नई दिल्लीः बीजेपी देश की सबसे अमीर पार्टी है. वित्त वर्ष 2023-24 में पार्टी ने 4,340.47 करोड़ रुपये आय घोषित की है. यह राशि देश के सभी छह राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 74.57 प्रतिशत है. लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी की आय उसके नजदीकी प्रतिद्वंद्वियों से कई गुना ज्यादा है. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी.
राष्ट्रीय दलों की कुल आयः रिपोर्ट के अनुसार भाजपा ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 4,340.473 करोड़ रुपये की आय घोषित की. कांग्रेस की कुल आय 1,225.12 करोड़ रुपये थी. सीपीआई(एम) ने 167.636 करोड़ रुपये कुल आय घोषित की. बीएसपी की कुल आय 64.7798 करोड़ रुपये थी. आम आदमी पार्टी की कुल आय 22.68 करोड़ रुपये थी. एनपीईपी की कुल आय 0.2244 करोड़ थी.
पिछले वित्तिय वर्ष तुलनाः
- बीजेपी की आय में 83.85% (रु 1979.629 करोड़) की वृद्धि हुई है. बीजेपी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2360.844 करोड़ रुपये आय घोषित की थी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में पार्टी की आय बढ़कर रु 4340.473 करोड़ हो गयी.
- काोंग्रेस की आय वित्तिय वर्ष 2022-23 में 452.375 करोड़ रुपये थी. 2023-24 में यह बढ़कर 1225.119 करोड़ हो गई. 170.82% प्रतिशत की वृद्धि हुई.
- सीपीआई (एम) की आय वित्तीय वर्ष 2022-23 में 141.661 करोड़ रुपये थी. 2023-24 में यह राशि बढ़कर 167.636 करोड़ हो गई. करीब 18.34% यानी कि 25.975 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई.
- आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और एनपीईपी की आय घटी है. 2022-23 की तुलना में 2023-24 में आम आदमी पार्टी की आय में 20.3902 करोड़ रुपये, बीएसपी की आय में 6.59 करोड़ रुपये और एनपीईपी की आय में 97.03 यानि की 7.3376 करोड़ रुपये की कमी हुई है.
कहां से मिला चंदाः राष्ट्रीय दलों की आय का एक बड़ा हिस्सा इलेक्टोरल बांड से मिला. भाजपा को सबसे अधिक 1,685.63 करोड़ रुपये मिले. कांग्रेस को 828.36 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी (आप) को 10.15 करोड़ रुपये मिले. इन तीनों दलों ने चुनावी बॉन्ड योजना के माध्यम से 2,524.1361 करोड़ रुपये, यानी कि अपनी कुल आय का 43.36 प्रतिशत जुटाए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक और मनमाना करार दिया था.
कहां-कहां राशि खर्च कीः
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बीजेपी ने 1754.065 करोड़ रुपये खर्च चुनाव और सामान्य प्रचार में किया. वहीं 349.718 करोड़ रुपये प्रशासनिक मद में खर्च किया.
- काोंग्रेस ने सबसे अधिक व्यय चुनाव खर्च में किया. 619.672 करोड़ रुपये चुनाव खर्च में दिखाया है तो वहीं प्रशासिनक और सामान्य व्यय मद में 340.702 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.
- सीपीआई (एम) ने प्रशासनिक और सामान्य खचों पर सबसे अधिक 56.2932 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. कर्मचारी लगात पर 47.57 करोड़ रुपये खर्च दिखाया है.
- आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने क्रमशः चुनाव खर्च और प्रचार प्रसार पर सबसे अधिक 23.47 करोड़ और 19.113 करोड़ का खर्च घोषित किया. एनपीईपी ने वित्तिय वर्ष 2023-24 के लिए 64.62 लाख रुपये खर्च करने की घोषणा की.
![Arvind Kejriwal.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-02-2025/23560924_party-3.jpg)
राजनीतिक दलों की ऑडिट रिपोर्टः चुनाव आयोग ने 19 नवम्बर 2014 को सभी राजनीतिक दलों को ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इसके तहर सभी राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल आय और व्यय का ब्योरा चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया. उसी रिपोर्ट के आधार पर यह आंकड़े तैयार किये गये हैं. सभी राजनीतिक दलों को 31 अक्टूबर 2024 तक रिपोर्ट देने थी. केवल बीएसपी, एनपीईपी और आम आदमी पार्टी ने समय पर रिपोर्ट पेश की.
![Congress office in Delhi.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-02-2025/23560924_party-2.jpg)
भारत में कितने राष्ट्रीय दल हैंः भारत में कुल छह राष्ट्रीय दल हैं. कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी, देश की सबसे बड़ी पार्टी है. वामदलों में सीपीआईएम को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है. इनके अलावा एक और पार्टी है नेशनल पीपुल्स पार्टी (NEPE). यह मुख्य रूप से मेघालय में केंद्रित है. जुलाई 2012 में एनसीपी से निकाले जाने के बाद पी. ए. संगमा द्वारा स्थापित किया गया था. इसे 7 जून 2019 को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था.
![CPIM demonstration in Delhi.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-02-2025/23560924_party-4.jpg)
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