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केजीएमयू में ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज भर्ती, 4 की मौत

लखनऊ में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. केजीएमयू में मंगलवार को ब्लैक फंगस के 3 और मरीज केजीएमयू में भर्ती हुए और 4 मरीजों मौत हो गई.

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Published : May 19, 2021, 6:03 AM IST

ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज भर्ती, 4 की मौत
ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज भर्ती, 4 की मौत

लखनऊ: राजधानी में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालें में किया जा रहा है. केजीएमयू में ब्लैक फंगस के 34 मरीज भर्ती हैं. मंगलवार को ब्लैक फंगस के 3 और मरीज केजीएमयू में भर्ती हुए हैं. वहीं, 4 मरीजों की ब्लैक फंगस की वजह से मौत हो गई. इस बीच ब्लैक फंगस की इंजेक्शन लोगों को नहीं मिल पा रही है. मरीज की जान बचाने के लिए तीमारदार इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कहीं राहत नहीं मिल पा रही है.

ब्लैक फंगस के 6 मरीजों का हुआ ऑपरेशन
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को ब्लैक फंगस के 3 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए. अब तक कुल 34 केस अस्पताल में आ चुके हैं. इसमें से 6 मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हो चुका है. खतरे की कोई बात नहीं है. 1 मरीज को ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.

4 मरीजों की मौत
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से मंगलवार को 4 मरीजों की मौत हुई है, जिसमें रायबरेली निवासी एक 40 वर्षीय महिला, हरदोई निवासी 37 वर्षीय पुरुष, अयोध्या निवासी 52 वर्षीय महिला और लखीमपुर निवासी 50 वर्षीय महिला शामिल है. यह सभी ब्लैक फंगस से पीड़ित थे, इनका इलाज केजीएमयू में चल रहा था, लेकिन ब्लैक फंगस ने पूरी तरह से मरीज को अपनी जद में कर रखा था. जिसके कारण मंगलवार को इनकी मौत हो गई. डॉक्टरों की टीम ने इन्हें बचाने की पूरी कोशिश की.

दो दिन बाद भी नहीं मिला इंजेक्शन
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती शैलेंद्र में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. डॉक्टरों ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लिखे. दो दिन बाद भी परिवारीजन इंजेक्शन की एक डोज तक का इंतजाम नहीं कर पाए हैं. परिवार के सदस्य सनी के मुताबिक, अमीनाबाद और चौक के ज्यादातर मेडिकल स्टोर में इंजेक्शन के बारे में पता किया. कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिला. हालात यह है कि एक व्यक्ति ने 20 हजार रुपये में इंजेक्शन की एक डोज दिलाने का वादा किया पर दूसरे दिन तक इंजेक्शन नहीं मिल पाया. मंगलवार को वोरिकोनाजोल इंजेक्शन लिखी गई जो कि वो भी नहीं मिल रहा है.

इसे भी पढ़ें: दोस्त को अंधेरी गली में बुलाकर मारी गोली, वीडियो वायरल


दर-दर भटके रहे मरीज
आलमबाग स्थित निजी अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीज देव कुमार को इंजेक्शन नहीं मिल पाया है. डॉक्टर की सलाह के बाद 25 घंटे गुजर चुके हैं. अभी तक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं मिल पाया है. डॉक्टर दूसरी दवाएं दे रहे हैं. फंगस रोकने के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत बताई है. पांच दिन की डोज लिखी है. इंजेक्शन संग डॉक्टरों ने आईसोकोनाजोल की गोलियां लिखी हैं. वह भी उपलब्ध नहीं हैं.

ब्लैक फंगस को लेकर होगी वेबिनार
ब्लैक फंगस यानी म्यूकरोमायकोसिस का इलाज स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान इसका इलाज ढूंढने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. इस सिलसिले में प्रदेश की दूसरी बड़ी वेबिनार बुधवार को एसजीपीजीआई की पहल पर फिर शुरू होने जा रही है. इस वेबिनार में प्रदेशभर से स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक जुड़ेंगे.


