लखनऊ : राजधानी लखनऊ में सोमवार को 30 डेंगू से पीड़ित मरीज मिले. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी (30 new dengue patients) आंकड़ों के अनुसार, ऐशबाग में तीन, अलीगंज में चार, चंदरनगर में तीन, इन्दिरानगर में चार, चिनहट में चार, मोहनलालगंज में एक, एनके रोड में चार, सिल्वर जुबली में तीन, टूडियागंज में दो और रेडक्रास में दो मरीज मिले, वहीं लगभग 1,444 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया. घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर सात घरों को नोटिस जारी किया गया. इसके अलावा नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों द्वारा जनपद के विभिन्न स्थलों व भवनों का निरीक्षण किया गया. लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव किया गया.
सोमवार को डेंगू पीड़ित महिला ने इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया. वह तीन दिन से बुखार से पीड़ित थी. राजधानी में बीते चौबीस घंटों में 30 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो गई. इन्दिरानगर, अलीगंज व चिनहट अभी भी डेंगू के दृष्टिकोण से हॉट स्पॉट बने हुए हैं. गीतापल्ली निवासी 34 वर्षीय पवित्रा उपाध्याय बीते तीन दिनों से बुखार से पीड़ित थी. पहले नजदीकी डाॅक्टर से इलाज कराया. बुखार न उतरने पर डाॅक्टर की सलाह पर डेंगू की जांच करायी गयी. जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर उन्हें इलाज के लिए केजीएमयू के ट्राॅमा सेंटर में भर्ती कराया गया. ट्रामा में पवित्रा की हालत लगातार बिगड़ रही थी. सोमवार को सवेरे उसकी सांसें थम गयीं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच में डेंगू से मौत होने से इनकार किया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि महिला मेटाबोलिक एसिडोसिस के साथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया व पाइरेक्सिया से ग्रसित थी. जांच में आया कि गौतमपल्ली निवासी मृतका
पवित्रा उपाध्याय (44) आठ अक्टूबर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. इसी दिन ट्रॉमा में उसकी डेंगू की जांच कराई गई थी. जो नेगेटिव आई. नौ अक्टूबर को महिला की मौत हो गई. दावा है कि केजीएमयू की ओर से उपलब्ध कराए गए इलाज से सम्बंधित दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद उसकी मौत डेंगू न होना पाया गया. इसके अलावा रहीमाबाद के पांडेय खेड़ा निवासी सुनील कुमार (31) की भी मौत ग्रामीणों ने डेंगू से होना बताया था. स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई जांच में पता चला कि उसे डेंगू नहीं था, बल्कि,मरीज की मृत्यु लीवर बढ़ा होने, दाहिनी किडनी में पथरी, पेशाब की थैली में संक्रमण तथा पेट में पानी बढ़ा होने के कारण हुई है.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, डेंगू रोग पर प्रभावी रोकथाम एवं नियन्त्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग (मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ) एवं नगर निगम की संयुक्त टीमों ने सोमवार को शहर के कई इलाकों में लार्वा रोधी रसायन एवं फाॅगिंग का कार्य कराया. टीम ने सेक्टर-क्यू विन्ध्यांचल मन्दिर, संजय गांधी पुरम ढाल कसैलया, आजादनगर नियर मेट्रो स्टेशन अमौसी, गऊघाट पम्पिंग स्टेशन शान्तीनगर मल्लाही टोला प्रथम, दयाल रेजीडेन्सी गेट, अम्बेडकर विश्वविधालय शहीद पथ के आस-पास लार्वा रोधी रसायन एवं फागिंग का कार्य कराया गया. इसके साथ ही जनसामान्य को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की गईं. इसके अलावा नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फैजुल्लागंज, लखनऊ की टीम द्वारा केशव नगर निकट ब्रहमदेव मन्दिर एवं श्याम विहार नगर के आस-पास में 100 घरों में फीवर ट्रेकिंग एवं सर्वे का कार्य कराया गया तथा लोगों को आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य शिक्षा भी प्रदान की गईं. क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 65 व्यक्तियों की जांच एवं उपचारित किया गया और दवाएं वितरित की गईं.
मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के उपाय
- वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखें. घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दें.
- अनावश्यक कंटेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें. तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें.
- प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदलें, कूलर आदि में ज्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दें.
- घरों और होटल के वाटर टैंक में लार्वीवोरस फिश का उपयोग करें.
- बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलें.
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
- दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल सिलिव्स के कपड़े पहनें बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करें.
क्या न करें
- घर में या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें.
- टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर और कबाड़ को घर में न जमा होने दें और न ही घर के पास उन्हें फेकें. इन चीजों का सही तरीके से निस्तारण सुनिश्चित कराएं ताकि उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए.
- बुखार होने पर स्वयं से दवा न करें. चिकित्सक के परामर्श के बाद ही दवा का उपयोग करें.