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राजधानी में मच्छरों का डंक तेज, डेंगू के 6 नए मरीज मिले - dengue

उत्तर प्रदेश में रहस्यमयी बुखार तेजी से फैल रहा है. वहीं डेंगू का खतरा भी बढ़ने लगा है. लखनऊ के 6 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. डेंगू-कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था जांचने के लिए शनिवार को अफसरों ने दो अस्पतालों का निरीक्षण किया. उन्होंने सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा साथ ही पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं भी देंखी.

लखनऊ में डेंगू का खतरा
लखनऊ में डेंगू का खतरा
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Published : Sep 4, 2021, 9:33 PM IST

लखनऊ: राज्य के कई जिलों में रहस्यमयी बुखार का प्रकोप छाया हुआ है. दूसरी और डेंगू का हमला भी जारी है. वायरल बुखार का कहर इस कदर खौफनाक बन गया है कि आम आदमी की हिम्मत जवाब दे रही है. कोरोना के खौफ से अभी लोग निकले भी नहीं हैं कि रहस्यमयी बुखार ने तड़पाना शुरु कर दिया. हालात ये हो गए हैं कि आम लोग, सरकारी अधिकारियों के पैरों में गिरकर अपनों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. राजधानी में भी मच्छरों का डंक तेज हो गया. लखनऊ के 6 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. हर रोज बुखार के सैकड़ों मरीज अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

औरंगाबाद निवासी अवर्निका भारती 4 दिनों से बुखार की चपेट में हैं. परिवारीजन मरीज को लेकर लोकबंधु अस्पताल पहुंचे, डॉक्टर ने जांच कराई तो उसमें डेंगू की पुष्टि हुई. इसी प्रकार बुखार से पीड़ित आशियाना निवासी राजोल, मीरा, कीर्ति वर्मा की भी जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है. सिविल अस्पताल की ओपीडी में जांच दौरान दो मरीज की कार्ड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है, इसमें शिवानी और दीपिका शामिल हैं. इनकी एलाइजा जांच के लिए सैम्पल स्टेट लैब में भेजे गए हैं. वहीं बलरामपुर, लोहिया, आरएलबी, सिविल, बीआरडी, लोकबंधु और 19 सीएचसी पर 225 बुखार के मरीज पहुंचे. इसके अलावा निजी अस्पताल और क्लीनिकों में भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

अफसरों ने किया अस्पतालों का दौरा

शनिवार शाम होते ही ट्रामा सेंटर की व्यवस्था चोक हो गयी. यहां मरीजों में बेडों को लेकर मारामारी रही, मरीज निजी अस्पताल जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं बलरामपुर, सिविल अस्पताल, लोहिया में भी इमरजेंसी फुल रही. कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के इंतजार में मरीज वार्ड में शिफ्ट नहीं किए जा सके, ऐसे में इमरजेंसी में बेड मिलना मुश्किल हो गया. डेंगू-कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था जांचने के लिए शनिवार को अफसरों ने दो अस्पतालों का निरीक्षण किया. उन्होंने सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा साथ ही पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं भी देंखी. सुबह 10 बजे अचानक अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल अचानक सिविल अस्पताल पहुंचे. तीनों अफसरों के अचानक अस्पताल पहुंचने से हड़कंप मच गया. अपर मुख्य सचिव ने डेंगू और बुखार के मरीजों के इलाज के इंतजामों के बारे में पूछताछ की.

अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि 17 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. मेडिसिन विभाग में बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों और महिलाओं के लिए 200 बेड हैं.

डेंगू को लेकर राज्यभर में अलर्ट

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने डेंगू-मलेरिया को लेकर राज्यभर में अलर्ट जारी किया है. रविवार को साफ-सफाई को लेकर अभियान चलेगा. सोमवार से घर-घर में मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बुखार के मरीजों खोजा जाएगा. उनमें कोरोना और डेंगू टेस्ट, मलेरिया की स्लाइड बनाई जाएगी, साथ ही जिले के सभी सीएमओ को इलाज की व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊ: राज्य के कई जिलों में रहस्यमयी बुखार का प्रकोप छाया हुआ है. दूसरी और डेंगू का हमला भी जारी है. वायरल बुखार का कहर इस कदर खौफनाक बन गया है कि आम आदमी की हिम्मत जवाब दे रही है. कोरोना के खौफ से अभी लोग निकले भी नहीं हैं कि रहस्यमयी बुखार ने तड़पाना शुरु कर दिया. हालात ये हो गए हैं कि आम लोग, सरकारी अधिकारियों के पैरों में गिरकर अपनों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. राजधानी में भी मच्छरों का डंक तेज हो गया. लखनऊ के 6 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. हर रोज बुखार के सैकड़ों मरीज अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

औरंगाबाद निवासी अवर्निका भारती 4 दिनों से बुखार की चपेट में हैं. परिवारीजन मरीज को लेकर लोकबंधु अस्पताल पहुंचे, डॉक्टर ने जांच कराई तो उसमें डेंगू की पुष्टि हुई. इसी प्रकार बुखार से पीड़ित आशियाना निवासी राजोल, मीरा, कीर्ति वर्मा की भी जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है. सिविल अस्पताल की ओपीडी में जांच दौरान दो मरीज की कार्ड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है, इसमें शिवानी और दीपिका शामिल हैं. इनकी एलाइजा जांच के लिए सैम्पल स्टेट लैब में भेजे गए हैं. वहीं बलरामपुर, लोहिया, आरएलबी, सिविल, बीआरडी, लोकबंधु और 19 सीएचसी पर 225 बुखार के मरीज पहुंचे. इसके अलावा निजी अस्पताल और क्लीनिकों में भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

अफसरों ने किया अस्पतालों का दौरा

शनिवार शाम होते ही ट्रामा सेंटर की व्यवस्था चोक हो गयी. यहां मरीजों में बेडों को लेकर मारामारी रही, मरीज निजी अस्पताल जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं बलरामपुर, सिविल अस्पताल, लोहिया में भी इमरजेंसी फुल रही. कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के इंतजार में मरीज वार्ड में शिफ्ट नहीं किए जा सके, ऐसे में इमरजेंसी में बेड मिलना मुश्किल हो गया. डेंगू-कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था जांचने के लिए शनिवार को अफसरों ने दो अस्पतालों का निरीक्षण किया. उन्होंने सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा साथ ही पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं भी देंखी. सुबह 10 बजे अचानक अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल अचानक सिविल अस्पताल पहुंचे. तीनों अफसरों के अचानक अस्पताल पहुंचने से हड़कंप मच गया. अपर मुख्य सचिव ने डेंगू और बुखार के मरीजों के इलाज के इंतजामों के बारे में पूछताछ की.

अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि 17 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. मेडिसिन विभाग में बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों और महिलाओं के लिए 200 बेड हैं.

डेंगू को लेकर राज्यभर में अलर्ट

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने डेंगू-मलेरिया को लेकर राज्यभर में अलर्ट जारी किया है. रविवार को साफ-सफाई को लेकर अभियान चलेगा. सोमवार से घर-घर में मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बुखार के मरीजों खोजा जाएगा. उनमें कोरोना और डेंगू टेस्ट, मलेरिया की स्लाइड बनाई जाएगी, साथ ही जिले के सभी सीएमओ को इलाज की व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए हैं.

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