लखनऊ: राजधानी लखनऊ में ऐसे भी उपभोक्ता हैं, जिन्होंने बिजली का कनेक्शन लिया, खूब बिजली इस्तेमाल की, लेकिन जब बिल भरने का वक्त आया तो उन्होंने कभी बिलिंग केंद्र की तरफ रुख ही नहीं किया. लेसा ट्रांस गोमती और सिस गोमती को मिलाकर शहर में 58,000 से ज्यादा ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन पर बिजली विभाग का 45 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बकाया है. इनसे बिल वसूल पाना भी लेसा के लिए टेढ़ी खीर साबित हो गया है.
छोटे बकाएदारों पर सख्त तो बड़े बकाएदारों पर नरम
शहर भर में बिजली विभाग की तरफ से बिजली चोरों और बकायेदारों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाता है. जो छोटे बकायेदार होते हैं उनका बिजली विभाग के अधिकारी कम बिजली का बिल होने पर भी कनेक्शन काटने पहुंच जाते हैं, लेकिन जब बड़े उपभोक्ता जिन पर लाखों का बकाया होता है उन पर हाथ डालने से भी अधिकारी हिचकिचाते हैं. यही वजह है कि 58 हजार से ज्यादा ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनसे बिजली का बिल 2017 के बाद से अब तक लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) वसूल ही नहीं पाया है.
अब लेसा वसूलेगा बिल या करेगा कुर्की
बिजली विभाग बकायेदारों से अब बिजली का बिल वसूलेगा या फिर कुर्की करेगा. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. सूर्यपाल गंगवार बताते हैं कि अब ओटीएस योजना में जो लोग रजिस्ट्रेशन करा लेंगे उन्हें फायदा मिल सकता है. ऐसे में जिन उपभोक्ताओं ने 2017 से अब तक अपना बिल नहीं चुकाया, उनके लिए अवसर है. अब जो बिल नहीं जमा करेंगे अमीन के जरिए नोटिस भेजकर उन पर कुर्की की कार्रवाई भी कराई जाएगी.
सिस गोमती और ट्रांस गोमती में हैं इतने उपभोक्ता
25 फरवरी के आंकड़ों के मुताबिक लेसा सिस गोमती में 44,504 और ट्रांस गोमती में 13,560 कुल बकाएदार हैं. इन बकायेदारों ने 1 अप्रैल 2017 के बाद से कभी बिजली का बिल जमा ही नहीं किया. इतना ही नहीं इन उपभोक्ताओं ने 'एकमुश्त समाधान योजना' में भी कभी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, जिससे सीधे तौर पर बिजली विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
ये हैं बकाएदार
- निसार अहमद 4 लाक 24 हजार 585 रुपये बकाया.
- चाबी लाल 1 लाख 54 हजार 209 रुपये बकाया.
- किताबुन निशा 2 लाख 56 हजार 668 रुपये बकाया.