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69 हजार शिक्षक भर्ती मामलाः स्कूल में तैनाती को लेकर शिक्षकों ने लगाये आरोप

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले के दूसरे चरण में चयनित शिक्षकों ने स्कूलों में तैनाती प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाये हैं. उनका आरोप है कि विधवा, दिव्यांग और महिलाओं को दूरदराज के स्कूलों में तैनाती दी गयी है.

69 हजार शिक्षक भर्ती मामलाः स्कूल में तैनाती को लेकर शिक्षकों ने लगाये आरोप
69 हजार शिक्षक भर्ती मामलाः स्कूल में तैनाती को लेकर शिक्षकों ने लगाये आरोप
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Published : Jan 28, 2021, 7:15 PM IST

लखनऊः 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में बेसिक शिक्षा परिषद ने 36,590 सहायक अध्यापकों की स्कूलों में तैनाती की थी. जिसे लेकर शिक्षकों ने सवाल खड़े किये हैं. शिक्षकों का आरोप है कि तैनाती में विधवाओं, दिव्यागों और महिलाओं को दूर-दराज के स्कूलों में तैनाती दी गयी है. 25 से 27 जनवरी तक स्कूलों में तैनाती दी गयी है. इससे पहले शासन ने शिक्षक विहीन और एकल विद्यालय में तैनाती देने की गाइडलाइन जारी की थी.

स्कूलों में तैनाती प्रक्रिया को लेकर लगाये गंभीर आरोप

विधवा, दिव्यांग और महिलाओं की तैनाती में प्राथमिकता देने के सरकार ने निर्देश दिये थे. इसके बावजूद अधिकांश जिलों में हुए काउंसलिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को जिला और ब्लॉक मुख्यालय से दूर-दराज के स्कूलों में नियुक्ति का विकल्प दिया था. महिला शिक्षकों और उनके परिजनों ने जब इस व्यवस्था का विरोध किया, तो बीएसए ने शासन की गाइडलाइन का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि पहले शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में ही तैनाती दी जायेगी.

महिला शिक्षकों का आरोप है कि दूर-दराज के गांव में महिलाओं को तैनाती दी गयी है, जबकि जिला और ब्लॉक मुख्यालय के नजदीक के स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को आसानी से मनचाही जगह पोस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है. वहीं इस पूरे मामले पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद का कहना है कि हमारा उद्देश्य पहले शिक्षक विहीन और केवल 1 शिक्षक वाले स्कूलों में खाली पद भरना है. विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को भी उनकी पसंद के स्कूलों में तैनाती दी गयी है.

लखनऊः 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में बेसिक शिक्षा परिषद ने 36,590 सहायक अध्यापकों की स्कूलों में तैनाती की थी. जिसे लेकर शिक्षकों ने सवाल खड़े किये हैं. शिक्षकों का आरोप है कि तैनाती में विधवाओं, दिव्यागों और महिलाओं को दूर-दराज के स्कूलों में तैनाती दी गयी है. 25 से 27 जनवरी तक स्कूलों में तैनाती दी गयी है. इससे पहले शासन ने शिक्षक विहीन और एकल विद्यालय में तैनाती देने की गाइडलाइन जारी की थी.

स्कूलों में तैनाती प्रक्रिया को लेकर लगाये गंभीर आरोप

विधवा, दिव्यांग और महिलाओं की तैनाती में प्राथमिकता देने के सरकार ने निर्देश दिये थे. इसके बावजूद अधिकांश जिलों में हुए काउंसलिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को जिला और ब्लॉक मुख्यालय से दूर-दराज के स्कूलों में नियुक्ति का विकल्प दिया था. महिला शिक्षकों और उनके परिजनों ने जब इस व्यवस्था का विरोध किया, तो बीएसए ने शासन की गाइडलाइन का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि पहले शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में ही तैनाती दी जायेगी.

महिला शिक्षकों का आरोप है कि दूर-दराज के गांव में महिलाओं को तैनाती दी गयी है, जबकि जिला और ब्लॉक मुख्यालय के नजदीक के स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को आसानी से मनचाही जगह पोस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है. वहीं इस पूरे मामले पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद का कहना है कि हमारा उद्देश्य पहले शिक्षक विहीन और केवल 1 शिक्षक वाले स्कूलों में खाली पद भरना है. विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को भी उनकी पसंद के स्कूलों में तैनाती दी गयी है.

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