लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा गोमती नगर के विभूतिखंड में ड्रोन सर्वे में चिन्हित किये गये 52 खाली प्लाॅटों की जांच करायी जाएगी. एलडीए वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी ने गुरुवार को लैंड ऑडिट की समीक्षा के बाद अधिकारियों को इस निर्देश दिये हैं. समीक्षा के दौरान एलडीए अधिकारियों द्वारा ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट करते हुए बताया गया कि सर्वे में करोड़ों रुपये कीमत के 52 व्यावसायिक भूखंड चिन्हित हुए हैं, जिनकी पत्रावली रिकाॅर्ड अनुभाग में नहीं मिल रही है. इनमें से अधिकांश प्लाट खाली पड़े हैं, जबकि कुछ प्लाॅट पर झुग्गी-झोपड़ी व अस्थायी निर्माण हैं. इस पर एलडीए वीसी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बल्क सेल व अभियंत्रण अनुभाग में भी इन प्लाॅटों से सम्बंधित पत्रावलियों की तलाश कर ली जाए. साथ ही अर्जन व अभियंत्रण अनुभाग की टीमों द्वारा इन प्लाॅट का स्थलीय निरीक्षण कराकर जांच की जाए. बैठक में उपस्थित रिमोट सेंसिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकीपुरम व अलीगंज योजना के सर्वे की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. इस दौरान उन्होंने बताया कि अलीगंज योजना के दो गांवों की डिटेल अभी तक प्राप्त नहीं करायी गयी है, जिस पर वीसी ने सम्बंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द पूरी डिटेल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
जनहित गारंटी व आईजीआरएस के प्रकरणों का हो निस्तारण : इस क्रम में एलडीए वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जनहित गारंटी व आईजीआरएस से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण के सम्बंध में भी बैठक की. उन्होंने जोनवार लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि दो दिन के अंदर सभी मामलों का निस्तारण कर लिया जाए. वीसी ने अधिकारियों व कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनहित गारंटी व आईजीआरएस से सम्बंधित प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए. इसमें लापरवाही पाये जाने पर सम्बंधित पर आर्थिक दंड के साथ ही प्रतिकूल प्रवृष्टि दी जाएगी. वीसी ने निर्देश दिये कि अब से सभी अधिकारियों को आईजीआरएस से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण के सम्बंध में प्रतिदिन शाम 5 बजे तक उनके समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए.
ठेकेदारों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हुई सरल : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में अभियंत्रण के कार्यों के लिए ठेकेदारों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का वीसी द्वारा सरलीकरण किया गया है. अब से ‘ए’ श्रेणी के लिए सचिव तथा ‘ए’ श्रेणी से निम्न समस्त श्रेणी के रजिस्ट्रेशन के लिए अपर सचिव द्वारा कार्यवाही निष्पादित की जाएगी. अभी तक उक्त कार्यवाही के लिए मुख्य अभियंता द्वारा सचिव के माध्यम से वीसी को पत्रावलियां प्रस्तुत की जाती थीं, जिससे प्रक्रिया में विलम्ब होता था, अब वीसी द्वारा सचिव व अपर सचिव को सीधे दायित्व दिये जाने से प्रक्रिया आसान हो जाएगी.