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लखनऊ: मेयो अस्पताल पर संक्रमित मरीज का फर्जी बिल बनाने का आरोप - कोरोना मरीज के इलाज का फर्जी बिल

राजधानी लखनऊ स्थित मेयो अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों ने बिल में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मरीज को भर्ती करते समय जितनी फीस बताई गई थी, उससे अधिक बिल थमा दिया गया है.

पीड़ित परिजनों से बातचीत.
पीड़ित परिजनों से बातचीत.
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Published : Sep 10, 2020, 3:06 PM IST

लखनऊ: राजधानी में निजी अस्पतालों की मनमानी के चलते मरीज अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और अवैध तरीके से बिल वसूली का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन निजी अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए मौन बना हुआ है. थाना क्षेत्र गोमती नगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज के मौत के बाद परिजनों ने गलत तरीके से बिल बनाने और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

बीते दिनों राजधानी के बहुचर्चित अपोलो हॉस्पिटल और विभूति खंड थाना अंतर्गत स्थित चंदन हॉस्पिटल पर भी ऐसे आरोप लगे हैं. मामले में कोर्ट के आदेशानुसार मुकदमे भी दर्ज किए गए. गोमती थाना क्षेत्र निवासी ध्रुव कुमार सिंह का कहना है कि 4 दिन पहले लोक बंधु हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमित रमेश को मेयो हॉस्पिटल में रेफर किया गया. बुधवार को इलाज के दौरान रमेश की मृत्यु हो गई. रमेश को रेफर करने के दौरान यह बताया गया था कि मेयो अस्पताल में L-2 फैसिलिटी नहीं है. वहां पर L-3 फैसिलिटी मिलेगी और मरीज स्वस्थ हो जाएगा.

पीड़ित परिजनों से बातचीत.

मृतक के परिजनों का कहना है कि उस समय प्रतिदिन का खर्चा 17 से 20 हजार बताया गया था, लेकिन 4 दिन इलाज चलने के बाद बिल 3 लाख बनाया गया है. बिल को गलत तरीके से मेंशन किया गया. पीड़ित परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हुई है.

काफी देर तक हंगामा करने और एसीएम के आने के बाद बिल में 70 हजार की छूट दी गई. बावजूद इसके परिजनों की मांग थी कि अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई की जाए. हंगामे के बाद मौके पर पहुंची गोमतीनगर पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और परिजनों को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया. पुलिस ने पीड़ित परिजनों से कहा कि लिखित में सूचना दी जाए, इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी में निजी अस्पतालों की मनमानी के चलते मरीज अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और अवैध तरीके से बिल वसूली का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन निजी अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए मौन बना हुआ है. थाना क्षेत्र गोमती नगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज के मौत के बाद परिजनों ने गलत तरीके से बिल बनाने और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

बीते दिनों राजधानी के बहुचर्चित अपोलो हॉस्पिटल और विभूति खंड थाना अंतर्गत स्थित चंदन हॉस्पिटल पर भी ऐसे आरोप लगे हैं. मामले में कोर्ट के आदेशानुसार मुकदमे भी दर्ज किए गए. गोमती थाना क्षेत्र निवासी ध्रुव कुमार सिंह का कहना है कि 4 दिन पहले लोक बंधु हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमित रमेश को मेयो हॉस्पिटल में रेफर किया गया. बुधवार को इलाज के दौरान रमेश की मृत्यु हो गई. रमेश को रेफर करने के दौरान यह बताया गया था कि मेयो अस्पताल में L-2 फैसिलिटी नहीं है. वहां पर L-3 फैसिलिटी मिलेगी और मरीज स्वस्थ हो जाएगा.

पीड़ित परिजनों से बातचीत.

मृतक के परिजनों का कहना है कि उस समय प्रतिदिन का खर्चा 17 से 20 हजार बताया गया था, लेकिन 4 दिन इलाज चलने के बाद बिल 3 लाख बनाया गया है. बिल को गलत तरीके से मेंशन किया गया. पीड़ित परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हुई है.

काफी देर तक हंगामा करने और एसीएम के आने के बाद बिल में 70 हजार की छूट दी गई. बावजूद इसके परिजनों की मांग थी कि अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई की जाए. हंगामे के बाद मौके पर पहुंची गोमतीनगर पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और परिजनों को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया. पुलिस ने पीड़ित परिजनों से कहा कि लिखित में सूचना दी जाए, इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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