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कागजों पर 30 दिन में कोरोना से 3777 की मौत, आंकड़ों पर सवाल - कोरोना से अप्रैल में कुल मौतें

उत्तर प्रदेश में कोरोना से प्रतिदिन बड़ी संख्या में मौत हो रही हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में चार हजार से कुछ कम मौत हुई हैं लेकिन असल संख्या इससे कहीं अधिक मानी जा रही है.

लखनऊ.
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Published : May 4, 2021, 3:54 PM IST

Updated : May 4, 2021, 11:24 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है. प्रदेश में रोज बड़ी संख्या में मौत हो रही हैं. श्मशान घाट पर दाह संस्कार की लंबी वेटिंग है और कब्रिस्तान में भी मारामारी. हालांकि कागजों में मौतों का आंकड़ा और श्मशान-कब्रिस्तान में शवों की संख्या में भारी अंतर नजर आता है. बताया जा रहा है कि कोरोना डाटा फीडिंग में झोल है.

आंकड़ा.
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पिछले दो महीने में दिखाया रौद्र रूप
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल में आई. मार्च के अंत में यूपी में एक्टिव केस सिर्फ दो हजार के करीब थे. वहीं अप्रैल में देखते ही देखते एक्टिव केस तीन लाख पार कर गए. वायरस ने ऐसा बवाल मचाया कि चिकित्सकीय व्यवस्था चरमरा गई. अस्पताल में बेड कम पड़ गए. ऑक्सीजन के अभाव में कइयों को जान गंवानी पड़ी. दवाओं के भी लाले हो गए. महामारी के विकराल रूप से घर-घर मातम पसर गया. श्मशान में दिन-रात शव जलाए गए. लंबी वेटिंग होने से घाटों का विस्तार करना पड़ा. सामान्य बीमारियों से लेकर कोरोना से बड़ी तादाद में लोगों ने जान गंवाई. इस दौरान यदि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो यूपी में अप्रैल के 30 दिनों में कुल 6 लाख, 38 हजार 033 लोग संक्रमित हुए. वहीं कोरोना से मौतें भीं 3,777 ही दर्ज हैं, मगर हकीकत ज्यादा भयावह है.

लखनऊ.
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संक्रमितों की संख्या से लेकर मौतों तक में खेलदरअसल, आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी कई मरीज कोरोना की चपेट में होते हैं. सांस की दिक्कत होने पर ऐसे मरीजों में एक्स-रे व सीटी स्कैन से फेफड़े में वायरस के पहुंचने की पुष्टि होती है. शासन ने भी ऐसे मरीजों को कोविड अस्पताल में ही अलग वार्ड में शिफ्ट कर इलाज के निर्देश दिए हैं मगर, इनकी संख्या कोरोना मरीजों में नहीं जोड़ी जाती है. ऐसे में मौत होने पर भी कोविड-19 में दर्ज नहीं होती है. दूसरा, कोरोना के गंभीर मरीज भी 10-15 दिन में निगेटिव हो जाते हैं लेकिन वायरस से उसमें तमाम दिक्कतें होने से वेंटिलेटर पर ही सांसें थम जाती हैं. ऐसे में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसकी मौत कोरोना के रिकॉर्ड में नहीं जोड़ी जाती हैं. ऐसे मरीजों की मौत का कारण, रेस्परेटरी फेल्योर, मल्टी ऑर्गन फेल्योर, कार्डियक अरेस्ट समेत तमाम मेडिकल कंडीशन दर्ज की जाती हैं.

ये है पूरा आंकड़ा

तारीख मरीज मौत
1अप्रैल 2600 09
2 अप्रैल 2,967 16
3 अप्रैल 3,290 14
4 अप्रैल 4,164 31
5 अप्रैल 3,999 13
6 अप्रैल 5,928 30
7 अप्रैल
6,023 40
8 अप्रैल
8,490 39
9 अप्रैल 9,695 37
10 अप्रैल 12,787 48
11 अप्रैल 15,353 67
12 अप्रैल 13,685 72
13 अप्रैल 18,021 85
14 अप्रैल 20,510 68
15 अप्रैल 22,429 104
16 अप्रैल 27,426 103
17 अप्रैल 27,357 120
18 अप्रैल30,596 129
19 अप्रैल 28,287 167
20 अप्रैल 29,753 163
21 अप्रैल 33,214 187
22 अप्रैल 34,379 195
23 अप्रैल 37,238199
24 अप्रैल 38,055 223
25 अप्रैल 35,614 208
26 अप्रैल 33,574 249
27 अप्रैल 32,993 265
28 अप्रैल 29,824 266
29 अप्रैल 35, 156 298
30 अप्रैल 34,626 332