'महत्वपूर्ण है वेबिनार'
एसजीपीजीआई के निदेशक आरके धीमन कहते हैं कि बुधवार को होने वाला वेबनार काफी महत्वपूर्ण है. इसमें जब केस पर आधारित चर्चा होगी तो इलाज कर रहे चिकित्सक आपस में अपने अनुभव साझा करेंगे. जिससे ब्लैक फंगस का इलाज ढूंढने में मदद मिलेगी.

लखनऊ: राजधानी में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालें में किया जा रहा है. केजीएमयू में ब्लैक फंगस के 34 मरीज भर्ती हैं. मंगलवार को ब्लैक फंगस के 3 और मरीज केजीएमयू में भर्ती हुए हैं. वहीं, 4 मरीजों की ब्लैक फंगस की वजह से मौत हो गई. इस बीच ब्लैक फंगस की इंजेक्शन लोगों को नहीं मिल पा रही है. मरीज की जान बचाने के लिए तीमारदार इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कहीं राहत नहीं मिल पा रही है.

ब्लैक फंगस के 6 मरीजों का हुआ ऑपरेशन
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को ब्लैक फंगस के 3 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए. अब तक कुल 34 केस अस्पताल में आ चुके हैं. इसमें से 6 मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हो चुका है. खतरे की कोई बात नहीं है. 1 मरीज को ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.

4 मरीजों की मौत
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से मंगलवार को 4 मरीजों की मौत हुई है, जिसमें रायबरेली निवासी एक 40 वर्षीय महिला, हरदोई निवासी 37 वर्षीय पुरुष, अयोध्या निवासी 52 वर्षीय महिला और लखीमपुर निवासी 50 वर्षीय महिला शामिल है. यह सभी ब्लैक फंगस से पीड़ित थे, इनका इलाज केजीएमयू में चल रहा था, लेकिन ब्लैक फंगस ने पूरी तरह से मरीज को अपनी जद में कर रखा था. जिसके कारण मंगलवार को इनकी मौत हो गई. डॉक्टरों की टीम ने इन्हें बचाने की पूरी कोशिश की.

दो दिन बाद भी नहीं मिला इंजेक्शन
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती शैलेंद्र में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. डॉक्टरों ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लिखे. दो दिन बाद भी परिवारीजन इंजेक्शन की एक डोज तक का इंतजाम नहीं कर पाए हैं. परिवार के सदस्य सनी के मुताबिक, अमीनाबाद और चौक के ज्यादातर मेडिकल स्टोर में इंजेक्शन के बारे में पता किया. कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिला. हालात यह है कि एक व्यक्ति ने 20 हजार रुपये में इंजेक्शन की एक डोज दिलाने का वादा किया पर दूसरे दिन तक इंजेक्शन नहीं मिल पाया. मंगलवार को वोरिकोनाजोल इंजेक्शन लिखी गई जो कि वो भी नहीं मिल रहा है.

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दर-दर भटके रहे मरीज
आलमबाग स्थित निजी अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीज देव कुमार को इंजेक्शन नहीं मिल पाया है. डॉक्टर की सलाह के बाद 25 घंटे गुजर चुके हैं. अभी तक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं मिल पाया है. डॉक्टर दूसरी दवाएं दे रहे हैं. फंगस रोकने के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत बताई है. पांच दिन की डोज लिखी है. इंजेक्शन संग डॉक्टरों ने आईसोकोनाजोल की गोलियां लिखी हैं. वह भी उपलब्ध नहीं हैं.

ब्लैक फंगस को लेकर होगी वेबिनार
ब्लैक फंगस यानी म्यूकरोमायकोसिस का इलाज स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान इसका इलाज ढूंढने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. इस सिलसिले में प्रदेश की दूसरी बड़ी वेबिनार बुधवार को एसजीपीजीआई की पहल पर फिर शुरू होने जा रही है. इस वेबिनार में प्रदेशभर से स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक जुड़ेंगे.


'महत्वपूर्ण है वेबिनार'
एसजीपीजीआई के निदेशक आरके धीमन कहते हैं कि बुधवार को होने वाला वेबनार काफी महत्वपूर्ण है. इसमें जब केस पर आधारित चर्चा होगी तो इलाज कर रहे चिकित्सक आपस में अपने अनुभव साझा करेंगे. जिससे ब्लैक फंगस का इलाज ढूंढने में मदद मिलेगी.

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