपेक्षाओं तथा उपलब्ध संसाधनों के बीच सही तालमेल हो.

इसके अलावा, बजट प्रक्रिया में प्रभावी विधायी भागीदारी से रक्षोपाय सुनिश्चित होते हैं जो पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए जरूरी हैं और जन सेवाएं अच्छे ढंग से उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करते हैं. विधानमंडल बजट से जुड़े निर्णयों में संतुलित मत और सुझाव देने में भी मदद करते हैं और इस प्रकार कठिन बजट प्रक्रिया के संबंध में व्यापक सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं.

सम्मेलन में जिस दूसरे विषय अर्थात ‘जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना' पर विचार किया जाना है, वह भी आज के समय में बहुत प्रासंगिक है. ऐसा महसूस किया गया है कि जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पहली बार जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों, परिपाटियों, आचरण और परम्पराओं से परिचित कराने के लिए विधायी जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है.

पारित किए जाने वाले कानूनों के बारे में ब्रीफिंग सत्र विधायी कार्यों की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. निरंतर बदल रही लोक नीति के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने की जनप्रतिनिधियों की योग्यता बहुत हद तक आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी की उपलब्धता पर निर्भर करती है. जानकार और सशक्त जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्रों की जरूरतों और लोगों की इच्छाओं से अधिक परिचित होते हैं और विधानमंडलों में ये मामले उठाकर इनका समाधान कर सकते हैं.

Intro:लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला लखनऊ में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उदघाटन किया

लखनऊ। लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा के मुख्य कक्ष में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। विधानसभा पीठ के मंच पर लोकसभा अध्यक्ष के साथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मौजूद हैं।

Body:उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित स्वागत भाषण शुरू। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति, रमेश यादव धन्यवाद देंगे । उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष, राम गोविंद चौधरी भी उदघाटन सत्र में मौजूद हैं।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में पूर्ण सत्रों के दौरान निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी : (i) बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और (ii) जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना । उपसभापति, राज्य सभा, हरिवंश पहले विषय पर चर्चा के दौरान मुख्य भाषण देंगे, जबकि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दूसरे विषय पर मुख्य भाषण देंगे।

जहां तक पहले विषय अर्थात ‘बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना’ का संबंध है, विधानमंडलों द्वारा बजट प्रस्तावों की जांच किए जाने की जरूरत पर समय-समय पर बल दिया गया है । बजट सरकार का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक नीति का साधन होता है और इसमें सरकार की प्राथमिकताओं का व्यापक ब्यौरा होता है । जनता के प्रतिनिधि निकाय होने के नाते देश के विधानमंडल यह सुनिश्चित करने के लिए सही मायने में संवैधानिक संस्थाएं हैं कि बजट में देश की जरूरतों और लोगों की अपेक्षाओं तथा उपलब्ध संसाधनों के बीच सही तालमेल हो । इसके अलावा, बजट प्रक्रिया में प्रभावी विधायी भागीदारी से रक्षोपाय सुनिश्चित होते हैं जो पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए जरूरी हैं और जो जन सेवाएँ अच्छे ढंग से उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करते हैं । विधानमंडल बजट से जुड़े निर्णयों में संतुलित मत और सुझाव देने में भी मदद करते हैं और इस प्रकार कठिन बजट प्रक्रिया के संबंध में व्यापक सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं ।

सम्मेलन में जिस दूसरे विषय अर्थात ‘जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना ‘ पर विचार किया जाना है, वह भी आज के समय में बहुत प्रासंगिक है । ऐसा महसूस किया गया है कि जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । पहली बार जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों, परिपाटियों, आचरण और परम्पराओं से परिचित कराने के लिए विधायी जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है । पारित किए जाने वाले क़ानूनों के बारे में ब्रीफिंग सत्र विधायी कार्यों की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं । निरंतर बदल रही लोक नीति के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने की जनप्रतिनिधियों की योग्यता बहुत हद तक आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी की उपलब्धता पर निर्भर करती है । जानकार और सशक्त जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचनक्षेत्रों की जरूरतों और लोगों की इच्छाओं से अधिक परिचित होते हैं और विधानमंडलों में ये मामले उठाकर इनका समाधान कर सकते हैं ।

सीपीए भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है; और सी पी ए के ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र और साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी सी पी ए भारत क्षेत्र सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

दिलीप शुक्ला, 9450663212Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.