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848 नालों की होगी मॉनीटरिंग, 5 सदस्यीय कमेटी करेगी निगरानी - जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह

सरकार नालों के पानी को सिंचाई योग्य बनाने की अभिनव योजना बना रही है. राज्य सरकार इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है. नमामि गंगे विभाग (Namami Ganga Department) प्रदेश के सभी एसटीपी (sewage treatment plant) संचालन की जांच भी करेगा.

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Published : Sep 7, 2022, 8:06 PM IST

लखनऊ : खुशहाल हो किसान, मुस्कुराएगा प्रदेश और हिंदुस्तान. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की इसी अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए सरकार नालों के पानी को सिंचाई योग्य बनाने की अभिनव योजना बना रही है. राज्य सरकार इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है. नमामि गंगे विभाग (Namami Ganga Department) के इंजीनियरों को खाका तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. नदियों में गिरने वाले नालों के पानी को शोधित (ट्रीट) कर सिंचाई के उपयोग में लाया जा सके, ऐसी तैयारी की जा रही है. इससे नदियों को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा. नालों के पानी को नदियों में गिरने से पहले संयंत्रों के माध्यम से ट्रीट कर जल स्वच्छ कर पानी को सिंचाई में इस्तेमाल किया जाएगा. यह जानकारी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Water Power Minister Swatantra Dev Singh) ने दी है.


योजना के तहत नदियों में गिरने वाले नालों को रोककर उनके दूषित पानी को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शोधित किया जाएगा. इससे न केवल सिंचन क्षेत्र का विस्तार होगा, बल्कि नदियों को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकेगा. इसके जरिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी. प्रयोग के तौर पर इस योजना का खाका तैयार किया जा रहा है. इस नालों के आसपास की कृषि भूमि को जल मिलेगा, जिससे सिंचाई में प्रयुक्त जल का भी संरक्षण हो सकेगा. प्रदेश में बहने वाले 848 नालों की मॉनीटरिंग (Monitoring of 848 drains) की जाएगी. हर नाले की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनेगी. नालों के आसपास रहने और समाज से जुड़े लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया जाएगा. सरकार की सोच है कि आसपास के लोगों की नजर रहेगी तो इसकी मॉनीटरिंग भी ठीक से होगी.


नमामि गंगे विभाग (Namami Ganga Department) प्रदेश के सभी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) संचालन की जांच भी करेगा. जल संरक्षण और जल संवर्धन की दिशा में नए प्रयोग किए जाएंगे. सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टीवी) से गंगा की निगरानी की योजना को जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की योजना भी इस माह से तैयार होगी. उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे की संचालित परियोजनाओं से नदियों की स्वच्छता में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं.

यह भी पढ़ें : कृषि मंत्री ने कहा, किसान सम्मान निधि के पात्र लाभार्थी नौ सितंबर तक करें भूलेख का डाटा अपलोड
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Water Power Minister Swatantra Dev Singh) ने बताया कि गंगा समेत प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियों को अविरल और निर्मल करने के लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है. नालों के पानी को नदियों में गिरने से रोककर उसका उपयोग सिंचाई में करने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. नदियों को स्वच्छ बनाने के साथ ही किसानों के लिए भी ये उपयोगी होगी. गंगा से जुड़े सभी एसटीपी के संचालन की भी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी.

लखनऊ : खुशहाल हो किसान, मुस्कुराएगा प्रदेश और हिंदुस्तान. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की इसी अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए सरकार नालों के पानी को सिंचाई योग्य बनाने की अभिनव योजना बना रही है. राज्य सरकार इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है. नमामि गंगे विभाग (Namami Ganga Department) के इंजीनियरों को खाका तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. नदियों में गिरने वाले नालों के पानी को शोधित (ट्रीट) कर सिंचाई के उपयोग में लाया जा सके, ऐसी तैयारी की जा रही है. इससे नदियों को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा. नालों के पानी को नदियों में गिरने से पहले संयंत्रों के माध्यम से ट्रीट कर जल स्वच्छ कर पानी को सिंचाई में इस्तेमाल किया जाएगा. यह जानकारी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Water Power Minister Swatantra Dev Singh) ने दी है.


योजना के तहत नदियों में गिरने वाले नालों को रोककर उनके दूषित पानी को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शोधित किया जाएगा. इससे न केवल सिंचन क्षेत्र का विस्तार होगा, बल्कि नदियों को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकेगा. इसके जरिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी. प्रयोग के तौर पर इस योजना का खाका तैयार किया जा रहा है. इस नालों के आसपास की कृषि भूमि को जल मिलेगा, जिससे सिंचाई में प्रयुक्त जल का भी संरक्षण हो सकेगा. प्रदेश में बहने वाले 848 नालों की मॉनीटरिंग (Monitoring of 848 drains) की जाएगी. हर नाले की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनेगी. नालों के आसपास रहने और समाज से जुड़े लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया जाएगा. सरकार की सोच है कि आसपास के लोगों की नजर रहेगी तो इसकी मॉनीटरिंग भी ठीक से होगी.


नमामि गंगे विभाग (Namami Ganga Department) प्रदेश के सभी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) संचालन की जांच भी करेगा. जल संरक्षण और जल संवर्धन की दिशा में नए प्रयोग किए जाएंगे. सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टीवी) से गंगा की निगरानी की योजना को जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की योजना भी इस माह से तैयार होगी. उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे की संचालित परियोजनाओं से नदियों की स्वच्छता में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं.

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जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Water Power Minister Swatantra Dev Singh) ने बताया कि गंगा समेत प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियों को अविरल और निर्मल करने के लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है. नालों के पानी को नदियों में गिरने से रोककर उसका उपयोग सिंचाई में करने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. नदियों को स्वच्छ बनाने के साथ ही किसानों के लिए भी ये उपयोगी होगी. गंगा से जुड़े सभी एसटीपी के संचालन की भी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी.

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