इसे भी पढ़ेंः कोविड संक्रमण के घटते केस अच्छे संकेत: योगी आदित्यनाथ

कुल आंकड़ा
दिन - 30

कुल मरीज- 6,38,033

मौतें - 3,777

लखनऊ: कोरोना महामारी दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है. प्रदेश में रोज बड़ी संख्या में मौत हो रही हैं. श्मशान घाट पर दाह संस्कार की लंबी वेटिंग है और कब्रिस्तान में भी मारामारी. हालांकि कागजों में मौतों का आंकड़ा और श्मशान-कब्रिस्तान में शवों की संख्या में भारी अंतर नजर आता है. बताया जा रहा है कि कोरोना डाटा फीडिंग में झोल है.

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पिछले दो महीने में दिखाया रौद्र रूप
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल में आई. मार्च के अंत में यूपी में एक्टिव केस सिर्फ दो हजार के करीब थे. वहीं अप्रैल में देखते ही देखते एक्टिव केस तीन लाख पार कर गए. वायरस ने ऐसा बवाल मचाया कि चिकित्सकीय व्यवस्था चरमरा गई. अस्पताल में बेड कम पड़ गए. ऑक्सीजन के अभाव में कइयों को जान गंवानी पड़ी. दवाओं के भी लाले हो गए. महामारी के विकराल रूप से घर-घर मातम पसर गया. श्मशान में दिन-रात शव जलाए गए. लंबी वेटिंग होने से घाटों का विस्तार करना पड़ा. सामान्य बीमारियों से लेकर कोरोना से बड़ी तादाद में लोगों ने जान गंवाई. इस दौरान यदि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो यूपी में अप्रैल के 30 दिनों में कुल 6 लाख, 38 हजार 033 लोग संक्रमित हुए. वहीं कोरोना से मौतें भीं 3,777 ही दर्ज हैं, मगर हकीकत ज्यादा भयावह है.

लखनऊ.
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संक्रमितों की संख्या से लेकर मौतों तक में खेलदरअसल, आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी कई मरीज कोरोना की चपेट में होते हैं. सांस की दिक्कत होने पर ऐसे मरीजों में एक्स-रे व सीटी स्कैन से फेफड़े में वायरस के पहुंचने की पुष्टि होती है. शासन ने भी ऐसे मरीजों को कोविड अस्पताल में ही अलग वार्ड में शिफ्ट कर इलाज के निर्देश दिए हैं मगर, इनकी संख्या कोरोना मरीजों में नहीं जोड़ी जाती है. ऐसे में मौत होने पर भी कोविड-19 में दर्ज नहीं होती है. दूसरा, कोरोना के गंभीर मरीज भी 10-15 दिन में निगेटिव हो जाते हैं लेकिन वायरस से उसमें तमाम दिक्कतें होने से वेंटिलेटर पर ही सांसें थम जाती हैं. ऐसे में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसकी मौत कोरोना के रिकॉर्ड में नहीं जोड़ी जाती हैं. ऐसे मरीजों की मौत का कारण, रेस्परेटरी फेल्योर, मल्टी ऑर्गन फेल्योर, कार्डियक अरेस्ट समेत तमाम मेडिकल कंडीशन दर्ज की जाती हैं.

ये है पूरा आंकड़ा

तारीख मरीज मौत
1अप्रैल 2600 09
2 अप्रैल 2,967 16
3 अप्रैल 3,290 14
4 अप्रैल 4,164 31
5 अप्रैल 3,999 13
6 अप्रैल 5,928 30
7 अप्रैल
6,023 40
8 अप्रैल
8,490 39
9 अप्रैल 9,695 37
10 अप्रैल 12,787 48
11 अप्रैल 15,353 67
12 अप्रैल 13,685 72
13 अप्रैल 18,021 85
14 अप्रैल 20,510 68
15 अप्रैल 22,429 104
16 अप्रैल 27,426 103
17 अप्रैल 27,357 120
18 अप्रैल30,596 129
19 अप्रैल 28,287 167
20 अप्रैल 29,753 163
21 अप्रैल 33,214 187
22 अप्रैल 34,379 195
23 अप्रैल 37,238199
24 अप्रैल 38,055 223
25 अप्रैल 35,614 208
26 अप्रैल 33,574 249
27 अप्रैल 32,993 265
28 अप्रैल 29,824 266
29 अप्रैल 35, 156 298
30 अप्रैल 34,626 332

इसे भी पढ़ेंः कोविड संक्रमण के घटते केस अच्छे संकेत: योगी आदित्यनाथ

कुल आंकड़ा
दिन - 30

कुल मरीज- 6,38,033

मौतें - 3,777

Last Updated : May 4, 2021, 11:24 PM IST
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