लखनऊ: योगी सरकार ने समाज में सर्व धर्म समभाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को शुरू किया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न समुदायों एवं धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया जाता है. इस योजना का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं बेफिजूल के खर्चों को समाप्त किया जाए.
लखनऊ में सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत जनपद के समस्त विकास खंडों में विवाह समारोह कराया गया. वहीं नगर निगम क्षेत्र में 51 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ. पूरे जनपद में 409 जोड़े सामूहिक विवाह के बंधन में बंधे. यह प्रोग्राम अलीगंज स्थित सौभाग्य लॉन में हुआ.
सामूहिक विवाह कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डिप्टी सीएम दिनेश कुमार शर्मा, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, नगर निगम मेयर संयुक्ता भाटिया, विधायक डॉ. नीरज वोरा, लखनऊ के डीएम अभिषेक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल, समाज कल्याण अधिकारी समेत तमाम लोगों ने सामूहिक विवाह में सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया.
क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक योजना
इस सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत विवाहित जोड़े को दांपत्य जीवन बिताने के लिए 35 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है. वहीं कपड़े, बर्तन, पायल आदि सामान के लिए 10 हजार रुपये की धनराशि और प्रत्येक जोड़े के विवाह के आयोजन पर 6000 रुपये की धनराशि व्यय किए जाने की व्यवस्था है. इस तरह से सभी खर्चों को मिलाते हुए इस योजना के अंतर्गत 51,000 रुपये की धनराशि की व्यवस्था सरकार करती है. इस योजना के प्रारंभ से अब तक प्रदेश में कुल 68,000 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया जा चुका है.
आजमगढ़ में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत आजमगढ़ जनपद में 392 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया जा रहा है. इस योजना के तहत आजमगढ़ जनपद के आईटीआई मैदान में 171 जोड़ों का और इसके साथ ही बड़ी संख्या में जोड़ों का ब्लॉक स्तर पर सामूहिक विवाह कराया जा रहा है.
आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनपदों में 351 जोड़ों का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष आजमगढ़ जनपद में 392 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया जा रहा है. जनपद मुख्यालय में 171 जोड़ों का, जबकि ब्लॉक स्तर पर भी इस सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रत्येक जोड़ों पर ₹51000 का खर्च किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रत्येक जोड़ों को एक टेलीविजन भी उपहार स्वरूप दिया जा रहा है.
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इस सामूहिक विवाह योजना से अधिक से अधिक लोग जुड़ें, जिससे आर्थिक विपन्नता के कारण जिनकी शादी नहीं हो पाती. वह लोग इस सामूहिक विवाह योजना का लाभ ले सकें.
-नागेन्द्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी
महाराजगंज में 238 जोड़ों ने लिए सात फेरे
जिले में गुरुवार को आर्थिक रूप से कमजोर 238 जोड़ों का सरकारी खर्च पर सामूहिक विवाह कराया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के हर जिले में आज सामूहिक विवाह कराने का सिलसिला चल रहा है. इसी क्रम में महाराजगंज जिले में भी 238 जोड़ों ने भी सात जन्मों का साथ जीने मरने की कसमें खाईं.
हिंदू-मुस्लिम और बौद्ध धर्म के गरीब वर्ग के लोगों की पूरे विधि-विधान से शादी कराई गई. इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी और सांसद पंकज चौधरी के साथ बीजेपी के सभी विधायक मौजूद रहे. प्रशासन ने पूरे विधि-विधान के साथ इन्हें जोड़ों की शादियां कराई. बारातियों के स्वागत से लेकर विदाई तक की व्यवस्था प्रशासन ने की थी. विवाह बंधन में जोड़ें मुख्यमंत्री की इस पहल से काफी खुश थे.
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जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं तब से गरीब तबके और असहाय लोग जिनको अपनी बेटी की शादी करने में दिक्कत होती थी, उसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा सामूहिक विवाह योजना के तहत अब आसानी से शादी हो जा रही है, जिसके तहत 51हजार रुपये तक सरकार धनराशि दे रही है.
-उपेंद्र तिवारी, प्रभारी मंत्री