लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी की जेलों में मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल पर कड़ा फैसला लिया है. सरकार ने ऐसा करते पकड़े जाने पर कारावास की कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान लागू किया है. प्रिजन्स एक्ट-1894 के प्रावधानों में संशोधन करके यह बदलाव किया गया है। इसमें तीन से पांच वर्ष के कठोर कारावास, 20 से 50 हजार रुपये तक के अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है.
डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक, जेलों में यदि कोई बंदी जेल परिसर के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार के बेतार संचार युक्ति का प्रयोग करते हुए पाया जाता है तो उसे दंडित कराने का प्रावधान किया गया है. नए प्रावधानों के तहत जेलों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस के उपयोग को संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध बनाया गया है. इस व्यवस्था के लागू होने से मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, निकट क्षेत्र संचार (एनएफसी), टैबलेट, वैयक्तिक कम्प्यूटर, लैपटॉप, पॉमटाप, इंटररनेट, जीपीआरएस, ई-मेल, एमएमएस या मोबाइल सिम आदि का प्रयोग जेल परिसर के अंदर अथवा उसके बाहर किसी भी प्रकार से नहीं किया जा सकेगा.