ETV Bharat / state

इस घोटाले में 54 जिलों में हुई थीं 458 FIR, अब ये एजेंसी करेगी जांच

शासन ने सरकारी दुकानों पर होने वाली राशन चोरी पर लगाम लगाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया था। राशन कार्ड को आधार से भी लिंक कर दिया गया था. राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों को जोड़ने का अधिकार जिला पूर्ति अधिकारी के पास था। यहीं से शातिर आरोपियों ने राशन वितरण में खेल शुरू कर दिया.

राशन घोटाले में ईओडब्ल्यू करेगी जांच.
राशन घोटाले में ईओडब्ल्यू करेगी जांच.
author img

By

Published : Dec 1, 2020, 6:07 PM IST

लखनऊः राशन घोटाले के संबंध में उत्तर प्रदेश के 54 जनपदों में 458 एफआईआर दर्ज की गई थीं. बीते 2 वर्षों से लखनऊ का साइबर थाना इस मामले की जांच कर रहा था. पूरे उत्तर प्रदेश में फैले इस घोटाले को लेकर दर्ज की गईं एफआईआर को देखते हुए शासन ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी है. अब इस पूरे मामले में ईओडब्लू ही आगे की जांच करेगी.

एसटीएफ ने किया था खुलासा
सरकारी राशन की दुकानों पर जरूरतमंदों को सरकारी रेट पर खाद्य आपूर्ति विभाग राशन उपलब्ध कराता है. लेकिन, कोटेदार और जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों ने मिलकर जरूरतमंदों का राशन हड़प करना शुरू कर दिया. यह घपला भी तब हुआ, जब राशन चोरी पर लगाम लगाने के लिए शासन ने बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया हुआ था.

29 लोगों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट
सरकारी दुकानों के कोटेदार और जिला पूर्ति अधिकारी की मिलीभगत से हुए इस राशन घोटाले को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में 458 एफआईआर दर्ज की गई थीं. इसके बाद एसटीएफ ने इस मामले में जांचकर लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कई लोगों को आरोपी बनाया गया. इस मामले की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस ने 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

ऐसे होता था खेल
शासन ने सरकारी दुकानों पर होने वाली राशन चोरी पर लगाम लगाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया था. राशन कार्ड को आधार से भी लिंक कर दिया गया था. राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों को जोड़ने का अधिकार जिला पूर्ति अधिकारी के पास था. जिला पूर्ति अधिकारी अपनी आईडी से आधार कार्ड के आधार पर परिवार के सदस्यों की संख्या को बढ़ा घटा सकता था. आधार कार्ड के आधार पर ही राशन का वितरण किया जाता था. लिहाजा, राशन चोरी करने के लिए कोटेदारों ने ऐसे लोगों को चिह्नित किया, जिनके पास आधार कार्ड है. इनके आधार कार्ड को जिला पूर्ति अधिकारी की आईडी का प्रयोग करते हुए राशन कार्ड से जोड़ा और फिर इन्हीं आधार कार्ड की की मदद से राशन का वितरण किया गया. इस तरह से जरूरतमंद लोगों के राशन की चोरी की गई. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब एक ही आधार कार्ड पर कई परिवारों को राशन देना दिखा दिया गया.

लखनऊः राशन घोटाले के संबंध में उत्तर प्रदेश के 54 जनपदों में 458 एफआईआर दर्ज की गई थीं. बीते 2 वर्षों से लखनऊ का साइबर थाना इस मामले की जांच कर रहा था. पूरे उत्तर प्रदेश में फैले इस घोटाले को लेकर दर्ज की गईं एफआईआर को देखते हुए शासन ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी है. अब इस पूरे मामले में ईओडब्लू ही आगे की जांच करेगी.

एसटीएफ ने किया था खुलासा
सरकारी राशन की दुकानों पर जरूरतमंदों को सरकारी रेट पर खाद्य आपूर्ति विभाग राशन उपलब्ध कराता है. लेकिन, कोटेदार और जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों ने मिलकर जरूरतमंदों का राशन हड़प करना शुरू कर दिया. यह घपला भी तब हुआ, जब राशन चोरी पर लगाम लगाने के लिए शासन ने बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया हुआ था.

29 लोगों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट
सरकारी दुकानों के कोटेदार और जिला पूर्ति अधिकारी की मिलीभगत से हुए इस राशन घोटाले को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में 458 एफआईआर दर्ज की गई थीं. इसके बाद एसटीएफ ने इस मामले में जांचकर लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कई लोगों को आरोपी बनाया गया. इस मामले की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस ने 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

ऐसे होता था खेल
शासन ने सरकारी दुकानों पर होने वाली राशन चोरी पर लगाम लगाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया था. राशन कार्ड को आधार से भी लिंक कर दिया गया था. राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों को जोड़ने का अधिकार जिला पूर्ति अधिकारी के पास था. जिला पूर्ति अधिकारी अपनी आईडी से आधार कार्ड के आधार पर परिवार के सदस्यों की संख्या को बढ़ा घटा सकता था. आधार कार्ड के आधार पर ही राशन का वितरण किया जाता था. लिहाजा, राशन चोरी करने के लिए कोटेदारों ने ऐसे लोगों को चिह्नित किया, जिनके पास आधार कार्ड है. इनके आधार कार्ड को जिला पूर्ति अधिकारी की आईडी का प्रयोग करते हुए राशन कार्ड से जोड़ा और फिर इन्हीं आधार कार्ड की की मदद से राशन का वितरण किया गया. इस तरह से जरूरतमंद लोगों के राशन की चोरी की गई. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब एक ही आधार कार्ड पर कई परिवारों को राशन देना दिखा दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.