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उत्तर प्रदेश में बढ़ी 473.91 एमएलडी सीवर शोधन की क्षमता - एमएलडी सीवर शोधन की क्षमता

नमामि गंगे कार्यक्रम (Namami Gange Program) के तहत उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरों के साथ अन्य शहरों में बहने वाली नदियों में प्रदूषण रोकने का काम और तेजी से हो रहा है. इसके तहत 47 सीवर शोधन परियोजनाओं को शुरू किया गया है.

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नमामि गंगे कार्यक्रम
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Published : Aug 21, 2022, 11:02 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) नदियों के पुनरोद्धार (Revitalization of Rivers) और उन्हे अविरल-निर्मल बनाने के प्रति संकल्पित हैं. मुख्यमंत्री के प्रयास से प्रदेश की करीब 60 नदियों का पुनरोद्धार किया जा चुका है. इसी के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम (Namami Gange Program) के तहत यूपी के धार्मिक नगरों के साथ 30 से अधिक शहरों में बहने वाली नदियों में प्रदूषण रोकने का काम और तेज कर दिया गया है. नदियों को पुराने स्वरूप में लौटाने और उनको अविरल-निर्मल बनाने के लिए 47 सीवर शोधन परियोजनाओं (sewer purification projects) को शुरू किया गया है. इनमें से 27 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं. परियोजनाओं के निर्माण से यूपी में 473.91 एमएलडी की सीवर शोधन की क्षमता बढ़ी है. सीवर शोधन की 18 परियोजनाओं का काम अंतिम चरण में है, जिनमें से कुछ अगले महीने पूरी होने जा रही हैं. इसमें मुख्य रूप से प्रयागराज भी शामिल है, जहां 18 नालों की टैपिंग कराने की तैयारी है.

प्रदेश में होगी 1508 एमएलडी शोधन क्षमता

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत तैयार की जा रही सीवर शोधन परियोजनाओं से नदियों में नालों से गिरने वाली गंदगी का शोधन किया जाएगा. नदियों को स्वच्छ बनाने की बड़ी पहल जलीय जीव-जन्तुओं को जीवन तो देगी ही, साथ ही नदियों को भी निर्मल करेगी. करीब 11071.63 करोड़ रुपए की धनराशि से तैयार की जा रही 47 परियोजनाओं के निर्माण के बाद प्रदेश में कुल 1508.01 एमएलडी शोधन क्षमता का निर्माण हो जाएगा. पीपीपी मॉडल पर तैयार की जा रही इन योजनाओं में एजेंसिंयों को 15 वर्ष के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है.

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने मथुरा को नमामि गंगे के तहत 282.42 करोड़ रुपए की ये सौगात दी

इन शहरों में नदियों को जीवन देंगी सीवर शोधन परियोजनाएं

प्रयागराज (नैनी, फाफामऊ, झूसी), कन्नौज, नरोरा, गढ़मुक्तेश्वर, अनूपशहर, कानपुर, अयोध्या, बिठूर, मथुरा-वृन्दावन, वाराणसी, चुनार, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, कासगंज, इटावा, शुक्लागंज-उन्नाव, सुल्तानपुर, जौनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुडाना, लखनऊ, ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, बरेली, कैराना, फरुखाबाद, फैज़ाबाद शहर, आगरा, मेरठ, सहारनपुर में सीवर शोधन परियोजनाओं का काम किया जा रहा है. इन परियोजनाओं के निर्माण से विभिन्न नालों से नदियों में प्रवाहित गंदे जल का शोधन कर नदियों में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम की जाएगी.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) नदियों के पुनरोद्धार (Revitalization of Rivers) और उन्हे अविरल-निर्मल बनाने के प्रति संकल्पित हैं. मुख्यमंत्री के प्रयास से प्रदेश की करीब 60 नदियों का पुनरोद्धार किया जा चुका है. इसी के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम (Namami Gange Program) के तहत यूपी के धार्मिक नगरों के साथ 30 से अधिक शहरों में बहने वाली नदियों में प्रदूषण रोकने का काम और तेज कर दिया गया है. नदियों को पुराने स्वरूप में लौटाने और उनको अविरल-निर्मल बनाने के लिए 47 सीवर शोधन परियोजनाओं (sewer purification projects) को शुरू किया गया है. इनमें से 27 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं. परियोजनाओं के निर्माण से यूपी में 473.91 एमएलडी की सीवर शोधन की क्षमता बढ़ी है. सीवर शोधन की 18 परियोजनाओं का काम अंतिम चरण में है, जिनमें से कुछ अगले महीने पूरी होने जा रही हैं. इसमें मुख्य रूप से प्रयागराज भी शामिल है, जहां 18 नालों की टैपिंग कराने की तैयारी है.

प्रदेश में होगी 1508 एमएलडी शोधन क्षमता

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत तैयार की जा रही सीवर शोधन परियोजनाओं से नदियों में नालों से गिरने वाली गंदगी का शोधन किया जाएगा. नदियों को स्वच्छ बनाने की बड़ी पहल जलीय जीव-जन्तुओं को जीवन तो देगी ही, साथ ही नदियों को भी निर्मल करेगी. करीब 11071.63 करोड़ रुपए की धनराशि से तैयार की जा रही 47 परियोजनाओं के निर्माण के बाद प्रदेश में कुल 1508.01 एमएलडी शोधन क्षमता का निर्माण हो जाएगा. पीपीपी मॉडल पर तैयार की जा रही इन योजनाओं में एजेंसिंयों को 15 वर्ष के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है.

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने मथुरा को नमामि गंगे के तहत 282.42 करोड़ रुपए की ये सौगात दी

इन शहरों में नदियों को जीवन देंगी सीवर शोधन परियोजनाएं

प्रयागराज (नैनी, फाफामऊ, झूसी), कन्नौज, नरोरा, गढ़मुक्तेश्वर, अनूपशहर, कानपुर, अयोध्या, बिठूर, मथुरा-वृन्दावन, वाराणसी, चुनार, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, कासगंज, इटावा, शुक्लागंज-उन्नाव, सुल्तानपुर, जौनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुडाना, लखनऊ, ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, बरेली, कैराना, फरुखाबाद, फैज़ाबाद शहर, आगरा, मेरठ, सहारनपुर में सीवर शोधन परियोजनाओं का काम किया जा रहा है. इन परियोजनाओं के निर्माण से विभिन्न नालों से नदियों में प्रवाहित गंदे जल का शोधन कर नदियों में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम की जाएगी.

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