लखनऊ: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में अगले साल मार्च तक परिवहन विभाग ने 4590 सरकारी वाहनों को स्क्रैप (Government vehicles will be scrapped in UP) करने का टारगेट सेट किया है. इस टारगेट को चार चरणों में पूरा किया जाएगा. ये ऐसे सरकारी वाहन हैं, जिनकी आयु मार्च तक 15 साल पूरी हो जाएगी. केंद्र सरकार ने 15 साल से ज्यादा पुराने सभी सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का फैसला किया है. इसी के तहत स्क्रैप नीति लागू की गई है. उत्तर प्रदेश में ऐसे वाहनों की संख्या काफी ज्यादा है. लिहाजा, मार्च 2024 तक इन वाहनों को स्क्रैप करने का प्लान है.
बता दें कि विधानसभा के द्वितीय सत्र के दौरान विधायक महबूब अली की ओर से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से प्रदेश में अगले मार्च तक कितने ऐसे सरकारी वाहन हैं, जो स्क्रैप पॉलिसी के तहत आ रहे हैं, से संबंधित सवाल पूछा गया था. इस पर अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) निर्मल प्रसाद की ओर से 24 जुलाई को बताया गया कि 4590 सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी कर चुके हैं. इन वाहनों को अगले साल मार्च तक स्क्रैप कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि वाहन पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार यह आंकड़ा है. वाहनों की स्क्रैपिंग मेटल स्क्रैप ट्रेड कारपोरेशन (एमएसटीसी) पोर्टल के माध्यम से नीलामी-स्क्रैप किए जाने का प्राविधान है. साल 2023-24 के लिए उम्र पूरी कर चुके वाहनों को पहले, दूसरे, तीसरे व चौथे क्वार्टर में स्क्रैप किया जाएगा. इनमें पहले चरण में 840, दूसरे में 1250, तीसरे में 1250 और चौथे चरण में 1250 वाहनों को स्क्रैप करने का टारगेट निर्धारित है. उन्होंने जानकारी दी है कि बीती 30 जून तक 230 सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग कर दी गई है.
खोले जा रहे हैं स्क्रैप सेंटर: परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में वाहनों को स्क्रैप करने के लिए लगातार स्क्रेपिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. अब तक 28 स्क्रैप सेंटर को लाइसेंस दिए जा चुके हैं. लखनऊ में भी दो स्क्रैप सेंटर को खोलने की अनुमति दी जा चुकी है. जो भी आवेदन आ रहे हैं, उन पर विचार कर स्क्रेपिंग सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान की जा रही है.
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